भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भारत बायोटेक ने ब्राजील के पार्टनरों के साथ कोवैक्सिन की डील खत्म कर दी है। कंपनी अब वैक्सीन की रेगुलेटरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ब्राजील की ड्रग रेगुलेटर ANVISA के साथ काम करेगी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दवा कंपनी भारत बायोटेक ने कहा, 'हमने ब्राजील की दो कंपनियों प्रेसिसा मेडिकामेंटोस और एनविक्सिया फार्मास्यूटिकल्स कंपनियों के साथ अपने समझौते को खत्म करने का ऐलान किया है। हम ब्राजील की दवा नियामक ANVISA के साथ काम जारी रखेंगे।' प्रेसिसा मेडिकामेंटोस ब्राजील में भारत बायोटेक को रेगुलेटर, लाइसेंस, सप्लाई और क्लिनिकल ट्रायल से जुड़ी प्रक्रिया में सहयोग कर रही थी।
कोवैक्सीन की 2 करोड़ डोज खरीदने का हुआ था करार
बीते 30 जून को ही ब्राजील ने भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 2 करोड़ डोज खरीदने का करार किया था, लेकिन समझौते में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद ब्राजीली सरकार ने इसे अस्थायी तौर पर रद्द कर दी थी। वहीं, भारत बायोटेक का कहना था कि कंपनी को कोई एडवांस पेमेंट नहीं मिला है और न ही हमने ब्राजील को वैक्सीन की स्प्लाई की है।
अटॉर्नी जनरल ने सौदे की जांच शुरू की
ब्राजील के साथ कोवैक्सिन करार उस वक्त विवादों में घिर गया जब अटॉर्नी जनरल ने सौदे की जांच शुरू कर दी। वैक्सिन खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। भारत बायोटेक लिमिटेड ने 26 फरवरी को कहा था कि उसने कोवैक्सीन की 2 करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए ब्राजील की सरकार के साथ समझौता किया है। हालांकि, भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद 24 जून को जांच बैठा दी गई। इसके बाद 29 जून को सरकार ने करार अस्थाई तौर पर रद्द कर दिया।
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