सोसायटियों में चना फसल की खरीदी का काम 5 जून तक चला। इस बीच जिले के करीब 16 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर उपज बेची। किसानों को सोसायटियों में 24 से अधिक दिन बीत गए, लेकिन भुगतान नहीं हो सका है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। चना फसल की राशि के भुगतान के संबंध में बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। इधर खरीफ सीजन की बोवनी के लिए रुपयों की जरूरत है।
किसान खेतों में खरीफ सीजन की बोवनी के लिए खेत तैयार कर रहे हैं। अच्छी बारिश होने के बाद बोवनी का काम शुरू कर देंगे। बोवनी के लिए खाद, बीज की व्यवस्था में जुटे किसानों को रुपयों की जरूरत है। जबकि किसानों ने 5 जून से तक समर्थन मूल्य पर सोसायटियों में चना की उपज बेची है। जिनके भुगतान का समय 7 दिन तौल पर्ची में दिया गया है। जबकि कई किसान जिन्होंने 20 मई से पहले अपनी खरीदी केंद्रों पर चना की उपज बेची थी। जिनके खातों में अभी तक राशि नहीं पहुंची है। इससे किसान बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। किसान बैंकों के हर दिन चक्कर लगाकर खाते में चना फसल की राशि जांच कर रहे हैं।
20 मई को उपज बेची, नहीं अाई राशि
धबोटी के किसान राजेश पुत्र रामप्रसाद ने बताया कि खामलिया खरीदी केंद्र पर चना की 33 क्विंटल उपज तौल कराई थी। जिसका रुपया अभी तक नहीं आया है। इसी तरह लक्ष्मण सिंह पुत्र खुशीलाल का कहना है कि बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। बैंकों से सही जबाव नहीं दिया जा रहा है कि कब तक चना के भुगतान की राशि आएगी। इसी तरह बाब पुत्र मांगीलाल का कहना है कि सोसायटियों में जाकर राशि के भुगतान की मांग करते हैं तो वहां से कोई सही जबाव नहीं दे पा रहे हैं। जिम्मेदारों का कहना है कि शासन से किसानों के खातों में सीधे राशि पहुंचाई जा रही है। यह राशि कब तक आएगी सही नहीं बता सकते।
बोवनी के लिए खाद, बीज खरीदना है : बमुलिया के किसान देवनारायण पुत्र जगन्नाथ का कहना है कि खरीदी केंद्र पर चना फसल बेची थी। जिसकी राशि 24 दिन से अधिक हो जाने के बाद भी नहीं आई है। इधर खरीफ सीजन की बोवनी के लिए खाद और बीज खरीदना है। चना के राशि का भुगतान हो जाता तो बारिश से पहले यह सभी व्यवस्था कर लेते। अभी केवल खेत तैयार कर छोड़ दिया है। बारिश आने के बाद बोवनी करेंगे।
2500 किसानों का नहीं हुआ भुगतान
खरीदी केंद्रों पर चना फसल बेचने वाले जिले के करीब 16 हजार किसान हैं। जिन्हें 216 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। इसमें से 192 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खातों में पहुंचा दी गई है। जबकि 2500 किसान अभी भी बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। जिन्हें उपज का भुगतान नहीं हो सका है।
5 जून तक हुई थी खरीदी, 2500 किसानों का 24 करोड़ का भुगतान बाकी
भुगतान कर रहे हैं