पंजाब से धोखाधड़ी के मामले में अमेरिका भागा आरोपी 28 साल बाद सीबीआई की गिरफ्त में आया। उसके पकड़े जाने की कहानी दिलचस्प है। दरअसल, आरोपी निर्मल सिंह (65 साल) सातिर जालसाज है। उसने 1985 में ढाई लाख रु. की ठगी की थी। इसके बाद 1991 में हाईप्रोफाइल केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई तो उसके परिवार ने निर्मल सिंह को मृत बताया था। लेकिन असल में वह जांच एजेंसियों को चकमा देकर विदेश जा चुका था। अब वह कोरोना के डर से वापस अपने घर पटियाला लौटा तो सीबीआई ने उसे दबोच लिया।
सीबीआई अफसरों ने बताया कि आरोपी के परिवार ने एक शव को निर्मल सिंह का बताकर फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी करवा लिया था। जबकि निर्मल ने एनएस बाठ के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया और वह अमेरिका भाग गया। कोरोना से डरकर वह दो माह पहले ही अमेरिका से लौटा तो इसकी भनक सीबीआई को लग गई।
एसआई विकास कुमार ने बताया कि शनिवार को जब टीम उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो पोल खुलने पर निर्मल बेहोश हो गया। फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी पत्नी को भी हिरासत में ले लिया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
पत्नी के झगड़े ने किया फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
निर्मल सिंह की पत्नी ने एक यूट्यूब चैनल खोल रखा था, जिसे कुछ महीने पहले ही उसने एक व्यक्ति को सौंप दिया था। इसी बात को लेकर पति-पत्नी में विवाद हो गया। दोनों में झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि निर्मल के इस फर्जीवाड़े की सूचना सीबीआई तक पहुंच गई। इससे पहले पत्नी ने पति के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
आखिर मरने वाला व्यक्ति कौन था?
अब सीबीआई यह भी जांच कर रही है कि मरने वाले जिस व्यक्ति को निर्मल सिंह बताया गया था आखिर वह कौन था। कहीं साजिश के तहत उसकी हत्या तो नहीं की गई। ठगी किससे और किस मामले में की गई थी, फिलहाल जांच एजेंसी इन सवालों के पर कुछ बोलने से कन्नी काट रही है। सीबीआई के अनुसार, ढाई लाख की ठगी का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।
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