• Hindi News
  • National
  • 5 Planets Alignment Video Update; Jupiter, Venus, Mars, Mercury, And Uranus

आज आसमान में एक साथ दिखे 5 ग्रह:सूर्यास्त के बाद नजर आए मंगल, शुक्र और बृहस्पति; मर्करी और यूरेनस दूरबीन से ही दिखे

नई दिल्ली2 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
पिछले साल 23 जून को भी एकसाथ 5 ग्रह- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि आसमान में दिखाई दिए थे। - Dainik Bhaskar
पिछले साल 23 जून को भी एकसाथ 5 ग्रह- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि आसमान में दिखाई दिए थे।

आसमान में मंगलवार रात को एक साथ 5 ग्रह दिखाई दिए। शाम को 7.30 बजे के बाद करीब आधे घंटे तक मंगल (मार्स), बुध (मर्करी), बृहस्पति (जुपिटर), शुक्र (वीनस) और अरुण (यूरेनस) पश्चिम में क्षितिज में चांद के पास दिखाई दिए। क्षितिज वो जगह होती है जहां देखने पर लगता है कि धरती और आसमान एक-दूसरे में मिल रहे हैं।

सूर्यास्त के बाद आधे घंटे तक ही दिखे मर्करी-जुपिटर
इस खगोलीय घटना के बारे में नासा के एस्ट्रोनॉमर (खगोल विज्ञानी) बिल कुक ने बताया कि इन पांच ग्रहों को दुनिया में कहीं से भी देखा जा सकता है। बस आसमान साफ होना चाहिए और पश्चिम का व्यू दिखाई देना चाहिए। जुपिटर, वीनस और मार्स आसानी से दिखाई दिए। वीनस बहुत चमकदार होता है। वहीं मार्स चांद के पास दिखा और उसमें लाल रंग की चमक थी। हालांकि, सूर्यास्त के आधे घंटे के बाद मर्करी और जुपिटर दिखना बंद हो गए।

24 मार्च को चंद्रमा और वीनस (शुक्र) एकसाथ नजर आए थे। वीनस सोलर सिस्टम का सबसे चमकदार ग्रह है।
24 मार्च को चंद्रमा और वीनस (शुक्र) एकसाथ नजर आए थे। वीनस सोलर सिस्टम का सबसे चमकदार ग्रह है।

दूरबीन से दिख मर्करी और यूरेनस
मर्करी और यूरेनस की चमक हल्की होती है इसलिए उन्हें देखने में परेशानी हुई। उन्हें देखने के लिए दूरबीन की जरूरत पड़ी। यूरेनस आमतौर पर कम ही दिखाई देता है। उसकी पोजिशन वीनस के ऊपर होती है और उसमें हरी चमक होती है।

एक सीध में नहीं होंगे ग्रह
सूर्यास्त के बाद ये पांचों ग्रह एक दुर्लभ एलाइनमेंट में दिखे। हालांकि ये पूरी तरह एकसीध में दिखाई नहीं दिए। सूर्यास्त के बाद लगभग 7.30 बजे सबसे पहले क्षितिज पर जुपिटर दिखा। इसके बाद मर्करी, वीनस, यूरेनस और मार्स दिखाई देने शुरू हुए। ये ग्रह क्षितिज से लेकर आधे आसमान तक दिखाई दिए।

ये ग्रह आसमान में एकसाथ दिखाई देंगे इसका मतलब यह नहीं है कि वे एक-दूसरे के पास स्थित हैं। ये एक-दूसरे से बहुत दूर होते हैं। वास्तव में इनकी कक्षाएं सूर्य के एक तरफ होती हैं तो ये एक-साथ दिखाई देने लगते हैं।