शिवसेना के बागी विधायकों को 12 जुलाई तक गुवाहाटी में ही रखने की तैयारी है। गुवाहाटी के जिस होटल में शिंदे गुट के विधायक ठहरे हुए हैं, उसकी बुकिंग 12 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है। इस तारीख तक होटल में आम लोगों के लिए कोई भी रूम उपलब्ध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा।
इधर, महाराष्ट्र भाजपा ने अपने सभी विधायकों को 29 जून तक मुंबई पहुंचने को कहा है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर भाजपा कोर ग्रुप की सोमवार शाम को हुई मीटिंग के बाद विधायकों के लिए यह फरमान जारी किया गया। इससे पहले पार्टी के सीनियर लीडर्स ने सियासी हालात पर चर्चा की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाने का फैसला किया।
सियासी हलचल से जुड़े अपडेट्स...
उद्धव ने बागी मंत्रियों के विभाग छीने
इससे पहले, महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे समेत बागी सभी 9 मंत्रियों के विभाग छीन लिए। इन विभागों का काम दूसरे मंत्रियों को सौंप दिया गया है। शिंदे का विभाग सुभाष देसाई को सौंपा गया है। नीचे दी गई टेबल में बागी मंत्रियों के पास मौजूद विभाग और उनका प्रभार किसे सौंपा गया है, इसे यहां पढ़ सकते हैं...
नाम | किस विभाग के मंत्री थे | प्रभार किसे दिया गया | |
1 | एकनाथ शिंदे | अर्बन डेवलपमेंट, PWD और MSRTC | सुभाष देसाई |
2 | गुलाबराव पाटिल | जल संपदा | अनिल परब |
3 | उदय सामंत | उच्च तकनीकी शिक्षा | आदित्य ठाकरे |
4 | संदीपन आसाराम भुमरे | रोजगार गारंटी तथा फलोत्पादन | शंकर गडख |
5 | दादा भुसे | कृषि | संदीपन राव भुमरे |
6 | शंभूराज देसाई | गृह | संजय बांसोड़े |
CMO के अनुसार, राजेंद्र पाटिल, अब्दुल सत्तार और ओमप्रकाश कडू को दिए गए वित्त, नियोजन, कौशल्य विकास और उद्यमिता, राज्य उत्पाद शुल्क, मेडिकल शिक्षा, टेक्सटाइल, सांस्कृतिक कार्य और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कल्याण विभागों को राज्य मंत्री विश्वजीत कदम, सतेज पाटिल, प्रजक्त तानपुरे, अदिति तटकरे और दत्तात्रय भरने को दिया गया है।
शिवसैनिकों ने गोंदिया विधायक का ऑफिस तोड़ा
इधर, शिव सैनिकों ने सोमवार दोपहर को गोंदिया के निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल का ऑफिस तोड़ दिया। वहीं, पुणे में शिवसैनिकों ने बागी विधायकों के पुतले का जुलूस निकाला और श्मशान ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया।
ठाणे में शिंदे समर्थकों ने संजय राउत का पुतला फूंका
शिवसेना में चले रहे महासंकट के बीच संजय राउत बागियों को लेकर लगातार तीखे बयान दे रहे हैं। इनसे शिंदे समर्थक भड़क उठे हैं। ठाणे में सोमवार को शिंदे समर्थकों ने संजय राउत का पुतला फूंका। जलगांव में भी शिंदे समर्थक विधायक गुलाबराव पाटिल के सपोर्टर सड़क पर उतर आए और उन्होंने संजय राउत के खिलाफ न केवल नारेबाजी की, बल्कि उनका पुतला भी जलाया और इसे जूते-चप्पल से भी पीटा।
केंद्रीय मंत्री दानवे बोले- विपक्ष में हम बस 2-3 दिन और
इधर, BJP ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। केंद्र सरकार के मंत्री रावसाहेब दानवे ने एक मीटिंग में कहा- हम सिर्फ 2-3 दिन विपक्ष में मौजूद हैं। अपने कार्यकाल में जो करना है, जल्दी करें। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी मौजूद थे।
सामना ने शिंदे गुट को नचनिया कहा
शिंदे गुट की बगावत के 7वें दिन शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बड़ा हमला बोला है। सामना की संपादकीय में शिंदे गुट को नचनिया बताया गया है। इधर, शिवसेना के विधायक उदयसिंह राजपूत ने दावा किया है कि शिंदे गुट में जाने के लिए उन्हों 50 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया।
सामना में आगे लिखा- जिन 15 विधायकों को केंद्र की ओर से सुरक्षा दी गई है, वो लोकतंत्र के रखवाले नहीं है। ये लोग 50-50 करोड़ रुपए में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ हैं, जो लोकतंत्र के लिए कलंक है। वहीं फडणवीस और शिंदे के मुलाकात पर भी निशाना साधा गया है।
उद्धव के 8 मंत्री गुवाहाटी में, आदित्य के करीबी सामंत भी शिंदे गुट में शामिल
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अकेले पड़ते जा रहे हैं। विधायक हों या मंत्री, सभी बागी शिंदे गुट का दामन थाम रहे हैं। अब उद्धव के खेमे में शिवसेना के 3 मंत्री आदित्य ठाकरे, अनिल परब और सुभाष देसाई ही बचे हैं। देसाई और परब विधान परिषद के सदस्य हैं, जबकि एक अन्य कैबिनेट मंत्री शंकरराव गडख क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष पार्टी से हैं। आदित्य ठाकरे के करीबी मंत्री उदय सामंत भी रविवार को गुवाहाटी पहुंच गए।
सियासी बवाल के 3 बड़े बयान...
1. आदित्य ठाकरे - एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव ठाकरे की ओर से दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगावत की। उन्होंने शाहरुख की फिल्म दिलवाले का डायलॉग बोला- हम शरीफ क्या हुए, सारी दुनिया बदमाश हो गई... बाला साहेब होते तो जवाब देते।
2. एकनाथ शिंदे - बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था। इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया है।
3. संजय राउत - गुवाहाटी में बैठे 40 बागी विधायक जिंदा लाश की तरह हैं। वे वहां छटपटा रहे हैं। ये 40 लोग जब मुंबई आएंगे तब वे मन से जिंदा नहीं होंगे, उनकी आत्मा वहीं रह जाएगी।
शव वाले बयान पर राउत की सफाई, कहा- जमीर मरने की बात कही थी
'40 शव मुंबई आएंगे' वाले बयान पर संजय राउत ने सफाई दी है। राउत ने कहा है कि मैंने उनके जमीर मरने की बात कही थी। वहीं शिंदे गुट के दीपक केसरकर ने कहा- बालासाहेब होते तो संजय राउत को पार्टी से निकाल देते। केसरकर ने कहा कि शिवसेना में बहुमत हमारे साथ है और हम भी उद्धव साहब को अपना नेता मानते हैं।
पूर्व MLA सुभाष साब्ने ने उद्धव पर सवाल उठाए
एक वीडियो मैसेज में शिवसेना के पूर्व MLA सुभाष साब्ने ने उद्धव पर सवाल उठाए हैं। साब्ने ने उद्धव से पूछा है कि हिंदू ह्रदय सम्राट शिव सेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को गिरफ्तार करने का आदेश देने वाले NCP नेता छगन भुजबल के साथ कैबिनेट में बैठे हुए क्या आपको दर्द नहीं होता?
उन्होंने कहा कि शिंदे बागी नहीं हैं। वह पार्टी के भले के लिए काम करते रहे हैं। साब्ने ने कार्यकर्ताओं से शिंदे का समर्थन करने की अपील की है। इस वीडियो को शिंदे ने ट्वीट किया है।
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