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नेपाल में देर रात 6.3 तीव्रता का भूकंप:6 की मौत; दिल्ली-यूपी समेत 5 राज्यों में झटके

7 महीने पहले
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ये तस्वीरें नेपाल के दोती की हैं, जहां घर गिरने से 6 लोगों की जान चली गई। सोर्स- नेपाल मीडिया - Dainik Bhaskar
ये तस्वीरें नेपाल के दोती की हैं, जहां घर गिरने से 6 लोगों की जान चली गई। सोर्स- नेपाल मीडिया

पड़ोसी देश नेपाल में मंगलवार देर रात 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। झटके भारत के दिल्ली, यूपी समेत उत्तर भारत के 5 राज्यों में भी महसूस किए गए। लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, नेपाल में भूकंप 9 नवंबर रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया। एपिसेंटर नेपाल के मणिपुर में जमीन से 10 किमी नीचे था।

यहां दोती जिले में घर गिरने से 6 लोगों की जान चली गई। PM शेर बहादुर देउबा ने दुख जाहिर किया है। सेना तलाशी और बचाव अभियान में जुट गई है।

नेपाल में भूकंप के बाद दर्दनाक तस्वीर...

नेपाल के दोती जिले में घर गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई। नेपाल सेना भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाशी और बचाव अभियान में जुटी है।
नेपाल के दोती जिले में घर गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई। नेपाल सेना भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाशी और बचाव अभियान में जुटी है।

नेपाल में देर रात कब-कब आया भूकंप

तारीखसमयतीव्रता
8 नवंबररात 8:524.9
8 नवंबररात 9:413.5
9 नवंबरदेर रात 1:576.3
9 नवंबरतड़के 3:153.6

* टेबल सिस्मोलॉजी इंडिया की वेबसाइट की जानकारी के आधार पर...

नेपाल में भूकंप की कुछ और तस्वीरें...

तस्वीर दोती की है। यहां भूकंप से कई घरों की दीवारों में दरार आ गई।
तस्वीर दोती की है। यहां भूकंप से कई घरों की दीवारों में दरार आ गई।
दोती में स्थानीय लोग ही सबसे पहले राहत और बचाव कार्य में जुटे।
दोती में स्थानीय लोग ही सबसे पहले राहत और बचाव कार्य में जुटे।
दोती के लोगों ने कहा कि भूकंप के दौरान काफी देर तक घर हिलते रहे।
दोती के लोगों ने कहा कि भूकंप के दौरान काफी देर तक घर हिलते रहे।
रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर भूंकप से हुए नुकसान का जायजा ले रही है।
रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर भूंकप से हुए नुकसान का जायजा ले रही है।
यह वीडियो दोती जिले का है। घर के गिरने से यहां दबकर 6 लोगों की मौत हो गई। रेस्क्यू टीम राहत और बचाव में जुटी।
यह वीडियो दोती जिले का है। घर के गिरने से यहां दबकर 6 लोगों की मौत हो गई। रेस्क्यू टीम राहत और बचाव में जुटी।

भारत में असर:​​ 5 राज्यों में हिली धरती

दिल्ली-NCR: नेपाल में भूकंप के बाद दिल्ली और NCR में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोग दहशत में घरों के बाहर निकल आए।

बिहार: सीतामढ़ी के नेपाल से सटे मेजरगंज, सोनबरसा, सुरसंड, परिहार कन्हौली, बेला समेत कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

उत्तर प्रदेश: 8 नवंबर की रात आठ बजकर 52 मिनट पर लखनऊ समेत कई जिलों में झटके महसूस किए गए। तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 मापी गई। मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ में लोग घरों से बाहर निकल आए।

उत्तराखंड: 9 नवंबर की सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 रही।

राजस्थान: 9 नवंबर की रात करीब 1 बजकर 57 मिनट पर जयपुर, भरतपुर, अलवर सहित 8 से ज्यादा जिलों में भूकंप आया।

आधी रात दहशत में घरों से निकले लोग, ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा #earthquake

तस्वीर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की है। यहां लोग आधी रात को घरों से बाहर निकल आए। वीडियो में भूकंप के दौरान पंखा भी हिलता दिख रहा है।
तस्वीर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की है। यहां लोग आधी रात को घरों से बाहर निकल आए। वीडियो में भूकंप के दौरान पंखा भी हिलता दिख रहा है।
दिल्ली NCR में भूकंप के झटके करीब 10 सेकंड तक महसूस किए गए। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दिल्ली NCR में भूकंप के झटके करीब 10 सेकंड तक महसूस किए गए। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
तस्वीर उत्तर प्रदेश की है। यहां भूकंप के बाद हॉस्टल में रहने वाले लड़के बाहर निकल आए। सोर्स- सोशल मीडिया
तस्वीर उत्तर प्रदेश की है। यहां भूकंप के बाद हॉस्टल में रहने वाले लड़के बाहर निकल आए। सोर्स- सोशल मीडिया

2015 में भूकंप से हुई हजारों मौतों की कहानी पढ़ने से पहले, इस पोल पर हिस्सा लेकर अपनी राय दीजिए…

2015 में भी आया था नेपाल में भूकंप, 9 हजार से ज्यादा जानें गईं
नेपाल भूकंप 25 अप्रैल 2015 को सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में 9,000 से ज्यादा लोग मारे गए और 23,000 से ज्यादा घायल हुए। इसका केंद्र नेपाल से 38 किलोमीटर दूर लामजुंग में था। नेपाल में 81 साल में ऐसा जबरदस्त भूकंप आया था। इससे पहले 1934 में नेपाल और उत्तरी बिहार में 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 10,600 जानें गई थीं।

नेपाल में 2015 में आए भूकंप की यह तस्वीर बताती है कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। जो जहां था, वहीं मौत के मुंह में समा गया।
नेपाल में 2015 में आए भूकंप की यह तस्वीर बताती है कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। जो जहां था, वहीं मौत के मुंह में समा गया।
सड़क पर एक फीट से ज्यादा मोटी दरार से जाहिर हो रहा है कि 2015 में आया भूकंप कितना शक्तिशाली था।
सड़क पर एक फीट से ज्यादा मोटी दरार से जाहिर हो रहा है कि 2015 में आया भूकंप कितना शक्तिशाली था।
2015 की इस तस्वीर में लोग एक घायल को मलबे से निकालते दिख रहे हैं। बचाव कार्य में सेना और रेस्क्यू टीमों के अलावा नेपाल की जनता का भी अहम रोल था।
2015 की इस तस्वीर में लोग एक घायल को मलबे से निकालते दिख रहे हैं। बचाव कार्य में सेना और रेस्क्यू टीमों के अलावा नेपाल की जनता का भी अहम रोल था।

क्यों आता है भूकंप?
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।

ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।