महाकाल मंदिर में श्रावण में आने वाले कावड़ यात्रियों का क्रम 18 जुलाई से शुरू हो जाएगा। पहली कावड़ यात्रा उत्तम स्वामी की होगी जो त्रिवेणी से महाकाल पहुंचेगी। श्रावण में 250 से ज्यादा कावड़ यात्राएं आएंगी। यात्रियों को गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उनके प्रतिनिधियों को भी श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर सुविधा होने पर ही प्रवेश मिलेगा। जलाभिषेक के लिए कतारबद्ध करने में भी संयोजकों की मदद ली जाएगी।
श्रावण में होने वाली कावड़ यात्रियों की भीड़ को देखते मंदिर प्रबंध समिति ने यात्रा संयोजकों की गुरुवार को बैठक लेकर उन्हें मंदिर में जलाभिषेक के लिए की जाने वाली व्यवस्था की जानकारी दी। प्रशासक अवधेश शर्मा ने बताया कि कावड़यात्रियोें को भस्मआरती गेट से प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें नए शेड से कतारबद्ध करेंगे। मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंचे यात्रियों को कतारबद्ध रखने और अव्यवस्था न हो इसमें यात्रा संयोजक संगठन के कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी। वे मंदिर समिति द्वारा तय व्यवस्था के अनुसार जलाभिषेक करेंगे। गर्भगृह में उनके प्रतिनिधियों का प्रवेश का निर्णय मौके पर ही लिया जाएगा। यदि श्रद्धालुओं की भीड़ कम हुई तो प्रवेश दिया जा सकता है। कावडिय़ों का प्रवेश शनिवार, रविवार, सोमवार को नहीं होगा। बाकी दिन भस्मआरती के बाद प्रवेश शुरू होगा। सभी आरतियों के समय प्रवेश नहीं देंगे। संयोजकों को अपनी यात्रा की जानकारी में कितने यात्री, कब आएंगे, कितने बजे जलाभिषेक करेंगे आदि बिंदू शामिल करना होंगे। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक दिलीप गरुड़ ने संयोजकों से अपने आवेदन जल्दी जमा कराने को कहा। गरुड़ के अनुसार श्रावण में 250 से ज्यादा यात्राएं आती हैं। पहले से जानकारी होने से उनके जलाभिषेक के लिए व्यवस्था करना आसान हो जाता है।
बैठक में मौजूद कावड़ यात्रा संचालकों ने अपनी समस्याएं भी बताई।
संयोजकों ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा का मुद्दा उठाया
बैठक के दौरान यात्रा संयोजकों ने यात्रा मार्ग पर यातायात और सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि कावड़ यात्रा के दौरान कई घटनाएं हो चुकी है। खासकर तोपखाना और बेगमबाग फोरलेन पर सुरक्षा बंदोबस्त जरूरी है। संयोजकों ने मंदिर की व्यवस्था में सहयोग का आश्वासन दिया। केसरसिंह पटेल ने सवारी मार्ग पर छोटे बेरिकेड्स लगाने का सुझाव दिया। इससे सड़क किनारे खड़े दर्शनार्थियों को आसानी से दर्शन होते हैं। यह प्रयोग पहले हो चुका है।
भजन मंडलियां दोपहर 3 बजे से कतार में लगेंगी
महाकालेश्वर की श्रावण सवारियों में आने वाली भजन मंडलियों को प्रशासक शर्मा ने दोपहर 3 बजे से कतार में आने को कहा। भजन मंडलियां पहले से कतारबद्ध हो जाएं तो सवारी शुरू होने के समय अव्यवस्था नहीं होगी। लौटती सवारी में समय का पालन करने के लिए सभी को पाबंद किया गया। संयोजकों को बैज लगाने, मंडली का ड्रेसकोड भी तय करने को कहा है। संयोजक समिति के कर्मचारियों के संपर्क में रहेंगे। भजन मंडलियों को डीजे नहीं लगाने की हिदायत भी दी गई है। सवारी के पारंपरिक स्वरूप में कोई व्यवधान न हो इसका ध्यान संयोजक रखेंगे।