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भारतीय सेना 118 अर्जुन टैंक की खरीदारी को मंजूरी दे दी है। इसके लिए 6000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय सेना में अर्जुन मार्क-1A टैंकों को शामिल करने की मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को तमिलनाडु दौरे पर इसे राष्ट्र को समर्पित किया था।
जल्द ही अप्रूवल मिल सकता है
सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की मीटिंग में रक्षा मंत्रालय प्रपोजल को अंतिम दिया। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद थे।
124 अर्जुन टैंकों के पहले बैच में शामिल होगा
भारतीय सेना के साथ मिलकर DRDO ने इन टैंकों को पूरी तरह से डिजाइन और विकसित किया है। 124 अर्जुन टैंकों के पहले बैच में इन 118 टैंकों को भी शामिल किया जाएगा। इन्हें पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है और ये पाकिस्तान मोर्चे पर पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात हैं। 118 अर्जुन टैंक भी पहले 124 टैंकों की तरह भारतीय सेना के आर्मर्ड कॉर्प्स में दो रेजिमेंट बनाएंगे।
रेजिमेंट की फॉर्मेशन के लिए टैंकों की संख्या घटाई गई
अधिकारियों ने बताया कि सेना ने टैंक रेजिमेंट की फॉर्मेशन के लिए जरूरी टैंकों की संख्या को कम कर दिया है। इसीलिए मौजूदा हालात में दो रेजिमेंटों के लिए पिछले निर्देश की तुलना में 6 कम टैंक हैं। DRDO पिछले कुछ समय से अर्जुन मार्क-1A विकसित कर रहा है। बिपिन रावत और DRDO चीफ डॉ. जी सतीश रेड्डी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों में स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है।
अर्जुन टैंक की खासियत
नए उन्नत अर्जुन टैंक में नई तकनीक के साथ ट्रांसमिशन सिस्टम होता है। इससे अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता है। अर्जुन टैंक युद्ध के मैदान में बिछाई गई माइंस से बचते हुए आसानी से आगे बढ़ने में सक्षम है। इस एडवांस टैंक में केमिकल हमले से बचने के लिए विशेष सेंसर भी लगे होते हैं।
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