द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट का फैसला
श्योपुर|जिला कोर्ट की द्वितीय अपर सत्र अदालत के न्यायाधीश ने दहेज हत्या के मामले में चल रहे प्रकरण में मंगलवार को फैसला दिया। जिसमें आरोपी पति, सास व देवर को दोषी मानते हुए उन्हें 10-10 साल की सश्रम जेल की सजा सुनाई। शासन पक्ष से पैरवी लोक अभियोजक एमडी सोनी ने की।
11 जुलाई 2014 को जनता नगर निवासी शबीना प|ी वसीम अंसारी ने फांसी लगा ली थी। जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरु की और चालान कोर्ट में पेश किया गया। मामले में सामने आया कि शबीना की शादी उसके माता-पिता की मृत्यु हो जाने के चलते चाचा अलीमुद्दीन व याकूब ने मिलकर 8 अप्रैल 2012 में जनता नगर निवासी वसीम अंसारी के साथ सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराई। शादी के बाद से ही पति वसीम अंसारी, देवर अनवर व सास आमना खातून उसे दहेज में 1 लाख रुपए की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे। नतीजा 11 जुलाई 2014 को उसने फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई। कोर्ट में चली सुनवाई में साक्ष्य व अभियोजन के तर्कों के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसमें आईपीसी की धारा 304 बी (दहेज हत्या) में उन्हें 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।