जिले में दो सालों से औसत से कम बारिश और इस बार मावठा न गिरने से जलस्तर में बीते साल से भी तीन मीटर नीचे गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते जिले में जल संकट की आहट सुनाई देने लगी हैं। इसके चलते मंडीदीप में चार दिन,गैरतगंज में 2 दिन और सांची में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। इसके चलते वहां के रहवासियों को कहीं टैंकरों से पानी खरीदकर तो कहीं दूर दराज के हैंडपंपों से लाना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक इस बार जिले में औसत बारिश 132 सेमी की जगह महज 105 सेमी ही हुई है। इसके चलते जिले में ट्यूबवेल तेजी से सूखने लगे हैं। हालत यह है कि ट्यूबवेल का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। इसके चलते पानी सप्लाई करने में नगरपालिकाओं और नगरपरिषदों को काफी मशक्कत करना पड़ रही है। कुछ ट्यूबवेल सूख गए हैं जो चल रहे हैं उनका पानी कम हो गया। इस कारण लोगों को अभी से पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। अभी गर्मी शुरू भी नहीं हुई है, इसके बाद भी पानी की कमी होने से लोगों को चिंता सताने लगी है।
जिले के गैरतगंज में 34 और बेगमगंज में गिरा 32 मीटर भू-जल स्तर, गर्मी में बढ़ सकती है और दिक्कत
हमारे जिले में भू-जल स्तर गिरने की हैं तीन मुख्य वजह
27 सेमी कम हुई बारिश
जिले में बीते दो सालों से औसत से कम बारिश हो रही हैं। वर्ष 2017-18 में महज 88 सेमी बारिश जिले में हुईं थी। वहीं इस बार वर्ष 2018-19 में भी 105 सेमी ही बारिश हुई है। जबकि जिले की सामान्य औसत बारिश 132 सेमी मानी जाती है। इस हिसाब से जिले में इस बार 27 सेमी कम बारिश हुई है। इसी तरह बीते साल सामान्य से 44 सेमी कम बारिश हुई थी। इस तरह से दो साल से जिले में सामान्य बारिश भी नहीं हो पा रही है।
13 फरवरी की स्थिति में भूजल स्तर
मावठा भी नहीं गिरा
बारिश के सीजन के बाद दिसंबर के महीने में किसानों के लिए मावठा का इंतजार रहता है, लेकिन इस बार मावठा नहीं गिरा। इसके चलते फसलों को पानी की जरूरत अधिक पड़ी। किसानों को ट्यूबवेल,नदी,तालाब सहित जिसको जहां पानी मिला, उन्होंने बिजली की मोटरों के माध्यम से खींचना शुरू कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि भूजल स्तर में फरवरी के महीने में बड़ी गिरावट होने लगी है। इसके चलते नदियां तो पहले ही सूख गईं, अब ट्यूबवेल भी दम तोड़ने लगे हैं।
सांची-28 मीटर
गैरतगंज-34 मीटर
बेगमगंज-32 मीटर
सिलवानी-24 मीटर
उदयपुरा-22 मीटर
बरेली-24 मीटर
ओबेदुल्लागंज-28 मी.
औसत- 27 मीटर
बीते साल- 24 मीटर
बारिश का पानी नहीं रोका
जानकारी के मुताबिक भले ही बीते दो साल से कम बारिश हो रही हों। इसके बावजूद जिले भर में बारिश के पानी को रोकने के लिए कोई प्रयास ही नहीं किए गए। बारिश का पानी नदी,नालों के माध्यम से बहकर चला गया। कहीं बाढ़ के हालात भी बने। उस समय पानी की अधिकता से परेशानी हुई अब पानी की कमी से परेशानी हो रही हैं। लेकिन पानी रोकने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास नहीं हो रहे हैं।
कहां-कितने दिन में हो रहा पानी सप्लाई
मंडीदीप:चार दिन छोड़कर मिल रहा पानी : जिले में सबसे अधिक पानी की किल्लत मंडीदीप में आ रही हैं। यहां चार दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। यहां भी 20 टयूबवेल पूरी तरह से सूख चुके हैं। जो चल भी रहे हैं उनमें में 30 से 40 पाइप बढ़ाकर जमीन से ही पानी खींचा जा रहा है।
गैरतगंज:दो दिन छोड़कर मिल रहा पानी :नपा के पास 18 ट्यूबवेल हैं जिनसे पानी की सप्लाई की जाती है। क्षेत्र का भूजल स्तर इस बार जिले में सबसे अधिक 34 मीटर तक गिर गया है। 8 ट्यूबवेल सूख जाने से 10 ट्यूबवेल से दो दिन छोड़कर पानी सप्लाई की जा रही है।
सांची:एक दिन छोड़कर पानी: जल स्तर 28 मीटर पर पहुंच गया है। 15 में से 7 वार्डों में एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई हो जा रही है। सीएमओ वीरेंद्र चक्रवर्ती के मुताबिक नगरपालिका के 13 ट्यूबवेल हैं। इनमें से 5 सूख गए हैं। 8 ट्यूबवेल चल रहे हैं। इनमें भी कम पानी आ रहा है।
समाधान: बारिश का पानी रोकना एक मात्र समाधान
बारिश से मिला पानी ही सिंचाई से लेकर दूसरे कामों में उपयोग लाया जाता है। इसके चलते बारिश के दिनों में पानी का मोल पहचाना होगा। शासन,प्रशासन,नगरपालिकाएं, पंचायतें और आम लोग हर स्तर पर पानी रोकने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कराना होगा। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में रूफवाटर हार्वेस्टिंग,ग्रामीण क्षेत्रों में खेत तालाब,मेढ़ बंधान,स्टॉप डेम सहित इस तरह के दूसरे उपाय भी किए जा सकते हैं। बारिश का अधिक पानी रोक पाए तो गर्मी के दिनों में जरूरत के मुताबिक पानी मिलने लगेगा।