पहलवान और WFI विवाद में एक्शन लेते हुए खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के सहायक सचिव विनोद तोमर को सस्पेंड कर दिया है। उन पर खिलाड़ियों से रिश्वत लेकर करोड़ों की संपत्ति बनाने का आरोप है। तोमर ने शनिवार शाम ही कहा था कि फेडरेशन के ज्यादातर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे खिलाड़ियों के आरोप सही नहीं लगते। मैं बृजभूषण सिंह के साथ 12 सालों से जुड़ा हुआ हूं, वो ऐसे नहीं हैं। खिलाड़ियों के आरोप निराधार हैं। 3-4 दिन हो गए हैं और उन्होंने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है।
भारत सरकार ने WFI की सभी एक्टिविटीज को स्थगित करने का निर्णय लिया है। यह रोक तब तक रहेगी जब तक कि निगरानी समिति गठित नहीं हो जाती और वह WFI की पूरी जिम्मेदारी नहीं संभाल लेती। इसका असर गोंडा में चल रही प्रतियोगिता पर भी पड़ेगा। सरकार ने प्रतियोगियों से लिए गए प्रवेश शुल्क को वापस करने का आदेश दिया है।
फेडरेशन ने कहा- विरोध के पीछे पर्सनल एजेंडा
खेल मंत्रालय के नोटिस का जवाब रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) ने दिया है। फेडरेशन की ओर से कहा गया- प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी अपने निजी हित के लिए WFI को बदनाम कर रहे हैं। विरोध के पीछे उनके पर्सनल एजेंडे हैं। WFI में अध्यक्ष या कोई भी मनमानी नहीं कर सकता है। यहां कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है।
7 घंटे की मीटिंग के बाद खत्म हुआ था धरना
भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का तीन दिन से जारी धरना शुक्रवार देर रात 1 बजे खत्म हो गया। ये फैसला खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पहलवानों के बीच 7 घंटे चली मीटिंग के बाद लिया गया। अनुराग ठाकुर ने बताया एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। यह 4 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके सदस्यों की घोषणा शनिवार को होगी।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि जांच पूरी होने तक बृजभूषण सिंह फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। यह समिति ही WFI के कामकाज पर नजर रखेगी। बृजभूषण ने जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है। उधर, पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, 'केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी, इसलिए हम धरना खत्म कर रहे हैं।'
एक दिन में जांच के लिए 2 समिति बनीं, पहलवान और खेल मंत्री की 2 बैठकें
यौन शोषण के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच जोर आजमाइश का दौर शुक्रवार को दिनभर चला। दोनों ही पक्ष ‘अखाड़ा’ छोड़ने को तैयार नहीं दिखे। दिन भर के घटनाक्रम को ऐसे समझिए...
नेशनल चैंपियनशिप छोड़कर लौटे 200 पहलवान
इस विवाद का असर UP के गोंडा में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप पर भी पड़ा है। चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कई खिलाड़ी शुक्रवार को लौट गए। इनमें शामिल दिल्ली के रेसलर प्रदीप मीणा ने बताया कि अब तक 200 से ज्यादा रेसलर लौट चुके हैं। इन लोगों ने चैंपियनशिप में खेलने से इनकार कर दिया।
अब समझ लीजिए पूरा मामला क्या है
18 जनवरी को विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब 30 पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ धरने पर बैठ गए। बाद में इस प्रदर्शन में 200 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल हो गए। उन्होंने WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर ओलिंपिक विजेता खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। पहलवानों ने WFI अध्यक्ष से इस्तीफा देने की मांग की।
रेसलर विनेश फोगाट ने कहा कि हमारे आरोप सच्चे हैं। हमें मजबूर न किया जाए सबसे सामने आने के लिए। हम अपने सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। हम पूरे देश को यह नहीं बताना चाहते कि देश की बेटियों के साथ क्या हुआ है। जिस दिन सारी लड़कियां मीडिया को बताएंगी कि हमारे साथ क्या हुआ, वो कुश्ती का दुर्भाग्य होगा।
अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम इन लड़कियों के साथ FIR कराएंगे। WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को जेल भिजवाएंगे। वहीं, बजरंग पुनिया ने कहा कि हमारे साथ विद प्रूफ 6-7 लड़कियां हैं, जिनका अध्यक्ष ने शोषण किया है।
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6 बार से सांसद बृजभूषण ने SP पर पिस्टल तानी थी, पहलवान को मंच पर पीटा
गुंडई ऐसी की SP ऑफिस में SP पर ही पिस्टल तान दी। राजनीति ऐसी की लगातार 6 बार से सांसद का चुनाव जीत रहे हैं। कारोबार ऐसा कि 50 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज के मालिक हैं। रसूख ऐसा कि पार्टी लाइन से अलग भी बयानबाजी करते हैं। दबदबा ऐसा कि 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष हैं। बृजभूषण सिंह की पूरी कहानी पढ़ने के लिए क्लिक करें...
पहलवानों का धरना खत्म, खेल मंत्रालय जांच समिति का गठन करेगा; 4 हफ्ते में जांच करेगी कमेटी
WFI और पहलवानों के बीच जारी विवाद में खेल मंत्री के आवास पर पहलवानों की मंत्री और अफसरों के साथ बैठक हुई। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि एक जांच समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति के नामों की घोषणा शनिवार को की जाएगी। समिति 4 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करेगी। जांच पूरी होने तक बृजभूषण सिंह फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। साथ ही WFI की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर भी समिति नजर रखेगी। पढ़ें पूरी खबर...
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