अमेरिकी एयरप्लेन कंपनी बोइंग भारत में रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) पर 1,600 करोड़ रुपए निवेश करेगी। कंपनी बेंगलुरू में 43 एकड़ का इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी कैम्पस तैयार करेगी। ये अमेरिका के बाहर बोइंग की अपने तरह की सबसे बड़ी फैसिलिटी होगी।
असल में भारत बोइंग के प्रोडक्ट्स का बड़ा बाजार है। अभी बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर में 4,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इनमें 3,000 से ज्यादा इंजीनियर हैं। कंपनी की योजना यह क्षमता 25% बढ़ाने की है।
2021 में कंपनी ने भारत को क्षेत्रीय (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ऑपरेशन) एमआरओ हब बनाने के लिए बोइंग इंडिया रिपेयर डेवलपमेंट एंड सस्टेनमेंट (बर्ड्स) प्रोग्राम शुरू किया था। इसके जरिए भारत में रक्षा और कमर्शियल इंजीनियरिंग, रखरखाव, कौशल, मरम्मत और रखरखाव सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है।
एयसबस भी भारतीय बाजार को लेकर काफी उत्साहित
एयरबस के एशिया-प्रशांत प्रेसिडेंट आनंद स्टेनली के मुताबिक, भारत का घरेलू विमानन बाजार इस क्षेत्र के अन्य देशों से तेज रिकवरी दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के लगातार विकास से डिमांड बढ़ रही है। एयरबस भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बड़े विमान बेचने के लिए विमानन कंपनियों के संपर्क में है।
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