- 9 नवंबर को कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए थे कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन जल्द किया जाए
- ट्रस्ट को साधु-संतों की लेकर अलग-अलग राय, दिगंबर अखाड़े ने कहा- ट्रस्ट में न्यास के सदस्य शामिल हों
- कोर्ट में रामलला विराजमान के प्रतिनिधि त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा- मंदिर निर्माण में सरकारी धन का इस्तेमाल न हो
Dainik Bhaskar
Nov 13, 2019, 06:13 PM ISTअयोध्या. राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने बुधवार को कहा कि राम मंदिर के लिए अलग से ट्रस्ट बनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके लिए पहले से ही एक ट्रस्ट अस्तित्व में है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को फैसला दिया था कि केंद्र मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का निर्माण करे। केंद्र ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राम जन्मभूमि न्यास ने कहा- हमारे ट्रस्ट में नए सदस्यों को शामिल किया जाए
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राम जन्मभूमि न्यास विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा संचालित किया जाता है। नृत्य गोपाल दास ने कहा- राम जन्मभूमि न्यास पहले से ही है। हम इसे नया आकार दे सकते हैं और आवश्यकता के लिहाज से इसमें नए सदस्यों को शामिल किया जा सकता है।
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हालांकि, राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों की इस पर अलग-अलग राय है। दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि नया ट्रस्ट बनाया जाए। केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह ट्रस्ट बनाए। राम जन्मभूमि न्यास से इसका गठन न किया जाए, बल्कि न्यास के लोगों का नए ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व हो।
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निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख महंत दिनेंद्र दास ने कहा- कोर्ट के आदेश के अनुसार ट्रस्ट का गठन किया जाना चाहिए। निर्मोही अखाड़ा खुद एक ट्रस्ट है, इसलिए इसके सदस्य ही फैसला करेंगे कि सरकार के ट्रस्ट में शामिल होना है या फिर नहीं।
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रामलला विराजमान का कोर्ट में प्रतिनिधित्व करने वाले विहिप के त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा- सरकार द्वारा ही ट्रस्ट का गठन किया जाना चाहिए और इसमें आवश्यक तौर पर सरकार के प्रतिनिधियों को सदस्य के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास को सरकार द्वारा बनाए जा रहे ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाना चाहिए।
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पांडेय ने यह भी कहा कि मंदिर का निर्माण विहिप द्वारा प्रस्तावित मॉडल के आधार पर ही किया जाना चाहिए और इसके निर्माण में विहिप द्वारा तराशे गए पत्थरों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
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पांडेय ने कहा- सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन के बाद मंदिर निर्माण के लिए धन इकट्ठा किया जाना चाहिए। ट्रस्ट हिंदू समुदाय से रकम इकट्ठा करे और मंदिर निर्माण के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।