अयोध्या में रामजन्मभूमि के शिलान्यास को आज दो साल पूरे हो गए हैं। 5 अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कर आधारशिला रखी थी। वहीं अब देशभर के श्रद्धालुओं के लिए एक और अच्छी खबर सामने आई है। यहां काम करने वाले इंजीनियरों का कहना है कि मंदिर निर्माण का 40% काम पूरा हो गया है। 2024 तक मंदिर की पहली मंजिल तैयार हो जाएगी। 2024 की मकर संक्राति तक मंदिर का पूरा स्वरूप दिख सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर निर्माण के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। राम मंदिर के निर्माण के लिए लोग 12-14 घंटे काम कर रहे हैं। ये समय देश की राजनीतिक हालातों के लिहाज से भी अहम हैं क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं।
दिसंबर 2023 तक बन जाएगा मंदिर का ग्राउंड फ्लोर
ट्रस्ट के चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार ने बताया कि मंदिर का सुपर स्ट्रक्चर बनना शुरू हो गया। नींव और चबूतरा पहले से बनकर तैयार हैं। मंदिर के गर्भगृह पर खंभे लगना 1-2 दिन में शुरू हो जाएंगे। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होना है। भक्तों को मंदिर के पूरे स्वरूप के दर्शन फरवरी 2024 यानी मकर संक्राति तक हो सकेंगे।
इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा रंग महल बैरियर पर खुद मौजूद रहे। चंपत राय ने बताया कि इस समय मंदिर के गर्भगृह, प्लिंथ और रिटेनिंग वॉल का निर्माण तेजी के साथ चल रहा है।
मंदिर में लगाए जाएंगे 400 खंभे
राम मंदिर के कुडू मंडप, नृत्य मंडप और रंग मंडप के खंभे 30 दिन में लग जाएंगे। इस मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 200 खंभे होंगे। दूसरे फ्लोर पर 114 खंभे होंगे। पूरे मंदिर में कुल 400 खंभे बनने वाले हैं। पहले ये 360 खंभे तैयार होने थे। नए नक्शा में इन्हें बदला गया।
50 फीट मोटी नींव पर मंदिर का प्रतिष्ठान निर्माण करीब पूरा
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर अभेद्य होगा। लगभग 50 फीट मोटी नींव पर मंदिर का प्रतिष्ठान (प्लिंथ) निर्माण करीब पूरा हो चुका है। इस महीने के आखिर तक मैप के अनुसार मंदिर के लिए शिलाएं इकट्ठा करने का काम शुरू हो जाएगा।"
उन्होंने कहा कि अयोध्या प्रशासन हनुमानगढ़ी चौराहा को पार करती सड़कों को लगभग दो गुना तक चौड़ा करने का ब्लूप्रिंट तैयार कर चुका है। प्रशासन रामजन्मभूमि, सरयू और कई अन्य प्रमुख स्थलों एवं मंदिरों से जुड़ते मार्गों को डेवलप कर रहा है। 2024 की मकर संक्रांति तक रामलला को भव्य मंदिर के गर्भगृह में स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है और हम सही दिशा में बढ़ते जा रहे हैं।
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