राजघाट बांध से जल संकट दूर होने के बाद अब शहर गंदे पानी की सप्लाई से जूझ रहा है। लोग यही पानी पीने के लिए मजबूर हैं। पिछले कुछ दिनों से शहर के अधिकांश इलाकों में मटमैले और बदबूदार पानी की सप्लाई की जा रही है। पानी इतना गंदा है कि बर्तन में पानी भरने के कुछ मिनट बाद ही बर्तन के निचले हिस्से में गंदगी की परत जमा हो जाती है। इसको पीने से अब कई लोगों को पेट दर्द की भी शिकायत होने लगी है। इसके बावजूद निगम गंदे पानी की सप्लाई के लिए रोकने के कोई प्रयास नहीं कर रहा है।
पिछले कई दिनों से शहर के लक्ष्मीपुरा, बड़ा बाजार, इतवारी, काकागंज, पंतनगर, शुक्रवारी, भगवानगंज सभी वार्डों में ऐसे ही पानी सप्लाई हो रही है। पिछले कुछ दिनों में बीएमसी और जिला अस्पताल में पेट दर्द के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
इन कारणों से भी पानी आ रहा गंदा
Ãपिछले एक सप्ताह से नलों में बदबूदार व मटमैला पानी आ रहा है। जिससे बच्चों में पेट दर्द की शिकायत मिल रही है। पिछले साल भी यही स्थिति बनी थी। - शीलाबाई कोरी, पंतनगर, सागर
Á राजघाट ट्रीटमेंट प्लांट पर एलम का सही मात्रा में न मिलाया जाना Áकैमिस्ट की पदस्थापना न होना Á लाइनों में लीकेज और टंकियों की सफाई न होना Áएलम की घटिया क्वालिटी और क्लोरीनेशन का अभाव
Ãनलों से आ रहा पानी पीने लायक तो छोड़ो इससे नहाने में भी घिन आ रही है। बर्तन की तली में कीचड़ जमा रहा जाता है। ऐसा पानी कैसे पीये। - राजेश जैन, लक्ष्मीपुरा, सागर
Ãअगर गंदे पानी की सप्लाई शहर में हो रही है तो आज ही अधिकारी-कर्मचारियों से इसकी जानकारी लूंगा। सभी टंकियों की सफाई भी जल्द से जल्द कराई जाएगी। - आरपी अहिरवार, निगमायुक्त
एक हफ्ते में पेट दर्द के मरीज बढ़े हैं
Ãपिछले एक हफ्ते में बीएमसी की ओपीडी में पेट दर्द के मरीज बढ़े हैं। इसका एक बढ़ा कारण शहर में सप्लाई हो रहा गंदा पेयजल है। - डॉ. मनीष जैन, असि. प्रोफे. बीएमसी
एलम के डोज और गुणवत्ता पर सवाल
राजघाट बांध के फिल्टर प्लांट पर पानी में एलम (पानी को साफ करने) मिलाया जाता है। लेकिन इसकी भी गुणवत्ता पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। नगर निगम टेंडर कर लोकल सप्लायर से एलम खरीद लेता है। लेकिन इसकी गुणवत्ता और पानी की वैल्यू पर उसका क्या असर पड़ रहा है। इसको लेकर ध्यान नहीं दिया जाता। प्लांट पर एलम मिलाने वाले रात में सही डोज का इस्तेमाल नहीं करते।
नहीं है कोई कैमिस्ट : नगर निगम स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर कितना गंभीर है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि सालों से नगर निगम में कोई कैमिस्ट नहीं है। जबकि राजघाट पर नगर निगम ने पानी की सप्लाई और गुणवत्ता को लेकर ऐसे कर्मचारी को तैनात किया है, जिसका कैमिस्ट लाइन से कोई लेना-देना ही नहीं।