गैंगस्टर अतीक अहमत को साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाने के लिए रविवार सुबह साढ़े नौ बजे UP पुलिस की टीम अहमदाबाद साबरमती जेल पहुंची थी। इसमें करीब 30 पुलिसकर्मी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले बनी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की इस टीम को साबरमती जाने की जानकारी नहीं थी। टीम को शुक्रवार दोपहर बड़े अफसरों का फोन आया था कि वह तुरंत प्रयागराज पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां दो वैन पहले से तैयार थीं। STF के जवानों को हथियारों के साथ इसमें बैठाया गया।
इस वैन के साथ एक बोलेरो भी थी। इसमें इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी बैठाए गए। इन्हें फोन के जरिए बड़े अफसर रूट की जानकारी दे रहे थे। साबरमती के लिए रवाना हुए अफसरों को बस यही कहा गया था कि जैसा बताया जाय, वैसे ही रूट फॉलो करना है। इधर, जेल में बंद अतीक को आखिरी वक्त तक पता नहीं था कि उसे UP ले जाने के लिए STF आई है। जब जेल में उसका मेडिकल हुआ तब उसे जानकारी मिली।
स्पेशल टीम को अहमदाबाद पहुंचने पर जेल जाने का निर्देश मिला
UP STF की स्पेशल टीम जब अहमदाबाद पहुंची तो उन्हें सीधे हाई सिक्योरिटी जोन वाले साबरमती जेल जाने का निर्देश मिला। यहां पहले से कुछ अधिकारी गैंगस्टर अतीक अहमद का ट्रांसफर वारंट लेकर मौजूद थे। कागजी कार्रवाई पूरी कर UP STF की टीम अतीक को लेकर शाम 5.45 बजे यहां से निकली।
2019 में साबरमती जेल शिफ्ट किया गया था अतीक
अतीक को जून 2019 में साबरमती जेल शिफ्ट किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल 2019 को आदेश दिया था कि अतीक को देवरिया जेल से गुजरात में उच्च सुरक्षा वाली जेल में शिफ्ट किया जाए। अतीक पर रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और हमले की साजिश रचने का आरोप था।
अतीक को जबरन वसूली और दंगा भड़काने के केस में प्रयागराज की कोर्ट में पेश होना है। उसका नाम उमेश पाल की हत्या में भी शामिल है। इस केस में भी उसकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
उमेश हत्याकांड के एक महीने, अभी भी पांचों आरोपी फरार
24 फरवरी की शाम प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या की गई थी। आरोपियों में शामिल गैंग का मोस्टवांटेड अतीक का बेटा असद और उसके शार्प शूटर अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। इन लोगों ने उमेश पाल को कार का गेट खोलकर उतरते ही गोलियों और बम से मारकर हत्या कर दी थी।
हमले में उमेश और उनके दो गनर की भी मौत हो गई थी। पूरी घटना CCTV में कैद हो गई थी। उमेश, पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद के साथ अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
शूटरों के बांग्लादेश भागने की खबर
सुरक्षा एजेंसियों को उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटरों के बांग्लादेश भागने की सूचना मिली है। जिसके बाद अब आरोपियों की धरपकड़ में लगी टीम ने खाड़ी देश से आने वाले फोन कॉल पर नजर रखनी शुरू कर दी है।
वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल से एक-दूसरे से संपर्क में
यह भी सूचना है कि अतीक अहमद के शूटर वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) से एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं। अब जांच एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं। VoIP से खाड़ी देशों में बात कराने के लिए अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वालों पर शिकंजा कसना भी शुरू कर दिया गया है।
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हत्या के समय कार में मौजूद था असद का दोस्त:उमेश पाल हत्याकांड में CCTV फुटेज के जरिए पुलिस काे मिला एक और सुराग
प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड के 13 दिन बाद पुलिस को एक और सुराग मिले हैं। 24 फरवरी की शाम जिस समय उमेश पाल की हत्या की गई थी उस समय माफिया अतीक अहमद के बेटे असद के साथ उसका एक दोस्त भी क्रेटा कार में बैठा था। हत्या के समय वह कार से नीचे नहीं उतरा था। पुलिस का मानना है कि उसे बैकअप में रखा गया था। पूरी खबर पढ़ें...
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