रांची. साेशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं काे ठेस पहुंचाने वाले पाेस्ट डालने के आराेप में 12 जुलाई काे जेल भेजी गई ग्रेजुएशन की स्टूडेंट रिचा भारती काे काेर्ट ने सशर्त जमानत दे दी। काेर्ट ने रिचा काे पंद्रह दिन के भीतर धार्मिक ग्रंथ कुरान की पांच प्रतियां खरीदकर बांटने काे कहा है। वह एक प्रति पिठाैरिया के सदर अंजुमन कमेटी काे और चार प्रतियां सरकारी विश्वविद्यालय या काॅलेज में दान करेगी। काेर्ट ने रिचा से सात-सात हजार के दाे मुचलके भी भरवाए, जिसमें एक उसके रिश्तेदार का तथा दूसरा स्थानीय निवासी का था।
रिचा की ओर से दायर जमानत याचिका की सुनवाई सोमवार को प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने की। अदालत की शर्तों का पालन करते हुए आरोपी की ओर से कोर्ट में दो मुचलके दिए गए। इसके बाद काेर्ट ने हाेटवार जेल के अधीक्षक को रिलीज ऑर्डर जारी कर दिया। मामला कांके प्रखंड के पिठौरिया थाना क्षेत्र का है।
सदर अंजुमन कमेटी ने की थी शिकायत
आरोपी रिचा भारती को पिठाेरिया पुलिस ने 12 जुलाई 2019 को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसके खिलाफ पिठोरिया के सदर अंजुमन कमेटी के मंसूर खलीफा ने एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि रिचा मुस्लिम समुदाय की धार्मिक चीजों को लेकर आपसी सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। वह दो-तीन दिनों से फेसबुक और व्हाॅट्सएप के जरिए धर्म के प्रति आलोचनात्मक मैसेज भेज रही है। इससे कभी भी विवाद बढ़ सकता है। इस पर पुलिस ने रिचा को गिरफ्तार किया था।
हिंदू संगठनाें ने किया था गिरफ्तारी का विराेध
रिचा की गिरफ्तारी का हिंदूवादी संगठनाें ने विराेध किया था। संगठनाें की ओर से रविवार की शाम मेन राेड में जुलूस निकाला गया था और रिचा की तत्काल रिहाई व पिठाेरिया थाना प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी। बड़ी संख्या में सदस्याें ने अल्बर्ट एक्का चौक पर धरना दिया था। हनुमान चालीसा का पाठ किया था। संगठनाें का कहना था कि पुलिस ने खास पक्ष के दबाव में यह सब किया।
भाजपा बोली- स्तब्ध कर देने वाला फैसला
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि रिचा को जमानत देने के मामले में कोर्ट का फैसला स्तब्ध कर देने वाला है। उन्होंने यह भी कहा है कि हालांकि, मैंने फैसला नहीं देखा है, पर मीडिया में जो खबरें आ रही हैं, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि अदालत का ऐसा फैसला पहले कभी न देखा है और न ही सुना है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.