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शिवाजी विवाद में घिरे महाराष्ट्र गवर्नर की शाह को चिट्ठी:कहा- मार्गदर्शन कीजिए, आपके ही कहने पर राज्यपाल पद स्वीकारा था

मुंबई4 महीने पहले
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अपने बयानों को लेकर लगातार विवादों में रहने वाले महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। उन्होंने गृहमंत्री से सलाह मांगी है कि उन्हें इस पद पर बने रहना है या नहीं। कोश्यारी ने यह चिट्ठी 6 दिसंबर को लिखी थी, जो अब सामने आई है।

यहां पढ़िए कि कोश्यारी की चिट्ठी का पूरा अंश...

अमित भाई जी,

इन दिनों महाराष्ट्र में एक विश्वविद्यालय में दिए मेरे भाषण के एक छोटे अंश को संपूर्ण संदर्भ से अलग कर कुछ लोगों द्वारा राज्यपाल की आलोचना का विषय बना दिया गया है। युवा पीढ़ी के सामने अपने आदर्श व्यक्तियों के उदाहरण हों तो वे उनसे प्रेरणा लेते हैं। स्वाभाविक है कि युवा वर्तमान पीढ़ी के कर्तव्यशील व्यक्तियों का भी उदाहरण चाहता है।

आज अगर कोई युवा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, होमी जहांगीर भाभा या विशेषकर विश्व में भारत का नाम ऊंचा कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आदर्श मानता है तो इसका मतलब पुराने महापुरुषों का अपमान करना तो नहीं होगा। यह कोई तुलना का विषय भी नहीं है।

जहां तक छत्रपति शिवाजी महाराज का सवाल है, वह न केवल महाराष्ट्र के बल्कि पूरे देश के गौरव हैं। मैंने इस उम्र में भी शिवनेरी, सिंहगढ़, रायगढ़ व प्रतापगढ़ जैसे पवित्र स्थलों का पैदल चलकर दर्शन लाभ लिया। मैं शिवाजी महाराज जैसे वंदनीय पुत्र को जन्म देने वाली माता जिजाऊ के जन्मस्थान सिंदखेड राजा का दर्शन करने वाला 30 साल से अधिक समय में पहला राज्यपाल हूं। वह भी हवाई मार्ग से नहीं, बल्कि सड़क मार्ग से। मेरे कहने का तो यही मतलब था कि शिवाजी महाराज हमेशा के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

अमित भाई आप जानते हैं 2016 में जब आप हल्द्वानी में थे, तो मैंने सार्वजनिक तौर पर ऐलान किया था कि मैं 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगा और राजनैतिक पदों से दूर रहूंगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी और आपने मुझे पर जो प्यार और भरोसा दिखाया, उसके चलते मैंने महाराष्ट्र के गवर्नर का पद स्वीकार किया।

आप जानते हैं कि अगर मैंने जानबूझकर कोई गलती की है तो मैं तुरंत माफी मांगने या उस पर पछतावा जाहिर करने से कभी नहीं हिचकूंगा। महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंह और छत्रपति शिवाजी जैसे बड़े आइकन्स की बेइज्जती करने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता हूं। इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करें।

राज्यपाल की गृह मंत्री को लिखी चिट्‌ठी नीचे देखें...

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के नाम से जारी चिट्‌ठी 6 दिसंबर की है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के नाम से जारी चिट्‌ठी 6 दिसंबर की है।
कोश्यारी ने कहा- वे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के कहने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल बने।
कोश्यारी ने कहा- वे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के कहने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल बने।

कोश्यारी ने शिवाजी को बताया था पुराने जमाने का आइकन
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन कहा था। कोश्यारी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी और NCP प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे।

उन्होंने भरी सभा में बाबासाहेब आंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए जामने का आइकन बताया था। इस बयान के बाद विपक्ष के नेता उन पर हमलावर हो गए और उनका इस्तीफा मांगने लगे। भाजपा के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बना चुके शिंदे गुट ने भी कोश्यारी के बयान का विरोध किया था।

भगत सिंह कोश्यारी ने औरंगाबाद में नितिन गडकरी को डी. लिट की उपाधि दी थी। उसी समय उन्होंने गडकरी को राज्य का आइकॉन कहा था।
भगत सिंह कोश्यारी ने औरंगाबाद में नितिन गडकरी को डी. लिट की उपाधि दी थी। उसी समय उन्होंने गडकरी को राज्य का आइकॉन कहा था।

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