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बेबाकी के लिए जाने जाते थे स्वामी स्वरूपानंद:साईं को भगवान मानने वालों से नाराज थे, शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर भड़के थे

नई दिल्ली6 महीने पहले

ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में रविवार दोपहर साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। 9 साल की उम्र में घर छोड़ने वाले स्वरूपानंद सरस्वती को 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली थी। हम आपको उनके जीवन से जुड़े पांच विवादों के बारे में बता रहे हैं...

धर्म संसद में साईं बाबा को बताया था अमंगलकारी

शंकराचार्य ने कहा था- महाराष्ट्र में सूखे का कारण साईं की पूजा है। जब भी गलत लोगों की पूजा होती है, सूखे, अकाल और मौत जैसे हालात बनते हैं।
शंकराचार्य ने कहा था- महाराष्ट्र में सूखे का कारण साईं की पूजा है। जब भी गलत लोगों की पूजा होती है, सूखे, अकाल और मौत जैसे हालात बनते हैं।

23 जून 2014 को आयोजित धर्म संसद में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने साईं बाबा पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने साईं की पूजा को हिंदू विरोधी बताते हुए कहा था कि उनके भक्तों को भगवान राम की पूजा, गंगा में स्नान और हर-हर महादेव का जाप करने का अधिकार नहीं है। इस धर्म संसद में सर्वसम्मति से साईं पूजा का बहिष्कार करने का ऐलान किया गया था। इसके बाद उन्होंने 2016 में कहा था कि महाराष्ट्र में सूखे का कारण साईं की पूजा है। जब भी गलत लोगों की पूजा होती है, सूखे, अकाल और मौत जैसे हालात बनते हैं। उन्होंने साईं को अमंगलकारी करार दिया था।

PM मोदी पर सवाल पूछने पर पत्रकार को जड़ा था तमाचा

23 जनवरी 2014 को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक पत्रकार को थप्पड़ मार दिया था। जबलपुर के सिविक सेंटर स्थित बगलामुखी देवी मंदिर में एक टीवी मीडिया के पत्रकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित सवाल पूछा था। इस पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भड़क गए और उसे झापड़ मारने की कोशिश की। विवाद बढ़ने पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने किसी को झापड़ नहीं मारा। वो सभी से प्रेम करते हैं।

शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर कहा था- दुराचार बढ़ेंगे
महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति मिलने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि महिलाओं को शनि के दर्शन नहीं करना चाहिए। शनि की पूजा से उनका अनिष्ट हो सकता है। उन्होंने कहा था कि शनि दर्शन से महिलाओं का हित नहीं होगा। बल्कि इससे उनके साथ होने वाले रेप जैसे अप्रिय घटनाएं बढ़ेंगीं।

महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को कोर्ट के आदेश के बाद प्रवेश की अनुमति मिली थी।
महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को कोर्ट के आदेश के बाद प्रवेश की अनुमति मिली थी।

केंद्र पर लगाया था राम मंदिर के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाने का आरोप
स्वामी स्वरूपानंद ने 2019 में पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर उनका बचाव करते हुए कहा था कि वह राम का नहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं। उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार पर अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर जनता को मूर्ख बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था- अब हमने किसी और स्थान पर मंदिर बनाने का फैसला कर लिया है। इस बयान के बाद स्वामी स्वरूपानंद विवादों में फंस गए थे।

केदारनाथ त्रासदी के लिए तीर्थयात्रियों को बताया था दोषी

2013 में केदारनाथ में आई त्रासदी पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था- लोगों ने धर्मस्थलों को पिकनिक और हनीमून स्पॉट बना दिया है, इस कारण त्रासदी हो रही है।
2013 में केदारनाथ में आई त्रासदी पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था- लोगों ने धर्मस्थलों को पिकनिक और हनीमून स्पॉट बना दिया है, इस कारण त्रासदी हो रही है।

अप्रैल 2016 में बैसाखी और अर्धकुंभ मेला स्नान के अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तीर्थ यात्रियों पर बयान देकर विवाद को जन्म दे दिया था। उन्होंने केदारनाथ और उत्तराखंड में आई आपदा के कारणों पर बात करते हुए कहा था कि गंगा में लगातार बनाए जा रहे बांध, अलकनंदा नदी में बांध बनाकर धारी देवी के मंदिर को डुबो देना और तीर्थ यात्रियों का पवित्र स्थल पर आकर होटलों में भोग-विलास करना त्रासदी के प्रमुख कारण हैं।

10 फोटोज में देखिए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जीवन

नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में स्थित इस दिव्य शिला पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 12 साल तक तपस्या की।
नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में स्थित इस दिव्य शिला पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 12 साल तक तपस्या की।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने धर्मगुरु अखंडानंद सरस्वती के साथ कई धर्म संसदों में भाग लिया।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने धर्मगुरु अखंडानंद सरस्वती के साथ कई धर्म संसदों में भाग लिया।
2008 में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती गंगा सेवा अभियान को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिले थे।
2008 में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती गंगा सेवा अभियान को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिले थे।
यह तस्वीर 7 जून 2013 की है। इसी दिन देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर धाम में शंकराचार्य नेत्रालय का उद्घाटन किया था।
यह तस्वीर 7 जून 2013 की है। इसी दिन देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर धाम में शंकराचार्य नेत्रालय का उद्घाटन किया था।
फोटो फरवरी 2013 की है। इलाहाबाद महाकुंभ में गंगा और यमुना की पवित्रता बनाए रखने पर धार्मिक नेताओं ने उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी को सम्मानित किया था। राज्यपाल जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निमंत्रण पर वे समारोह के मुख्य अतिथि थे।
फोटो फरवरी 2013 की है। इलाहाबाद महाकुंभ में गंगा और यमुना की पवित्रता बनाए रखने पर धार्मिक नेताओं ने उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी को सम्मानित किया था। राज्यपाल जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निमंत्रण पर वे समारोह के मुख्य अतिथि थे।
2015 में स्वामी जी ने साईं बाबा पर हमला तेज करते हुए भोपाल में एक पोस्टर जारी किया था जिसमें भगवान हनुमान को एक पेड़ के तने के साथ आध्यात्मिक गुरु को बाहर करते हुए दिखाया गया।
2015 में स्वामी जी ने साईं बाबा पर हमला तेज करते हुए भोपाल में एक पोस्टर जारी किया था जिसमें भगवान हनुमान को एक पेड़ के तने के साथ आध्यात्मिक गुरु को बाहर करते हुए दिखाया गया।
यह तस्वीर मार्च 2014 की है। उस समय राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और लोकसभा चुनाव से पहले स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।
यह तस्वीर मार्च 2014 की है। उस समय राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और लोकसभा चुनाव से पहले स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।
यह तस्वीर 2016 की है। शंकराचार्य का पादुका पूजन करते हुए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर।
यह तस्वीर 2016 की है। शंकराचार्य का पादुका पूजन करते हुए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 मार्च 2016 को भोपाल में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से मुलाकात की थी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 मार्च 2016 को भोपाल में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से मुलाकात की थी
11 सितंबर 2022 को स्वामी जी ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में आखिरी सांस ली
11 सितंबर 2022 को स्वामी जी ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में आखिरी सांस ली