उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने के घटना के बीच अब प्रभावित क्षेत्र के होटलों को गिराने का काम शुरू हो गया है। इस बीच यहां बारिश और बर्फबारी भी शुरू हो गई है। इससे ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। हालांकि होटल गिराने का काम जारी है।
गुरुवार शाम को SDRF ने होटल मलारी इन को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने आसपास के रास्तों काे बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों को भी हटाया गया है। यह होटल पीछे की ओर पूरी तरह झुक गया है। एक अन्य होटल माउंट व्यू को भी जल्द हटाया जाएगा।
इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर जोशीमठ को लेकर हाइलेवल मीटिंग हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद रहे। मीटिंग में जोशीमठ में लैंडस्लाइड के बाद सड़क, पावर सप्लाइ, पीने के पानी की कमी और इनवायरमेंट की स्थिति को लेकर बातचीत की गई। 40 मिनट चली मीटिंग में होम सेक्रेटरी अजय भल्ला भी मौजूद थे।
आर्मी बेस की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें
इधर, जोशीमठ में जमीन खिसकने का असर सेना पर भी हुआ है। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को बताया कि- आर्मी बेस की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें आई हैं। सैनिकों को अस्थायी रूप से औली शिफ्ट कर दिया गया है। जरूरत पड़ी तो उनकी तैनाती स्थायी कर दी जाएगी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र से वैज्ञानिकों की टीम को भी जोशीमठ भेजा गया है।
CM धामी बोले- जोशीमठ खत्म होने का माहैाल न बनाएं
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जोशीमठ पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों और एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की। धामी ने कहा- जोशीमठ के सिर्फ 25% घरों में दरारें हैं, ऐसे घरों को खाली करवा लिया गया है। ऐसा माहौल न बनाएं कि जोशीमठ खत्म हो रहा है।
CM ने कहा- डर के माहौल से पर्यटक नहीं आएंगे
CM धामी ने कहा कि जोशीमठ की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। 4 महीने बाद चार धाम की यात्रा भी है। डर का माहौल बनाने से पर्यटक नहीं आएंगे। प्रभावितों के खाते में शाम तक फौरी तौर पर 1.5 लाख रुपए की मदद पहुंच जाएगी। बाद में प्रभावितों को और मदद दी जाएगी। हमने सरकार और जनप्रतिनिधियों की कमेटी बना दी है, जो मुआवजे के बारे में बात कर रही है।
अब तक 589 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया
उत्तराखंड डिजास्टर मैनेजमेंट सेक्रेटरी रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में आपदा राहत कार्यों के लिए SDRF की 8 टीमें तैनात हैं। NDRF की दो टीमें भी लगाई गई हैं। अब तक 3 परिवारों को 4000 रुपए मकान किराया दिया गया है। अब तक 169 परिवारों के 589 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। 73 परिवारों को सामान्य खर्च के लिए 5-5 हजार रुपए दिए गए हैं। SDRF के प्रावधानों के अनुसार अब तक 10 परिवारों को 1.30 लाख रुपए प्रति परिवार दिए गए हैं।
जोशीमठ से आज के अपडेट्स
पिछले 24 घंटे में 50 अन्य घरों में दरारें आईं
पिछले 24 घंटों में जोशीमठ में 50 से ज्यादा अन्य घरों में दरारें देखी गईं। पहले यह आंकड़ा 723 था। उधर, लोगों का कहना है कि मुआवजा तय हुए बिना वे अपनी संपत्ति कैसे छोड़ दें। कुछ लोगों को होटलों में शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां भी दरारें थीं। इससे लोग नाराज हो गए। इनका कहना था कि जब मरना ही है तो हम अपने घरों में ही मरना पसंद करेंगे।
इस बीच जोशीमठ में घर के सर्वों को लेकर असमंजस बना हुआ है। लोगों का आरोप है कि सब कुछ वैसा नहीं है, जैसा दिख रहा है। एक कमरे में तीन-तीन परिवार रह रहे हैं। छोटे बच्चों वाले परिवारों के लिए सर्द रातें किसी बुरे सपने के समान साबित हो रही हैं। सुबह होने पर इनमें से ज्यादतर परिवार अपने घरों के बरामदों में आकर बैठ जाते हैं।
सिंहद्वार के रमेश सिंह नेगी ने कहा कि मंगलवार को सर्वे करने वाली टीम ने उनके मकान को सुरक्षित बताया था। रमेश बुधवार को काम पर चले गए। दोपहर में उनकी पत्नी ने फोन कर बताया कि सर्वे टीम आई है और कह रही है कि आधे घंटे में मकान खाली कर दो। रमेश तुरंत घर पहुंचे तो पत्नी बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था। आधे घंटे में मकान कैसे खाली करेंगे। कहां जाएंगे। आसपास के कुछ घरों में भी कोहराम मचा हुआ था।
खतरे की जद में हिमालय का ये हिस्सा भी
पिछले 15 दिनों में जोशीमठ में क्या-क्या हुआ...
27 दिसंबर: जोशीमठ के घरों में दरारें आने के बाद लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद प्रशासन ने इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की।
इसके बाद जोशीमठ के घरों में दरारें बढ़ती रहीं, जब हालात ज्यादा बिगड़ गए तो राज्य और केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान दिया।
6 जनवरी: करीब 500 घरों और इमारतों में दरारें आने से लोगों में डर बढ़ गया। प्रभावित घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर निकालने का काम तेज किया गया।
7 जनवरी: उत्तराखंड के CM पुष्कर धामी हालात का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे। इस दौरान चमोली के DM हिमांषु खुराना ने बताया कि समस्या कुछ ही इलाकों में है। CM ने प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।
8 जनवरी: जोशीमठ के हालात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक हाई लेवल मीटिंग की। जिला प्रशासन से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराने के लिए कहा गया है। PM मोदी ने राज्य के CM धामी से इस मुद्दे पर बात की।
9 जनवरी: शाम जोशीमठ की इमारतों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र की एक टीम पहुंची। टीम ने जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी। 478 घरों और 2 होटलों को डेंजर जोन घोषित किया गया। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया। 9 जनवरी तक 81 परिवारों को विस्थापित किया गया।
10 जनवरी: जोशीमठ में 2 होटल गिराए जाने की कार्रवाई को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रोक दिया गया। होटल मालिकों ने कहा कि हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है। साथ ही उन्होंने मुआवजे की मांग भी उठाई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अर्जेंट हियरिंग करने से इनकार कर दिया।
11 जनवरी: जोशीमठ के 723 घरों में दरारें दिखने लगीं। CM धामी ने जोशीमठ में प्रभावितों से मुलाकात की और डेढ़ लाख रुपए की मदद देने की बात कही। CM ने बताया कि 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजा क्या होगा, ये बाद में तय किया जाएगा।
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