जल सैलाब ने इस बार महाराष्ट्र, मप्र, राजस्थान, बिहार और हिमाचल में जमकर कहर बरपाया। इन 5 राज्यों में बाढ़ से 8 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खरीफ की फसल तबाह हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों की 8,169 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं और 12 से ज्यादा पुल-पुलिया तबाह हो गए। केवल मप्र में छह पुल बह गए। इन 5 राज्याें के करीब 5.50 लाख लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। महाराष्ट्र ने 11 हजार करोड़ रुपए और हिमाचल ने 758 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया है, जबकि शेष तीन राज्यों ने आकलन नहीं किया है।
राजस्थान के 5 जिलाें कोटा, बूंदी, बारां, सवाईमाधाेपुर, झालावाड़ में करीब 4 लाख हेक्टेयर में लगी फसल चाैपट हाे गई। यहां सोयाबीन और उड़द की फसल काे नुकसान पहुंचा है। मप्र के ग्वालियर-चंबल संभाग में 4 जिलों के 749 गांवों में 80 हजार हेक्टेयर में लगी खरीफ की फसल पूरी तरह तबाह हाे गई। राजस्थान में अब मौसम का कहर झालावाड़ जिले पर टूटा है। यहां से मप्र काे जोड़ने वाले कई मार्ग बंद हो गए हैं। 5 हजार लाेगाें काे सुरक्षित स्थानाें पर पहुंचाया गया है।
मप्र में मुरैना, श्योपुर और दतिया में 46 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बिहार के 13 जिले गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी खगड़िया, पटना और नालंदा की 17 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। यहां बाढ़ प्रभावित इलाकों से एक लाख 10 हजार लाेगाें को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। महाराष्ट्र में बाढ़ से 21 जिले प्रभावित हुए और 4.35 लाख लोगों को स्थानांतरित किया।
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