ट्रेन में यात्रा करने वालेे हर व्यक्ति की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। रात में ट्रेन में सीटों पर आराम से सोए यात्री की नींद किसी दुर्घटना या हादसे की वजह से न टूटे, उनके आराम में कोई खलल न आए, वे अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचें इसलिए ट्रैक इंजीनियर्स दिन हो या रात, गर्मी हो या बरसात हर मौसम में हर परिस्थिति में काम में जुटे रहते हैं।
एसोसिएशन ऑफ रेलवे परमानेंट वेज इंजीनियर्स के बैनर तले रेलवे के रेलपथ इंजीनियरों के वार्षिक अधिवेशन में रविवार को यह बात डीआरएम आरएन सुनकर नेे रेलवे स्टेशन स्थित कम्यूनिटी हॉल में कही। अधिवेशन में देशभर से 350 रेल पथ इंजीनियरों ने भागीदारी की। आईआरपीडब्ल्यूई के अध्यक्ष एसके पाठक ने बताया अधिवेशन की अध्यक्षता डीआरएम ने की। प्रमुख अतिथि योगेश शर्मा वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय) थे। एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य आरके उप्पल, दुष्यंत कुमार, पीके शर्मा, संतोष दुबे के साथ अन्य सभी केंद्रीय पदाधिकारी मौजूद थे। अधिवेशन में लंबे समय से चली आ रही रेल पथ निरीक्षकों की विभिन्न मांगों पर विचार विमर्श किया। चेयरमैन रेलवे बोर्ड के नाम पर एक ज्ञापन डीआरएम रतलाम को सौंपा। उप्पल ने एआरपीडब्ल्यूई के शुरुआत से अब तक के सफर के बारे में बताया। वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय) शर्मा ने परे के प्रमुख मुख्य इंजीनियर आरके मीणा के शुभकामना संदेश का वाचन किया। जसविंदररसिंह ने बताया-कार्यक्रम की शुरुआत में डीआरएम का इटली में मास्टर ऑफ मैनेजमेंट का प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर सम्मान किया। डीआरएम इटली में आयोजित रेलवे का संरक्षा, सुरक्षा और सुविधा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के अध्ययन के लिए प्रवास कर लौटे हैं। दो सत्राें में हुए अधिवेशन के दूसरे सत्र में संरक्षा को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
अधिवेशन में यह मांगें रखीं

रेलवेे इंजीनियर्स को हार्ड ड्यूटी अलाउंस दिलाएं।

जूनियर इंजीनियर काे 4600 आैर सीनियर इंजीनियर को 5400 रुपए की भर्ती ग्रेड-पे दी जाए।

रेल पथ इंजीनियर को साप्ताहिक अवकाश दिलाएं।

इंजीनियर्स के प्रमोशन अवसर बहुत कम हैं। पॉलिसी में बदलाव करें।
रेलवे स्टेशन परिसर के कम्युनिटी हॉल में संबाेधित करते डीआरएम।