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इंग्लैंड की राजधानी लंदन में ब्रिटिश म्यूजियम है। इस म्यूजियम में दो हजार साल पुराना पोर्टलैंड वास (फूलदान) भी रखा हुआ है। इस फूलदान के पीछे आज भी एक छोटा सा निशान बना है, जो इसके बुरे इतिहास के बारे में हर रोज याद दिलाता है।
दरअसल, ये दो हजार साल पुराना पोर्टलैंड वास एक शराबी की गलती की वजह से गिर गया था और इसके 80 से ज्यादा टुकड़े हो गए थे। हुआ ये था कि आज ही के दिन 1845 में ब्रिटिश म्यूजियम में विलियम फ्लॉयड गए। फ्लॉयड बहुत नशे में थे और ग्लास केस से टकरा गए। इसी ग्लास केस में ये फूलदान रखा था।
फ्लॉयड को गिरफ्तार कर लिया गया। उनको जब अदालत में पेश किया गया, तो उनके वकील ने दलील दी कि फ्लॉयड को जिस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है, वो कानून 5 पाउंड से ऊपर की चीजें टूटने पर लागू नहीं होता। लिहाजा फ्लॉयड को सिर्फ ग्लास केस तोड़ने का दोषी ठहराया गया और उन पर 3 पाउंड का जुर्माना लगाया गया।
बाद में ब्रिटिश म्यूजियम ने जब जांच की तो पता चला कि विलियम फ्लॉयड का असली नाम विलियम मुलकाही था। हालांकि, ब्रिटिश म्यूजियम ने फिर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि विलियम की मानसिक हालत ठीक नहीं थी।
1845 में जब फूलदान टूटा, तो उसे उसी वक्त जोड़ा गया, लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ। 103 साल बाद 1948 में ये पूरी तरह से ठीक हुआ। 1988 में इसे म्यूजियम में दोबारा डिस्प्ले किया गया। हालांकि, अब भी इसके पीछे टूट का निशान दिखता है।
मशहूर बोर्ड गेम मोनोपोली आज ही के दिन हुआ था कॉपीराइट
1935 में आज ही के दिन मशहूर बोर्ड गेम मोनोपोली को कॉपीराइट किया गया था। इसे अमेरिकी आविष्कारक चार्ल्स डैरो ने बनाया था। मोनोपोली गेम को भारत में बिजनेस या व्यापार के नाम से जाना जाता है। मोनोपोली को 100 से ज्यादा देशों में खेला जाता है और ये गेम 40 से ज्यादा भाषाओं में अवेलेबल है। मोनोपोली गेम काफी लंबे समय तक चलता है। सबसे लंबा मोनोपोली गेम 70 दिनों तक खेला गया था।
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