एटीएम से बढ़ रहे ठगी के मामले एफआईआर दर्ज नहीं करती पुलिस
फोटो 01, भास्कर संवाददाता | श्योपुर एटीएम से ठगी के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है लेकिन, इन मामलों में न...
Bhaskar News Network | Last Modified - Apr 01, 2018, 03:25 AM IST
फोटो 01, भास्कर संवाददाता | श्योपुर
एटीएम से ठगी के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है लेकिन, इन मामलों में न पुलिस एफआईआर कर रही है और नहीं बैंक प्रबंधन ठगी को लेकर ठोस कार्रवाई करने को तैयार है। ऐसे में ठगी के शिकार हुए लोग इन मामलों में अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने के लिए बैंक और पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहे है। श्योपुर जिले में ठगी के मामलों की लंबी फेहरिस्त बनती जा रही है।
अब तक मोबाइल फोन पर आने वाले काॅल से ठगी के मामले सामने आते थे लेकिन, बीते कुछ दिनों से एटीएम बदलकर ठगी करने के मामले सामने आने लगे है। मोबाइल फोन से होने वाली ठगी को लेकर पुलिस और बैंक एक ही बात कहते थे कि, इसकी जानकारी वह नहीं लगा सकते।
पुलिस का मानना तो यह था कि, यह ठगी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश सहित चीन जैसे देशों में साइबर क्राइम करने वाले लोग कर रहे है। जिन्हें पकड़ पाना उनके लिए नामुमकिन है। ऐसे में लोग अपना आवेदन देने के बाद में लौट जाते अौर ठगी में गई मेहनत की कमाई को भूल जाते।
लेकिन अब तो शहर में ही एटीएम बदलकर ठगी के मामले सामने आने लगे है। लेकिन पुलिस इन मामलों में आने वाले आवेदनों पर से एफआईआर तो दूर की बात जांच तक नहीं कर रही है। नतीजा एसपी आफिस में आने वाले आवेदन एक टेबल से दूसरी टेबल पर धूल खा रहे है।
बीते महीने में ही एटीएम बदलकर चार ठगी के केस सामने आए थे। जबकि 50 से ज्यादा ठगी के आवेदन थानों में पड़े हुए है। लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं शहर के मुकेश राठौर से हाल ही में 30 हजार रुपए की ठगी को एटीएम बदलकर अंजाम दिया गया है।
श्योपुर चौराहे पर लगा एसबीआई का एटीएम, जहां कोई गार्ड नहीं है।
यह हैं कुछ ठगी के मामले
केस 01: 21 मार्च को बड़ा इमामबाड़ा निवासी रसीद खान के पोस्ट ऑफिस के खाते से उनके मोबाइल पर एक के एक बाद एक मैसेज आना शुरू हुए। जिसमें 10-10 हजार रुपए की राशि निकाले जाने की सूचना थी। इस पर वह बैंक पहुंचे और एटीएम कार्ड को बंद करवाया। लेकिन जब एटीएम को ब्लॉक कराया गया, तब तक ऑनलाइन बैठकर ठगी करने वाले ने खाते से 40 हजार रुपए उड़ा दिए। जिसकी शिकायत उसने बैंक से लेकर पुलिस तक में की। लेकिन मामले में कोई एफआईआर नहीं की गई।
केस-02: 08 जनवरी को विजयपुर के थाना रोड स्थित एसबीआई के एटीएम पर वनकर्मी कल्याण राठौर अपने सैलरी निकाले के पहुंचा। यहां पहले से ही एक व्यक्ति खड़ा हुआ था। जिसने वनकर्मी से निगाहें चुराकर उसका एटीएम बदल लिया और अपना खाली एटीएम वनकर्मी को पकड़ा दिया। जब वनकर्मी से पैसा नहीं निकला तो वह वापस चला गया। इसके बाद ठग ने वनकर्मी का एटीएम इस्तेमाल कर उससे 32 हजार रुपए निकाल लिए।
केस 03: 09 जुलाई 2017 को बड़ा इमामबाड़ा निवासी सलीम खान के पास आई डिया कंपनी के नाम से कॉल आया। जिसमें उसे लोन देने के नाम पर अलग-अलग खातों में 1.15 लाख रुपए डलवा लिए गए। बाद में जिस नंबर से कॉल आया वह बंद मिला। इसके बाद उसे पता चला कि, उसके साथ ठगी हुई है। तब मामले में सलीम ने एसपी ऑफिस पहुंचकर आवेदन दिया। लेकिन, अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसी तरह कई केस पेंडिंग पड़े हुए है।
एटीएम के बाहर से गार्ड रहते हैं गायब
शहर में सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य कई बैंकों के एटीएम लगे हुए है। जिनकी संख्या 15 है। इन 15 में से निजी बैंकों के दो-तीन एटीएम के बाहर ही गार्ड की व्यवस्था है। जबकि सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक जैसी बड़ी बैंकों के एटीएम पर गार्ड ही तैनात नहीं है। ऐसे में इन एटीएम केन्द्रों में एक साथ चार-पांच लोग घुस जाते है। जिससे ठगी के यह मामले बढ़ रहे है। ठगी के मामलों में एसबीआई के ग्राहक ज्यादा शिकार है। बावजूद इसके न तो बैंक प्रबंधन अपने ग्राहक को सुरक्षा देने को तैयार है और नहीं खुद के एटीएम केन्द्र की सुरक्षा करने को। जब ठगी के बाद कोई ग्राहक बैंक प्रबंधन के पास पहुंचता है तो वहां से उसे बिना जांच के ही लौटा दिया जाता है। यह हालात अधिकतर बैंकों के है।
एटीएम से ठगी का आवेदन आया है
एटीएम से ठगी का आवेदन आया है, जिस पर हमारे द्वारा जांच की जा रही है। बैंक अकाउंट की डिटेल निकलवाई जा रही है। जिसमें पूरी जानकारी यानी जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। सुनील खेमरिया, टीआई कोतवाली श्योपुर
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अब तक मोबाइल फोन पर आने वाले काॅल से ठगी के मामले सामने आते थे लेकिन, बीते कुछ दिनों से एटीएम बदलकर ठगी करने के मामले सामने आने लगे है। मोबाइल फोन से होने वाली ठगी को लेकर पुलिस और बैंक एक ही बात कहते थे कि, इसकी जानकारी वह नहीं लगा सकते।
पुलिस का मानना तो यह था कि, यह ठगी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश सहित चीन जैसे देशों में साइबर क्राइम करने वाले लोग कर रहे है। जिन्हें पकड़ पाना उनके लिए नामुमकिन है। ऐसे में लोग अपना आवेदन देने के बाद में लौट जाते अौर ठगी में गई मेहनत की कमाई को भूल जाते।
लेकिन अब तो शहर में ही एटीएम बदलकर ठगी के मामले सामने आने लगे है। लेकिन पुलिस इन मामलों में आने वाले आवेदनों पर से एफआईआर तो दूर की बात जांच तक नहीं कर रही है। नतीजा एसपी आफिस में आने वाले आवेदन एक टेबल से दूसरी टेबल पर धूल खा रहे है।
बीते महीने में ही एटीएम बदलकर चार ठगी के केस सामने आए थे। जबकि 50 से ज्यादा ठगी के आवेदन थानों में पड़े हुए है। लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं शहर के मुकेश राठौर से हाल ही में 30 हजार रुपए की ठगी को एटीएम बदलकर अंजाम दिया गया है।
श्योपुर चौराहे पर लगा एसबीआई का एटीएम, जहां कोई गार्ड नहीं है।
यह हैं कुछ ठगी के मामले
केस 01: 21 मार्च को बड़ा इमामबाड़ा निवासी रसीद खान के पोस्ट ऑफिस के खाते से उनके मोबाइल पर एक के एक बाद एक मैसेज आना शुरू हुए। जिसमें 10-10 हजार रुपए की राशि निकाले जाने की सूचना थी। इस पर वह बैंक पहुंचे और एटीएम कार्ड को बंद करवाया। लेकिन जब एटीएम को ब्लॉक कराया गया, तब तक ऑनलाइन बैठकर ठगी करने वाले ने खाते से 40 हजार रुपए उड़ा दिए। जिसकी शिकायत उसने बैंक से लेकर पुलिस तक में की। लेकिन मामले में कोई एफआईआर नहीं की गई।
केस-02: 08 जनवरी को विजयपुर के थाना रोड स्थित एसबीआई के एटीएम पर वनकर्मी कल्याण राठौर अपने सैलरी निकाले के पहुंचा। यहां पहले से ही एक व्यक्ति खड़ा हुआ था। जिसने वनकर्मी से निगाहें चुराकर उसका एटीएम बदल लिया और अपना खाली एटीएम वनकर्मी को पकड़ा दिया। जब वनकर्मी से पैसा नहीं निकला तो वह वापस चला गया। इसके बाद ठग ने वनकर्मी का एटीएम इस्तेमाल कर उससे 32 हजार रुपए निकाल लिए।
केस 03: 09 जुलाई 2017 को बड़ा इमामबाड़ा निवासी सलीम खान के पास आई डिया कंपनी के नाम से कॉल आया। जिसमें उसे लोन देने के नाम पर अलग-अलग खातों में 1.15 लाख रुपए डलवा लिए गए। बाद में जिस नंबर से कॉल आया वह बंद मिला। इसके बाद उसे पता चला कि, उसके साथ ठगी हुई है। तब मामले में सलीम ने एसपी ऑफिस पहुंचकर आवेदन दिया। लेकिन, अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसी तरह कई केस पेंडिंग पड़े हुए है।
एटीएम के बाहर से गार्ड रहते हैं गायब
शहर में सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य कई बैंकों के एटीएम लगे हुए है। जिनकी संख्या 15 है। इन 15 में से निजी बैंकों के दो-तीन एटीएम के बाहर ही गार्ड की व्यवस्था है। जबकि सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक जैसी बड़ी बैंकों के एटीएम पर गार्ड ही तैनात नहीं है। ऐसे में इन एटीएम केन्द्रों में एक साथ चार-पांच लोग घुस जाते है। जिससे ठगी के यह मामले बढ़ रहे है। ठगी के मामलों में एसबीआई के ग्राहक ज्यादा शिकार है। बावजूद इसके न तो बैंक प्रबंधन अपने ग्राहक को सुरक्षा देने को तैयार है और नहीं खुद के एटीएम केन्द्र की सुरक्षा करने को। जब ठगी के बाद कोई ग्राहक बैंक प्रबंधन के पास पहुंचता है तो वहां से उसे बिना जांच के ही लौटा दिया जाता है। यह हालात अधिकतर बैंकों के है।
एटीएम से ठगी का आवेदन आया है

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