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तारीख थी 31 अक्टूबर 1984 और समय था सुबह 9 बजकर 10 मिनट। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री कार्यालय से बाहर निकलीं। इंदिरा गांधी अधिकारियों से चर्चा कर रही थीं। तभी अचानक वहां तैनात सिक्युरिटी गार्ड बेअंत सिंह ने अपनी रिवॉल्वर निकाली और इंदिरा गांधी पर फायर किया। गोली उनके पेट पर लगी। इसके बाद बेअंत ने दो और फायर किए।
बेअंत सिंह से 5 फीट की दूरी पर ही खड़ा था सतवंत सिंह। तभी बेअंत ने उसे चिल्लाकर कहा- गोली चलाओ। सतवंत ने तुरंत अपनी ऑटोमैटिक कार्बाइन की सभी 25 गोलियां इंदिरा गांधी के ऊपर फायर कर दीं। दोनों ने इतनी गोलियां चलाईं कि इंदिरा गांधी का शरीर क्षत-विक्षत हो गया था। गोली मारे जाने के 4 घंटे बाद दोपहर 2 बजे इंदिरा गांधी को मृत घोषित कर दिया गया।
बेअंत सिंह को उसी वक्त वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने मार दिया। सतवंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इस पूरी साजिश में केहर सिंह भी था। इंदिरा गांधी के हत्यारे उनसे ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेना चाहते थे। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में हजारों लोग मारे गए थे।
करीब 5 साल तक मामला अदालतों में चलने के बाद इंदिरा गांधी के बचे दो हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को 6 जनवरी 1989 को तिहाड़ जेल में फांसी की दे दी गई। सतवंत सिंह हिंसक प्रवृत्ति का था, जबकि केहर सिंह शांत रहता था। फांसी के बाद दोनों के शव परिवारवालों को भी नहीं दिए गए और जेल प्रशासन ने ही उनका अंतिम संस्कार किया।
भारत और दुनिया में 6 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :
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