उत्तराखंड के श्रीनगर में साढ़े 8 घंटे चले प्रदर्शन के बाद रविवार को अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पहले परिवार ने डिटेल्ड पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सावर्जनिक करने की मांग कर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। बाद में प्रशासन के समझाने पर परिवार राजी हो गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने पिता को आश्वासन दिया कि पुलिस इस केस की अच्छे से तफ्तीश करेगी और फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए आरोपियों को फांसी के तख्ते तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोग मानने को तैयार नहीं थे।
सुबह 9 बजे से लोग हाथ में अंकिता की फोटो लेकर ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर आ गए और रोड जाम कर प्रदर्शन कर रहे थे। शव को मॉर्चुरी से श्मशान ले जाते वक्त भी प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस रोकने की कोशिश की। एक महिला एंबुलेंस के सामने लेट गई। उसे पुलिस ने हटाया। बाद में अंकिता के पिता ने मॉर्चुरी के बाहर जमा लोगों से भावुक अपील की, जिसके बाद भीड़ छंटने लगी। अंतिम संस्कार अलकनंदा नदी किनारे NIT घाट पर किया गया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी अंकिता मर्डर केस की सुनवाई
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता की मौत पानी में डूबने से हुई। धक्का देने से पहले उसे किसी भारी चीज से पीटा गया। उसके शरीर पर चोट के निशान भी मिले। रिपोर्ट में सेक्शुअल एब्यूज या रेप का जिक्र नहीं है। इधर, उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।
पिता का सवाल- रिसॉर्ट में सबूत थे, उसे क्यों तोड़ा
ऋषिकेश में अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा, 'जिस रिसॉर्ट में सबूत थे, प्रशासन ने उसे बुलडोजर से क्यों तोड़ा? ऐसा करके सबूत मिटाए गए हैं।' भास्कर ने जब जिले के DM विवेक जोगदंडे से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा- रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का आदेश किसने दिया, इसकी जांच की जा रही है।
रिसॉर्ट के स्टाफ से पूछताछ, अंकिता के वॉट्सऐप चैट की जांच होगी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता मर्डर केस की जांच के लिए SIT बनाई थी। इसकी इंचार्ज DIG पी रेणुका देवी ने रविवार को बताया कि आरोपी पुलकित आर्य के रिसॉर्ट में काम करने वाले सभी लोगों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। इस बात की भी जांच हो रही है कि पुलकित के रिसॉर्ट को लाइसेंस कैसे मिला और वह कैसे संचालित होता था। DIG ने कहा कि अंकिता की वॉट्सऐप चैट की भी जांच की जाएगी।
पूर्व मंत्री का बेटा पुलकित आर्य मर्डर का आरोपी, तीन लोग गिरफ्तार
अंकिता की हत्या का आरोप राज्य के पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित पर है। 19 साल की अंकिता उसके रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। वह 17 सितंबर की रात करीब 8 बजे पुलकित आर्य, उसके रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और इन पर हत्या की धाराएं लगाई गई हैं। फिलहाल, कोर्ट ने तीनों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है।
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दोस्त की चैट से खुलासा... अंकिता पर था एक्स्ट्रा सर्विस का दबाव
अंकिता की चैट में खुलासा
भास्कर को अंकिता की कुछ चैट मिली हैं। इनमें अंकिता ने अपने दोस्त को बताया था कि उस पर रिसॉर्ट में आने वाले VIP गेस्ट को स्पा सर्विस देने का दबाव बनाया जा रहा था। उसके साथ जबरदस्ती की गई और प्रॉस्टिट्यूट बनने के लिए 10 हजार रुपए का लालच दिया गया। अंकिता से कहा गया कि तुम्हें गेस्ट हैंडल करने हैं, अगर नहीं करोगी तो तुम्हें हटा देंगे। पढ़ें पूरी खबर...
लापता होने से पहले अंकिता ने शेफ से की थी बात
रिसॉर्ट के एक स्टाफ मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि अंकिता भंडारी ने लापता होने से पहले 18 सितंबर की रात रोते हुए रिसॉर्ट के शेफ को फोन किया था। चौहान ने इंडिया टुडे टीवी को बताया, 'अंकिता ने मुझे भी फोन कर अपना बैग लाने को कहा, तब वह रो रही थी। उसने मुझे अपना बैग सड़क पर रखने को कहा था, लेकिन जब एक स्टाफ बैग लेकर वहां पहुंचा, तो उसे अंकिता नहीं मिली।' अंकिता को 18 सितंबर की शाम 3 बजे आखिरी बार रिसाॅर्ट में देखा गया था।
मंत्री के बेटे के रिसॉर्ट पर प्रशासन का बुलडोजर चला, लोगों ने आग लगाई
प्रशासन ने शुक्रवार रात को पुलकित के रिसॉर्ट को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया। शनिवार को गुस्साए लोगों ने उसमें आग लगा दी। घटना से नाराज लोगों ने स्थानीय भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की गाड़ी के कांच फोड़ दिए। अंकिता के मर्डर के बाद लोगों ने पुलकित के रिसॉर्ट पर आग लगा दी। पढ़ें पूरी खबर...
भाजपा ने आरोपी के पिता को पार्टी से निकाला, भाई का पद छीना
इस घटना के बाद भाजपा ने शनिवार को पुलकित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया। वे भाजपा नेता और उत्तराखंड सरकार में मंत्री रह चुके हैं। आर्य भाजपा OBC मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और UP के सह प्रभारी भी थे। पुलकित के भाई अंकित आर्य को भी उत्तराखंड OBC कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला हुआ था।
क्या है पूरा मामला
अंकिता भंडारी 18 सितंबर से गायब थी। इसके बाद उसके पिता ने रिसॉर्ट पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की थी। बेटी का पता नहीं चलने पर उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अंकिता 17 सितंबर की रात करीब 8 बजे पुलकित आर्य, उसके रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी।
लौटते समय तीनों आरोपियों ने चीला रोड के किनारे शराब पी। इस दौरान अंकिता ने रिसॉर्ट में अनैतिक गतिविधियों का विरोध किया था। उसने धमकी भी दी कि वह सभी को यहां चलने वाली अनैतिक गतिविधियों के बारे में बता देगी। इस बात से गुस्साए पुलकित और उसके साथियों ने लड़की को नहर में धकेल दिया।
पुलकित ने हत्या के बाद पुलिस को झूठी कहानी सुनाई
शक के आधार पर जब पुलिस ने पुलकित से पूछताछ की, तो उसने पुलिस को बताया कि रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी रिसॉर्ट के एक कमरे में रहती थी। कुछ दिन से वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी। इसलिए वह और उसके दोस्त 18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश घुमाने ले गए थे। देर रात सभी वहां से वापस लौट आए। लौटकर सभी रिसॉर्ट में बने अलग-अलग कमरों में सोने चले गए। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे से गायब थी। पुलिस की पड़ताल में यह कहानी झूठी निकली।
CCTV फुटेज में अंकिता तीनों के साथ जाती नजर आई
पुलकित के बाद पुलिस ने रिसॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश जाते समय अंकिता इन लोगों के साथ थी, लेकिन वह इनके साथ लौटकर नहीं आई। इसके बाद पुलिस ने ऋषिकेश के रास्ते पर लगे हुए तमाम CCTV कैमरों के फुटेज चेक किए। इनसे यह बात साबित हुई कि रिसॉर्ट से जाते समय कुल चार लोग थे, लेकिन वापस तीन ही लौटे।
पुलकित के रिसॉर्ट के पास नहर में मिला अंकिता का शव
पुलकित की कहानी झूठ निकलते ही पुलिस का शक गहरा गया और उससे सख्ती से पूछताछ शुरू हुई। सोशल मीडिया पर भी उसकी तलाश के लिए कैंपेन चल रहा था। पुलिस ने शक के आधार पर पुलकित से पूछताछ की। आरोपी ने अंकिता को गंगा में धकेल देने की बात कबूल की। इसके बाद रेस्क्यू एजेंसियों ने अंकिता का शव चिल्ला पावर हाउस के पास एक नहर से बरामद किया।
महिलाओं ने पुलिस कस्टडी में आरोपियों को पीटा
पुलिस शुक्रवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के लिए कोटद्वार लेकर जा रही थी। इसी दौरान बैराज पुल से आगे कोडीया में सैकड़ों ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी रोक ली और तीनों को जमकर पीटा। हालांकि पुलिस ने बीच-बचाव कर तीनों को भीड़ से निकाला। अंकिता की हत्या के आरोपियों पर लोगों के गुस्से से जुड़ी पूरी खबर यहां पढ़ें...
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