कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर बढ़ते हमलों के बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे मंगलवार को 2 दिन के दौरे पर जम्मू पहुंचे। उन्होंने यहां LoC के फॉरवर्ड बेस में तैनात व्हाइट नाइट कोर के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें कोर के सैन्य अधिकारियों ने LOC पर हालात की जानकारी दी।
कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों से गैर कश्मीरियों की चुन-चुनकर हत्या की जा रही है। इस महीने घाटी में आतंकवादियों ने 11 नागरिकों की हत्या की है।
क्या है वाइट नाइट कोर
व्हाइट नाइट कोर की स्थापना 1 जून 1972 में हुई थी। सेना की यह यूनिट LOC की सुरक्षा करने के साथ-साथ आतंकवाद का मुकाबला भी करती है। इस कोर पर जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों के लिए सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाने की भी जिम्मेदारी है।
चीन पर कहा था- खतरे से निपटने को तैयार
2 अक्टूबर को एक इंटरव्यू में चीन को लेकर आर्मी चीफ ने बयान दिया था। उन्होंने बताया था कि पहली बार लद्दाख से सटी सीमा पर K9-वज्र तोपों की तैनाती की गई है। यह सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर तोप 50 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम है।
K-9 वज्र से बढ़ेगी सेना की ताकत
जनरल नरवणे ने कहा था कि बॉर्डर पर K-9 वज्र को ऊंचाई वाले इलाकों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका सफल परीक्षण भी हो चुका है। इसे आर्मी की सभी रेजीमेंट में शामिल किया जाएगा, जिससे सेना की ताकत बढ़ेगी।
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