सूर्य उपासना से जुड़ा चार दिवसीय छठ पूजा का आज तीसरा दिन है। शाम को बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत देश-विदेश के कई शहरों में अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अगले दिन यानी सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा व्रत पूरा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठ पूजा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
नहाय खाय से शुरू हुआ पर्व
28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हुई थी। दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर को खरना था। यह महापर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार पूरे देश और दुनिया में होने लगा है।
पटना में गंगा घाटों पर भी उमड़ी भीड़
राजधानी के गंगा घाटों खासकर कलेक्ट्रेट घाट, दरभंगा हाउस काली घाट, रानी घाट, गांधी घाट, लॉ कॉलेज घाट, गाय घाट, पटना कॉलेज घाट, दीघा 95 नंबर घाट, पाटी पुल घाट, दीघा ब्रिज के पास के घाट समेत कई गंगा घाटों पर व्रतियों की सुविधा के लिए सभी व्यवस्था की गई है।
पटना के फुलवारी शरीफ स्थित प्रखंड परिसर शिव मंदिर घाट पर 20 से 25 मोहल्लों के लोगों के अलावा बिहार और बाहर के राज्यों से छठ व्रत करने के लिए महिला-पुरुष पहुंचते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...
अमेरिका की क्रिस्टीन ने गाया- पटना के घाट पर हमहूं अरघिया देबै...
अमेरिका की क्रिस्टीन ने बिहार की फेमस लोक गायिका शारदा सिन्हा के एक गीत को गाया, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। क्रिस्टीन शारदा सिन्हा का गीत-पटना के घटवा पर हमहूं अरघिया देबै हे छठी मैया गा रही हैं। क्रिस्टीन ने छठ की शुभकामनाएं भी भोजपुरी भाषा में दीं। उन्होंने बताया कि उनका एक बिहारी दोस्त है। उसने छठ गीत सीखने के लिए उन्हें प्रेरित किया था।
कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की छठी और सप्तमी तिथि पवित्र
मुख्य रूप से कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की छठी और सप्तमी तिथि सबसे पावन मानी जाती है। इस दिन को सूर्य भगवान की तिथि माना जाता है। छठी और सप्तमी तिथि को सूर्य उपासना का विधान है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं उपवास रहती हैं और शाम में किसी नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। विशेषकर शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य की उपासना करना पवित्र माना जाता है। इसी कारण सप्तमी के दिन उदीयमान सूर्य यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है।
षष्ठी तिथि को हुआ था भगवान कार्तिकेय का जन्म
उन्होंने बताया कि कार्तिकेय का जन्म षष्ठी तिथि को हुआ था और षष्ठी तिथि को ही वह देवताओं के सेनापति बनाए गए थे। इसलिए षष्ठी तिथि उनके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। नवरात्रि में दुर्गा पूजा में 9 दिनों का विधान होता है और प्रत्येक दिन दुर्गा जी के एक रूप की पूजा-अर्चना होती है। पांचवें दिन स्कंदमाता के रूप में दुर्गाजी की पूजा होती है। इस प्रकार स्कंदमाता के रूप में पार्वती जी की पूजा सदियों से होती आई है।
छठ पर्व से जुड़ी कुछ स्पेशल स्टोरीज भी पढ़ें...
छठ महापर्व का इतिहास 700 साल पुराना; गुप्तकाल से प्रचलित है छठी मैया की पूजा
छठ महापर्व का इतिहास 700 साल पुराना है। इसके पूजा-विधान का जिक्र मिथिला के प्रसिद्ध निबंधकार चंडेश्वर ने 1300 ईस्वी में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक कृत्य रत्नाकर में किया है। उसके बाद मिथिला के दूसरे बड़े निबंधकार रूद्रधर ने 15वीं शताब्दी में कृत्य ग्रंथ में चार दिवसीय छठ पर्व का विधान विस्तृत रूप से दिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें...
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.