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जोशीमठ में होटल मलारी इन गिराने की कार्रवाई शुरू:बारिश और बर्फबारी से काम प्रभावित; अमित शाह ने की हाइलेवल मीटिंग

जोशीमठ3 महीने पहले
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होटल मलारी इन को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यहां पुलिस, SDRF और NDRF की टीम मौजूद हैं।

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के घटना के बीच अब प्रभावित क्षेत्र के होटलों को गिराने का काम शुरू हो गया है। इस बीच यहां बारिश और बर्फबारी भी शुरू हो गई है। इससे ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। हालांकि होटल गिराने का काम जारी है।

गुरुवार शाम को SDRF ने होटल मलारी इन को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने आसपास के रास्तों काे बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों को भी हटाया गया है। यह होटल पीछे की ओर पूरी तरह झुक गया है। एक अन्य होटल माउंट व्यू को भी जल्द हटाया जाएगा।

इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर जोशीमठ को लेकर हाइलेवल मीटिंग हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद रहे। मीटिंग में जोशीमठ में लैंडस्लाइड के बाद सड़क, पावर सप्लाइ, पीने के पानी की कमी और इनवायरमेंट की स्थिति को लेकर बातचीत की गई। 40 मिनट चली मीटिंग में होम सेक्रेटरी अजय भल्ला भी मौजूद थे।

आर्मी बेस की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें
इधर, जोशीमठ में जमीन खिसकने का असर सेना पर भी हुआ है। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को बताया कि- आर्मी बेस की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें आई हैं। सैनिकों को अस्थायी रूप से औली शिफ्ट कर दिया गया है। जरूरत पड़ी तो उनकी तैनाती स्थायी कर दी जाएगी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र से वैज्ञानिकों की टीम को भी जोशीमठ भेजा गया है।

होटल मलारी इन पीछे की ओर पूरी तरह झुक गया है। एक अन्य होटल माउंट व्यू को भी जल्द हटाया जाएगा।
होटल मलारी इन पीछे की ओर पूरी तरह झुक गया है। एक अन्य होटल माउंट व्यू को भी जल्द हटाया जाएगा।

CM धामी बोले- जोशीमठ खत्म होने का माहैाल न बनाएं
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जोशीमठ पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों और एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की। धामी ने कहा- जोशीमठ के सिर्फ 25% घरों में दरारें हैं, ऐसे घरों को खाली करवा लिया गया है। ऐसा माहौल न बनाएं कि जोशीमठ खत्म हो रहा है।

CM ने कहा- डर के माहौल से पर्यटक नहीं आएंगे
CM धामी ने कहा कि जोशीमठ की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। 4 महीने बाद चार धाम की यात्रा भी है। डर का माहौल बनाने से पर्यटक नहीं आएंगे। प्रभावितों के खाते में शाम तक फौरी तौर पर 1.5 लाख रुपए की मदद पहुंच जाएगी। बाद में प्रभावितों को और मदद दी जाएगी। हमने सरकार और जनप्रतिनिधियों की कमेटी बना दी है, जो मुआवजे के बारे में बात कर रही है।

जोशीमठ में बुधवार से घरों को खाली कराने का काम शुरू हुआ। अब तक 131 परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
जोशीमठ में बुधवार से घरों को खाली कराने का काम शुरू हुआ। अब तक 131 परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।

अब तक 589 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया
उत्तराखंड डिजास्टर मैनेजमेंट सेक्रेटरी रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में आपदा राहत कार्यों के लिए SDRF की 8 टीमें तैनात हैं। NDRF की दो टीमें भी लगाई गई हैं। अब तक 3 परिवारों को 4000 रुपए मकान किराया दिया गया है। अब तक 169 परिवारों के 589 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5-5 हजार रुपए दिए गए हैं। SDRF के प्रावधानों के अनुसार अब तक 10 परिवारों को 1.30 लाख रुपए प्रति परिवार दिए गए हैं।

बिना मुआवजा दिए जोशीमठ के दो होटल ढहाने के विरोध में प्रदर्शन करते स्थानीय लोग।
बिना मुआवजा दिए जोशीमठ के दो होटल ढहाने के विरोध में प्रदर्शन करते स्थानीय लोग।

जोशीमठ से आज के अपडेट्स

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए काम कर रही है।
  • उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली HC को बताया है कि लोगों के विस्थापन के लिए 2 कमेटियां बनाई गई हैं।
  • उत्तराखंड सरकार ने प्रभावितों को देने के लिए 45 करोड़ रुपए का फंड रिलीज किया है।
  • स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि ने राहत सामग्री से भरे दो ट्रक जोशीमठ भेजे हैं।
  • उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा में भी मकानों में भी दरारें आ गई हैं।
  • राहत राशि प्रभावितों को देने के लिए 11 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है।
  • उत्तराखंड के गंगोत्री, औली समेत जोशीमठ के सुनील वार्ड में गुरुवार को बर्फबारी हुई।

पिछले 24 घंटे में 50 अन्य घरों में दरारें आईं
पिछले 24 घंटों में जोशीमठ में 50 से ज्यादा अन्य घरों में दरारें देखी गईं। पहले यह आंकड़ा 723 था। उधर, लोगों का कहना है कि मुआवजा तय हुए बिना वे अपनी संपत्ति कैसे छोड़ दें। कुछ लोगों को होटलों में शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां भी दरारें थीं। इससे लोग नाराज हो गए। इनका कहना था कि जब मरना ही है तो हम अपने घरों में ही मरना पसंद करेंगे।

इस बीच जोशीमठ में घर के सर्वों को लेकर असमंजस बना हुआ है। लोगों का आरोप है कि सब कुछ वैसा नहीं है, जैसा दिख रहा है। एक कमरे में तीन-तीन परिवार रह रहे हैं। छोटे बच्चों वाले परिवारों के लिए सर्द रातें किसी बुरे सपने के समान साबित हो रही हैं। सुबह होने पर इनमें से ज्यादतर परिवार अपने घरों के बरामदों में आकर बैठ जाते हैं।

CM पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को प्रभावित परिवारों से मिले।
CM पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को प्रभावित परिवारों से मिले।

सिंहद्वार के रमेश सिंह नेगी ने कहा कि मंगलवार को सर्वे करने वाली टीम ने उनके मकान को सुरक्षित बताया था। रमेश बुधवार को काम पर चले गए। दोपहर में उनकी पत्नी ने फोन कर बताया कि सर्वे टीम आई है और कह रही है कि आधे घंटे में मकान खाली कर दो। रमेश तुरंत घर पहुंचे तो पत्नी बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था। आधे घंटे में मकान कैसे खाली करेंगे। कहां जाएंगे। आसपास के कुछ घरों में भी कोहराम मचा हुआ था।

जोशीमठ में प्रभावित घरों पर लाल क्रॉस लगाने का काम बुधवार को भी हुआ।
जोशीमठ में प्रभावित घरों पर लाल क्रॉस लगाने का काम बुधवार को भी हुआ।

खतरे की जद में हिमालय का ये हिस्सा भी

  • मसूरी: लैंडोर के पहाड़ी इलाके में भी भूधंसाव हो रहा है। भूधंसाव वाले इलाके में पहले से ही 700 से ज्यादा गिराऊ भवन हैं। विशेषज्ञ इन मकानों के कभी भी गिरने की चेतावनी दे चुके हैं।
  • चंबा: टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा क्षेत्र में भी कुछ घरों में दरारें आने की जानकारी है। चंबा क्षेत्र में तीन साल पहले ही ऑल वेदर रोड के लिए रोड टनल बनाई गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि रोड टनल बनने के बाद से ही मकानों में दरारें आने की शिकायतें बढ़ी हैं।
  • कर्णप्रयाग: भूधंसाव से लगभग 50 घरों में दरारें आने लगी हैं। क्षेत्र की 15 दुकानों में दरारें आई हैं। कई परिवार खौफजदा होकर अपने रिश्तेदारों के घरों में रहने के लिए चले गए हैं। प्रशासन ने यहां के लिए स्टडी टीम बुलाई है।

पिछले 15 दिनों में जोशीमठ में क्या-क्या हुआ...

27 दिसंबर: जोशीमठ के घरों में दरारें आने के बाद लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद प्रशासन ने इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की।

इसके बाद जोशीमठ के घरों में दरारें बढ़ती रहीं, जब हालात ज्यादा बिगड़ गए तो राज्य और केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान दिया।

6 जनवरी: करीब 500 घरों और इमारतों में दरारें आने से लोगों में डर बढ़ गया। प्रभावित घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर निकालने का काम तेज किया गया।

जोशीमठ में घरों में दरारें आने के बाद अब शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है।
जोशीमठ में घरों में दरारें आने के बाद अब शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है।

7 जनवरी: उत्तराखंड के CM पुष्कर धामी हालात का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे। इस दौरान चमोली के DM हिमांषु खुराना ने बताया कि समस्या कुछ ही इलाकों में है। CM ने प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।

8 जनवरी: जोशीमठ के हालात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक हाई लेवल मीटिंग की। जिला प्रशासन से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराने के लिए कहा गया है। PM मोदी ने राज्य के CM धामी से इस मुद्दे पर बात की।

9 जनवरी: शाम जोशीमठ की इमारतों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र की एक टीम पहुंची। टीम ने जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी। 478 घरों और 2 होटलों को डेंजर जोन घोषित किया गया। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया। 9 जनवरी तक 81 परिवारों को विस्थापित किया गया।

CM धामी ने बुधवार को प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया।
CM धामी ने बुधवार को प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया।

10 जनवरी: जोशीमठ में 2 होटल गिराए जाने की कार्रवाई को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रोक दिया गया। होटल मालिकों ने कहा कि हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है। साथ ही उन्होंने मुआवजे की मांग भी उठाई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अर्जेंट हियरिंग करने से इनकार कर दिया।

11 जनवरी: जोशीमठ के 723 घरों में दरारें दिखने लगीं। CM धामी ने जोशीमठ में प्रभावितों से मुलाकात की और डेढ़ लाख रुपए की मदद देने की बात कही। CM ने बताया कि 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजा क्या होगा, ये बाद में तय किया जाएगा।

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उत्तराखंड के जोशीमठ पर डूबने का खतरा:बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार के कई घर-दुकानों और होटलों में दरारें

वैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की पांच मेंबर वाली टीम पहले दरारों की जांच कर चुकी है।
वैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की पांच मेंबर वाली टीम पहले दरारों की जांच कर चुकी है।

चार धाम के प्रमुख धाम बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार कहलाने वाले उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशी मठ के शहर पर डूबने का खतरा है। यहां एक साल में करीब 500 घरों, दुकानों और होटलों में दरारें आई हैं। इस वजह से यह रहने योग्य भी नहीं बचे हैं। शहर के लोगों की आंदोलन की चेतावनी के बाद मंगलवार को प्रशासन ने भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की। पढ़ें पूरी खबर...

तेजी से धंसने लगे हैं उत्तराखंड के पहाड़:देश के सबसे लंबे जोशीमठ-औली रोप वे पर खतरा

उत्तराखंड के जोशीमठ में पहाड़ धंस रहे हैं। जोशीमठ और मशहूर स्की रिसोर्ट औली के बीच देश के सबसे लंबे 4.15 किमी के रोप-वे पर खतरा मंडरा रहा है। रोप-वे के टावरों के पास भूस्खलन शुरू हो चुका है। पहाड़ खिसकने से डेढ़ सौ से ज्यादा रिहायशी मकानों में दरारें आ गई हैं। जोशीमठ में 36 परिवारों को शिफ्ट किया गया है। पढ़ें पूरी खबर...

जोशीमठ में 500 से ज्यादा घरों में दरारें, एशिया का सबसे लंबा रोपवे बंद

सरकार की कार्यशैली से नाराज लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रोटेस्ट किया।
सरकार की कार्यशैली से नाराज लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रोटेस्ट किया।

जोशीमठ में बने 500 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी हैं। अब तक 66 परिवार पलायन कर चुके हैं। सुरक्षा के मद्देनजर 38 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जमीन धंसने के बाद जोशीमठ में एशिया का सबसे लंबा रोपवे बंद करने का फैसला लिया गया है। पढ़ें पूरी खबर...

जोशीमठ में बनेगा अस्थायी पुनर्वास केंद्र:CM धामी ने कहा- डेंजर जोन को तत्काल खाली कराएं

उत्तराखंड के जोशीमठ में एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हाई लेवल मीटिंग में कहा कि सुरक्षित जगह पर यह पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। साथ ही, उन्होंने डेंजर जोन को तत्काल खाली कराने के लिए कहा। पढ़ें पूरी खबर...