पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट पेश की है। एजेंसी ने शुक्रवार को अलीपुर कोर्ट में यह चार्जशीट दाखिल की। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम हैं। ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। फिलहाल पार्थ चटर्जी सीबीआई की हिरासत में हैं।
ED की चार्जशीट में भी पार्थ आरोपी
पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। ED ने चार्जशीट में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को भी आरोपी बनाया था। पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट्स से ईडी को 50 करोड़ की नकदी मिली थी। पूछताछ में अर्पिता ने कहा कि ये पैसे पार्थ के हैं। हालांकि पूर्व मंत्री ने भी इन पैसों के मालिक होने से मना कर दिया था।
सीबीआई जांच पर उठे थे सवाल
CBI ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच शुरू की थी। वहीं, बाद में एजेंसी की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे। अलीपुर कोर्ट के जज ने सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। इसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भी एजेंसी की जांच से असंतुष्ट नजर आए।
23 जुलाई को गिरफ्तार हुए थे पार्थ
23 जुलाई को ED ने कोलकाता के सरकारी आवास से पार्थ को शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। पार्थ पर आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने नौकरी देने के बदले गलत तरीके से पैसे लिए। पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था।
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पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी और जेल में बंद पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर बुधवार को सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। पार्थ को जमानत देने का प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विरोध किया। ED ने चार्जशीट में कहा है कि शिक्षा मंत्री रहते हुए पार्थ ने अपनी करीबी अर्पिता की बहन को सरकारी नौकरी दिलाई। पढ़ें पूरी खबर...
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