2004 में स्कूल कॉलेजों के बाहर छात्राओं से छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ गई थी। उस समय एसपी उपेंद्र जैन और डीएसपी रचना ठाकुर ने बालिकाओं की सुरक्षा में मदद के लिए संगीनी ग्रुप की स्थापना कराई थी। ग्रुप ने बालिकाओं के लिए मार्शल आर्ट की नि:शुल्क क्लासेस चलाई और ढाई हजार से ज्यादा को आत्मरक्षा के गुर सिखाए।
साल 2004 में एसपी ने सिंहस्थ में भी संगीनी ग्रुप की महिलाओं को मदद के लिए स्वयं के खर्च से मानदेय देकर जिम्मेदारी भी सौंपी थी। एसपी और डीएसपी के स्थानांतरण के बाद इस ग्रुप ने अपने स्तर पर बालिकाओं की सुरक्षा के साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सेवा जारी रखी। ग्रुप अध्यक्ष ममता सांगते ने बताया वे मार्शल आर्ट में ब्लेक बेल्ट हैं। उन्होंने स्कूलों में बालिकाओं को मार्शल आर्ट सिखाया।
ग्रुप संरक्षक सतविंदर कौर सलूजा अपने खर्च से गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पापड़, अचार का प्रशिक्षण दिया, जो आज स्वयं का व्यापार कर रही हैं। इसके अलावा सिलाई, कढ़ाई और पीको-फॉल लगाने का काम सिखवाकर इसके लिए कई गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन भी भेंट कर चुकी हैं।
संस्था सेवा
गरीब वर्ग की महिलाओं को सिलाई मशीन देतीं संगीनी ग्रुप की सदस्य।
जवानों को बांधती हंै राखी
संगीनी ग्रुप सेवा लिए समर्पित संस्था बन गई हैं। ग्रुप सदस्य देश की सुरक्षा के लिए बॉर्डर पर तैनात जवानों को राखी बांधने भी जाती हैं। इसके अलावा देश में 15 सालों में जब भी बाढ़ आई ग्रुप ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचकर प्रभावितों को भोजन, कपड़े सहित अन्य मदद भी की। सांगते बताती हैं केदारेश्वर में 16 जून 2015 को बाढ़ आई थी इसके चार 6 दिन बाद 24 जून को ग्रुप ने केदारनाथ क्षेत्र में पहुंचकर भोजन और कपड़े उपलब्ध करा दिए थे। इसके अलावा केरल, बिहार सहित नेपाल में भी बाढ़ आने पर ग्रुप ने पहुंचकर मदद की है।