दिल्ली में मेयर चुनाव तीसरी बार टल गया है। MCD की अध्यक्षता कर रहे सत्य शर्मा ने सोमवार को कहा कि उप-राज्यपाल ने जिन 10 मेंबर्स को नॉमिनेट किया है, वो वोट डाल सकेंगे। 10 नॉमिनेटेड मेंबर्स को वोट की मंजूरी मिलने के बाद भाजपा और AAP के मेंबर्स ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद MCD सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
इससे पहले 6 और 24 जनवरी को भी चुनाव नहीं हो पाए थे। भाजपा ने LG वीके सक्सेना से सत्र फिर से बुलाने के लिए 10 फरवरी की तारीख की सिफारिश की थी, जबकि AAP पार्टी ने 3, 4 और 6 फरवरी का सुझाव दिया था। LG ने AAP का सुझाव मानते हुए सदन के सत्र के लिए 6 फरवरी तारीख तय की थी। जानकारी के मुताबिक, एक बार फिर AAP सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।
24 जनवरी की 3 तस्वीरें, चुनाव के दौरान बोतलें फेंकी गईं
AAP-BJP ने एक दूसरे पर साधा निशाना
सदन स्थगित होने के बाद AAP ने भाजपा पर निशाना साधा। पार्टी नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा की मंशा साफ नजर आ रही है कि पार्टी मेयर का चुनाव नहीं करवाना चाहती है। भाजपा बेईमानी से MCD पर सरकार बना कर बैठी है। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री मिनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली को एक भ्रष्ट मुख्यमंत्री मिला है, जिसका नाम लगातार शराब घोटाले में आ रहा है। इसी पैसे का इस्तेमाल कर उन्होंने गोवा में और फिर मेयर चुनाव लड़ने की कोशिश की। इन्होंने भाजपा के 9 पार्षदों को पद और पैसे का लालच दिया।
AAP की शैली ओबेरॉय और भाजपा की रेखा गुप्ता के बीच टक्कर
AAP ने मेयर के लिए शैली ओबेरॉय और भाजपा ने रेखा गुप्ता को मैदान में उतारा है। ऐसे में राजधानी को एक महिला मेयर मिलना तय है। भाजपा सांसद हंसराज हंस ने दावा किया कि मेयर भाजपा का ही होगा। MCD चुनाव के बाद सदन की पहली बैठक 6 जनवरी को हुई थी, लेकिन हंगामे के कारण मेयर का चुनाव नहीं हो पाया था। वहीं, डिप्टी मेयर के लिए AAP ने मोहम्मद इकबाल और BJP ने कमल बागड़ी को उम्मीदवार बनाया है
दिल्ली मेयर चुनाव; 10 प्वाइंट्स में समझें अब तक क्या हुआ...
1. मनोनीत सदस्यों और पार्षदों का शपथ ग्रहण
6 जनवरी को सदन में सबसे पहले मनोनीत पार्षद विनोद फिर लक्ष्मण ने शपथ ली। इसके बाद मुकेश मान, सुनील चौहान, राजकुमार भाटिया, संजय त्यागी को शपथ दिलाई गई। मनोज कुमार जैन, रोहताश कुमार, श्वेता कमल खत्री के बाद वार्ड संख्या एक से चुनाव जीतकर आए पार्षदों का शपथ ग्रहण हुआ।
2. मनोनीत सदस्यों की वोटिंग पर सवाल उठा, हंगामा हुआ
6 जनवरी को उपराज्यपाल की ओर से 10 मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार है या नहीं इसको लेकर सवाल उठाए गए। इस दौरान MCD के मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव के दौरान भारी हंगामा हुआ। जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आम आदमी पार्टी और भाजपा ने एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन किया।
3. 24 जनवरी को हंगामे के चलते चुनाव टला
24 जनवरी- MCD के सिविक सेंटर में वोटिंग शुरू होते ही AAP और भाजपा के सदस्य नारेबाजी करने लगे। बैरिकेड्स पर चढ़कर और एक दूसरे पर बोतलें फेंकी। हंगामे के कारण पीठासीन अधिकारी ने दोबारा चुनाव रोक दिया।
4. मेयर चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
मेयर चुनाव का मामले में AAP ने सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटखटाया। हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। जिसके बाद AAP की मेयर कैंडीडेट शैली ओबेरॉय ने याचिका वापस ले ली।
5.कांग्रेस ने चुनाव में AAP को सपोर्ट किया
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है। जनता का सम्मान करते हुए हम मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति का चुनाव नहीं लड़ेंगे। AAP को बहुमत मिला है तो केजरीवाल अपना मेयर बनाएं और दिल्ली की जनता की सेवा करें।
6. AAP को मेयर पद मिला तो BJP की राह मुश्किल
MCD में 12 जोन में से 7 जोन में भाजपा के पास बहुमत है। ऐसे में स्टैंडिंग कमेटी के 7 और सदस्य भाजपा जीत सकती है। ऐसा होने पर मेयर पद AAP के पास आने के बाद भी उसके लिए आगे का सफर मुश्किल भरा होगा।
7. AAP का आरोप- BJP चुनाव नहीं होने देगी
AAP ने आरोप लगाया है कि BJP आज भी मेयर चुनाव नहीं होने देगी। दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया- भाजपा ने अपने पार्षदों को आज फिर MCD बैठक में मेयर चुनाव न होने देने के निर्देश दिए हैं। BJP पार्षदों को कहा है कि सदन शुरू होते ही किसी बहाने से हंगामा कर देना। पीठासीन अधिकारी पिछली बार की तरह फिर अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित कर देंगी। LG फिर से 20 दिन बाद की तारीख देंगे।
8. स्टैंडिंग कमेटी की 5 सीटों का फैसला तय, लड़ाई छठी सीट की
18 सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी में से 6 मेंबर्स का आज चयन किया जाएगा। जिसमें AAP को 3 और भाजपा को 2 सीटें मिलेंगी। लड़ाई छठी सीट के लिए है, जो 10 मनोनीत सदस्यों को वोट देने की अनुमति देने पर भाजपा के पास जाएगी। अन्य 12 सदस्यों का चुनाव क्षेत्रीय चुनावों के माध्यम से किया जाएगा।
9. MCD चुनाव में AAP ने 15 साल बाद भाजपा हारी
निकाय चुनाव 4 दिसंबर को हुए और वोटों की गिनती 7 दिसंबर को हुई। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 134 वार्ड जीतकर चुनाव जीता और 15 साल से MCD में शासन कर रही भाजपा को हरा दिया। इस चुनाव में भाजपा को 104 वार्डों में जीतकर मिलीं, जबकि कांग्रेस सिर्फ 9 सीटों पर जीत हासिल कर सकी।
10. BJP की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया
MCD चुनाव में BJP की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया। आदेश ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नड्डा ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। दिल्ली भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
मेयर चुनाव का कलर कोड तय, पहला साल महिलाओं के लिए रिजर्व
इस चुनाव के लिए कलर कोड तय किया गया है। वाइट, ग्रीन और पिंक रंग के बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें मेयर के लिए वाइट बैलेट पेपर से वोट डाले जाएंगे। डिप्टी मेयर चुनाव के लिए ग्रीन बैलट पेपर और स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर्स के लिए पिंक बैलेट पेपर का यूज होगा।
दिल्ली में मेयर पद के चुनाव रोटेशन के आधार पर 5 सिंगल ईयर की शर्तों पर होते हैं। पहला साल महिलाओं के लिए आरक्षित होता है। दूसरा ओपन कैटेगरी के लिए, तीसरा साल आरक्षित वर्ग के लिए और बचे हुए दो साल फिर से ओपन कैटेगरी के लिए आरक्षित होते हैं। इस तरह दिल्ली को इस साल एक महिला मेयर मिलेगी।
273 मेंबर्स वोट डालेंगे, बहुमत AAP के पास
मेयर के चुनाव में 273 मेंबर्स वोट डालेंगे। बहुमत के लिए 138 का आंकड़ा चाहिए। कांग्रेस के गैरहाजिर होने पर 133 का आंकड़ा चाहिए। AAP के पास 134 पार्षद हैं। इसके अलावा 3 राज्यसभा सांसद और 13 विधायक हैं। भाजपा के पास 7 सांसद और 1 विधायक मिलाकर कुल 113 वोट हैं। वहीं, कांग्रेस के 9 पार्षद और निर्दलीय दो पार्षद हैं। इस चुनाव में 250 पार्षदों के साथ 10 सांसद (7 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसद), 13 विधानसभा सदस्य वोट डालेंगे।
MCD का इतिहास
MCD अप्रैल, 1958 में अस्तित्व में आया था। इसने पुरानी दिल्ली में 1860 के दशक के ऐतिहासिक टाउन हॉल से अपनी यात्रा शुरू की थी और अप्रैल, 2010 में इसे सिविक सेंटर परिसर में ट्रांसफर कर दिया गया था। 1958 में फ्रीडम फाइटर अरुणा आसफ अली को मेयर चुना गया था। अली की फोटो अभी भी टाउन हॉल में पुराने नगरपालिका भवन के कमरों और सिविक सेंटर के कार्यालयों में लगी हुई हैं। शहर की एक प्रमुख सड़क का नाम भी उनके नाम पर रखा गया था।
2012 में बंटी MCD
लॉ स्कॉलर रजनी अब्बी 2011 में MCD के तीन भागों में बंटने से पहले मेयर थीं। 2012 में निगम को तीन अलग-अलग नागरिक निकायों - उत्तर (104 वार्ड) , दक्षिण (104 वार्ड) और पूर्वी (64 वार्ड) नगर निगमों में बांट दिया गया। इनमें से हर एक का अपना मेयर था। बीते साल तीनों का एकीकरण हुआ, जब केंद्र ने उन्हें एकजुट करने के लिए एक कानून लाया था। इसने वार्डों की कुल संख्या को 272 से घटाकर 250 कर दिया।
उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर और भाजपा के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है कि अब फिर से पूरे शहर के लिए एक मेयर होगा। उन्होंने कहा कि अरुणा आसफ अली दिल्ली की पहली मेयर थीं, और रजनी अब्बी 2012 में एमसीडी के तीन हिस्सों में बंटने तक आखिरी मेयर थीं और 10 साल बाद फिर से कोई महिला मेयर होंगी, यह शहर के लिए सौभाग्य की बात है।
2012 में मेयर के चुनाव
तीन हिस्सों में बंटने के बाद 2012 में तीनों निगमों - NDMC, SDMC और EDMC के लिए महापौर के चुनाव हुए। अप्रैल 2012 में, भाजपा की मीरा अग्रवाल को MDMC के मेयर के रूप में निर्विरोध चुना गया था, जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी आजाद सिंह डिप्टी मेयर बने थे। मई 2012 में, अन्नपूर्णा मिश्रा सर्वसम्मति से पूर्वी दिल्ली की मेयर बनी, जबकि उनकी पार्टी की सहयोगी उषा शास्त्री को डिप्टी मेयर बनाया गया। भाजपा की सविता गुप्ता को दक्षिण दिल्ली के पहले मेयर के रूप में चुना गया था, जबकि BSP के बीर सिंह डिप्टी मेयर बने थे।
2011 में BJP की रजनी अब्बी जीती थीं चुनाव
अप्रैल 2011 में, तत्कालीन भाजपा उम्मीदवार रजनी अब्बी कांग्रेस की सविता शर्मा को 88 मतों से हराकर दिल्ली की मेयर चुनी गईं थीं। अब्बी तब दिल्ली विश्वविद्यालय के कानून की प्रोफेसर थीं और वर्तमान में विश्वविद्यालय के डीन के रूप में कार्यरत हैं।
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6 जनवरी को दिल्ली में MCD के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया हंगामे की वजह से स्थगित कर दी गई। शपथ ग्रहण शुरू होने से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। इससे बीजेपी पार्षद भी इनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई होने लगी। AAP के पार्षद प्रोटेम स्पीकर के आसन पर चढ़ गए। पढ़ें पूरी खबर...
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दिल्ली नगर निगम (MCD) में पिछले 15 साल से काबिज भाजपा का पत्ता साफ हो गया। आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां बहुमत से जीत दर्ज की। स्टेट इलेक्शन कमीशन के मुताबिक 250 सीटों वाले MCD में AAP को 134 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से 8 ज्यादा हैं। वहीं भाजपा के 104 और कांग्रेस के 9 उम्मीदवार जीते हैं। 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई। पढ़ें पूरी खबर...
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