भोलू का भाई तो रामलाल का दोस्त लिखकर हो रही पहचान, उपद्रवियों की गिरफ्तारी बनी मुसीबत
दो अप्रैल को हुए उपद्रव में शामिल आरोपियों की घटना के फोटों से देखकर की जा रही है पहचान। 18 को चल समारोह की अनुमति...
Bhaskar News Network | Last Modified - Apr 17, 2018, 04:10 AM IST
दो अप्रैल को हुए उपद्रव में शामिल आरोपियों की घटना के फोटों से देखकर की जा रही है पहचान।
18 को चल समारोह की अनुमति नहीं
परशुराम जयंती का आयोजन 18 अप्रैल को किया जाना है। इस मौके पर परंपरागत चल समारोह निकालने की किसी भी अपील या अनुमति आवेदन को प्रशासन व पुलिस कतई स्वीकार नहीं करेगी। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह का कहना है कि अभी तक आयोजकों ने परशुराम मंदिर में उपस्थित होकर पूजा अर्चना करने का आश्वासन दिया है। यदि फिर भी कोई चल समारोह निकालने की बात करेगा तो उसे परमिशन नहीं दी जाएगी क्योंकि धारा 144 लागू है।
50 पर घोषित होना था इनाम, पुलिस सिर्फ 10 आरोपियों पर घोषित कर सकी
उपद्रव में शामिल दस आरोपियों पर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने तीन-तीन हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इनमें तोताराम जाटव पुत्र खरगाराम जाटव निवासी सिग्नल बस्ती, सोना पुत्र महेश खटी सुभाषनगर, आकाश पुत्र धारा सिंह जाटव सिग्नल बस्ती, गूंगा पुत्र देवीराम जाटव सिग्नी बस्ती, हरिशचंद पुत्र लोडू जाटव सिग्नल बस्ती, प्रदीप पुत्र मूलचंद उर्फ मूला जाटव रेस्टहाउस के पीछे एबी रोड, निंकी पुत्र बृजेश जाटव सिग्नल बस्ती, सनी पुत्र मुन्ना जाटव सिग्नल बस्ती व सुभाष पुत्र गोपी मालोनिया निवासी सिग्नल बस्ती शामिल हैं। यहां बता दें कि एसपी ने 50 आरोपियों पर इनाम घोषित करने की बात कही थी। लेकिन कोतवाली पुलिस केवल 10 आरोपियों के नाम ही पेश कर सकी हैं। कोतवाली पुलिस पहचान न होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है।
गिरफ्तार आरोपी पर भी कर दिया इनाम घोषित
पुलिस की लापरवाही का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उस आरोपी रविंद्र कथूरिया पर भी इनाम घोषित कर दिया जो पहले ही गिरफ्तार हो चुका था। बाद में आपत्ति आने पर कोतवाल ने इनाम रद्द कराने का प्रस्ताव भेजा। इसी मामले में पुलिस ने रविन्द्र से पहले उनके भाई राजेश कथूरिया को आरोपी बना लिया था।
उपद्रवियों को पकड़ने के लिए दो सप्ताह का अल्टीमेटम
सर्वसमाज संघर्ष समिति ने सोमवार को प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि दो अप्रैल को तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों और उनको संरक्षण देने वालों को दो सप्ताह में गिरफ्तार किया जाए अन्यथा संघर्ष समिति विरोध प्रदर्शन करेगी। सोमवार की शाम अग्रसेन पार्क में आयोजित बैठक में विभिन्न समाज के लोगों ने कहा कि पुलिस उन लोगों पर हाथ नहीं डाल रही है, जिन्होंने उपद्रवियों को फंडिंग की है। जो सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अवकाश लेकर बंद में शामिल रहे, उनके अवकाश आवेदन सामने आने के बाद भी प्रशासन ने उन्हें निलंबित नहीं किया। बैठक में महेश भारद्वाज, डीडी मिश्रा, गजेंद्र राठौर, रामबल सिकरवार, सतेन्द्र परमार, दशरथ सिंह, शत्रुघन सिंह, ओमवीर सिंह मौजूद थे।
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परशुराम जयंती का आयोजन 18 अप्रैल को किया जाना है। इस मौके पर परंपरागत चल समारोह निकालने की किसी भी अपील या अनुमति आवेदन को प्रशासन व पुलिस कतई स्वीकार नहीं करेगी। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह का कहना है कि अभी तक आयोजकों ने परशुराम मंदिर में उपस्थित होकर पूजा अर्चना करने का आश्वासन दिया है। यदि फिर भी कोई चल समारोह निकालने की बात करेगा तो उसे परमिशन नहीं दी जाएगी क्योंकि धारा 144 लागू है।
50 पर घोषित होना था इनाम, पुलिस सिर्फ 10 आरोपियों पर घोषित कर सकी
उपद्रव में शामिल दस आरोपियों पर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने तीन-तीन हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इनमें तोताराम जाटव पुत्र खरगाराम जाटव निवासी सिग्नल बस्ती, सोना पुत्र महेश खटी सुभाषनगर, आकाश पुत्र धारा सिंह जाटव सिग्नल बस्ती, गूंगा पुत्र देवीराम जाटव सिग्नी बस्ती, हरिशचंद पुत्र लोडू जाटव सिग्नल बस्ती, प्रदीप पुत्र मूलचंद उर्फ मूला जाटव रेस्टहाउस के पीछे एबी रोड, निंकी पुत्र बृजेश जाटव सिग्नल बस्ती, सनी पुत्र मुन्ना जाटव सिग्नल बस्ती व सुभाष पुत्र गोपी मालोनिया निवासी सिग्नल बस्ती शामिल हैं। यहां बता दें कि एसपी ने 50 आरोपियों पर इनाम घोषित करने की बात कही थी। लेकिन कोतवाली पुलिस केवल 10 आरोपियों के नाम ही पेश कर सकी हैं। कोतवाली पुलिस पहचान न होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है।
गिरफ्तार आरोपी पर भी कर दिया इनाम घोषित
पुलिस की लापरवाही का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उस आरोपी रविंद्र कथूरिया पर भी इनाम घोषित कर दिया जो पहले ही गिरफ्तार हो चुका था। बाद में आपत्ति आने पर कोतवाल ने इनाम रद्द कराने का प्रस्ताव भेजा। इसी मामले में पुलिस ने रविन्द्र से पहले उनके भाई राजेश कथूरिया को आरोपी बना लिया था।
उपद्रवियों को पकड़ने के लिए दो सप्ताह का अल्टीमेटम
सर्वसमाज संघर्ष समिति ने सोमवार को प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि दो अप्रैल को तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों और उनको संरक्षण देने वालों को दो सप्ताह में गिरफ्तार किया जाए अन्यथा संघर्ष समिति विरोध प्रदर्शन करेगी। सोमवार की शाम अग्रसेन पार्क में आयोजित बैठक में विभिन्न समाज के लोगों ने कहा कि पुलिस उन लोगों पर हाथ नहीं डाल रही है, जिन्होंने उपद्रवियों को फंडिंग की है। जो सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अवकाश लेकर बंद में शामिल रहे, उनके अवकाश आवेदन सामने आने के बाद भी प्रशासन ने उन्हें निलंबित नहीं किया। बैठक में महेश भारद्वाज, डीडी मिश्रा, गजेंद्र राठौर, रामबल सिकरवार, सतेन्द्र परमार, दशरथ सिंह, शत्रुघन सिंह, ओमवीर सिंह मौजूद थे।
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