• Hindi News
  • National
  • Sagar News Kaj Bhairav Temple Decorated Today Will Take Pleasure Will Be Special Views

काल भैरव मंदिर में आज सजेगा फूल बंगला; भोग लगेगा, विशेष दर्शन होंगे

5 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
चकराघाट स्थित काल भैरव मंदिर में शुक्रवार को काल भैरव अष्टमी पर स्पेशल फूल बंगला विशेष दर्शन एवं पूजा का आयोजन किया जा रहा है। मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की अष्टमी को उन काल भैरव का अवतार हुआ था। शास्त्रों के अनुसार भारत की उत्पत्ति भगवान शिव के रूद्र रूप से हुई थी। बाद में शिव के दो रूप उत्पन्न हुए प्रथम को बटुक भैरव और दूसरे को काल भैरव कहते हैं।

एेसी भी मान्यता है कि बटुक भैरव भगवान का बाल रूप है और इन्हें आनंद भैरव भी कहते हैं। जबकि काल भैरव की उत्पत्ति एक श्राप के चलते हुई। इसीलिए इसे उनको शंकर का रौद्र अवतार माना जाता है। शिव के इस रूप की आराधना से भय आैर शत्रुओं से मुक्ति, आैर संकट एवं मुकदमे आदि से छुटकारा मिलता है। आयोजन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री शैलेष केशरवानी ने भक्तों से काल भैरव मंदिर में आयोजित होने जा रहे फूल बंगला में शामिल होने का आग्रह किया है।

इस दिन भैरव के वाहनों कुत्ते को खिलाने का विशेष महत्व है। भैरव जी को काशी का कोतवाल माना जाता है शास्त्रों में कहा जाता है भैरव की उपासना से भूत पिशाच और काल दूर रहता है। भैरव की उपासना दुष्ट ग्रहों के प्रभाव को भी समाप्त करती है। इस दिन काल भैरव की उपासना के लिए ओम भैरवाय नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। श्री काल भैरव अष्टमी के दिन रात्रि जागरण भजन कीर्तन के साथ पान के पत्ते पर लौंग और बताशा प्रज्वलित करके भैरव जी की आरती करनी चाहिए। भैरव मंदिरों में हवन, कीर्तन, पूजन, अर्चना के साथ साथ दही बड़े एवं इमरती का भोग लगाया जाता है। भक्तों से काल भैरव मंदिर में आयोजित फूल बंगला में शामिल होने का आग्रह किया गया है ।

इससे पहले मंदिर में फूल बंगला सजाकर भगवान को भोग लगाया जाएगा। साथ ही महाआरती व महाप्रसादी का वितरण होगा। आयोजन की शुरुआत विद्वान पंडितों के सान्निध्य में अभिषेक-पूजन के साथ की जाएगी। वहीं विभिन्न किस्मों के फूलों से फूल बंगला सजाया जाएगा।