पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
मीनू मन्हास, सीआरपीएफ (केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल) कमांडो राकेश्वर सिंह की पत्नी हैं। जब से उन्हें यह खबर मिली है कि उनके पति नक्सलियों के कब्जे में उनकी रातों की नींद और दिन का चैन उड़ा हुआ है। पांच साल की बच्ची श्रागवी को गोद में लिए बैठीं मीनू ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि उनके पति को सुरक्षित मुक्त कराया जाए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह किसी भी कीमत पर नक्सलियों के चंगुल से उनकी रिहाई सुनिश्चित करें। ठीक वैसे ही, जैसे भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तानी सेना की पकड़ से मुक्त कराया गया था।
सीआरपीएफ की कोबरा फोर्स के कमांडो राकेश्वर का परिवार जम्मू के नेत्रकोटि गांव में रहता है। वे सुरक्षा बलों के उस अभियान दल में शामिल थे, जो इसी शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा के जंगलों में नक्सलियों के खात्मे के लिए गया था।
राकेश्वर की तीन महीने पहले छत्तीसगढ़ में पदस्थापना हुई थी। वे 2011 से सीआरपीएफ में हैं। रविवार दोपहर नक्सलियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन के ओर से कहा गया कि राकेश्वर उनके पास हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्हें समय आने पर छोड़ दिया जाएगा। उनकी एक फोटो भी जल्द भेजेंगे।
मेरे पति देश के लिए 10 साल से लड़ रहे हैं, आज उनके लिए संघर्ष करें देशवासी : मीनू ने कहा है, ‘मेरे पति 10 साल से देश के लिए लड़ रहे हैं। आज मौका है, जब देशवासी उनके लिए संघर्ष करें। उनके लिए प्रार्थना करें। मेरी अभी शुक्रवार की रात ही उनसे बातचीत हुई थी। वे अभियान के लिए अपना सामान वगैरह बांध रहे थे। उन्होंने तब कहा था कि वे आधार शिविर (बेस कैंप) में पहुंचकर फोन करेंगे। लेकिन उनका फोन नहीं आया। मुझे जो भी खबर मिली या मिल रही है, सब समाचार चैनलों के जरिए। सीआरपीएफ या सरकारी तंत्र से किसी ने कोई सूचना नहीं दी। कोई नहीं बता रहा कि मेरे पति कहां हैं। भगवान करे, वे जल्द, सुरक्षित लौट आएं।’
समैया ने परिवारवालों से वादा किया था- जल्द लंबी छुट्टी पर घर आएंगे : नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों में एक नाम ‘बस्तरिया बटालियन’ के समैया मडवी का भी है। खबरों के मुताबिक समैया ने दो महीने पहले ही बीजापुर के अवापल्ली गांव में नया मकान बनवाया था। जबकि 10 महीने पहले उनके यहां बेटा हुआ था। उनके भाई शंकर बताते हैं, ‘वे अभी कुछ समय पहले ही गृह प्रवेश के लिए आए थे। तब परिवारवालों से कह गए थे कि जल्दी फिर लौटेंगे। इस बार लंबी छुट्टी पर आएंगे। ताकि परिवार के साथ अच्छा समय बिता सकें। लेकिन वे हमेशा के लिए हमें छोड़ गए।’
नक्सलियों को बहुत महंगा पड़ेगा ये हमला : नक्सली हमले में बीजापुर जिले के सात जवान मारे गए हैं। सातों 22-25 साल के जवान थे। उनकी शहादत पर पूरे इलाके में रोष है। इन्हीं शहीदों में से एक हैं नारायण सोढ़ी। पुन्नूर गांव के रहने वाले थे। जिला आरक्षित बल (डीआरजी) में हवलदार थे। उनके भाई भीमा कहते हैं, ‘नक्सलियों के खिलाफ गांव के लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। उनके खिलाफ आवाजें उठने लगीं हैं। इसी से नक्सली बौखलाए हैं। लेकिन उनसे हम डरने वाले नहीं हैं। इन लड़कों की कुर्बानी खाली नहीं जाएगी। नक्सलियों को बहुत महंगा पड़ेगा ये हमला।’
पॉजिटिव- ग्रह स्थिति अनुकूल है। मित्रों का साथ और सहयोग आपकी हिम्मत और हौसले को और अधिक बढ़ाएगा। आप अपनी किसी कमजोरी पर भी काबू पाने में सक्षम रहेंगे। बातचीत के माध्यम से आप अपना काम भी निकलवा लेंगे। ...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.