कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई में फूट का डर सता रहा है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके पार्टी सांसद शशि थरूर केरल दौरे पर हैं। यहां उन्होंने मलप्पुरम में कांग्रेस गठबंधन (UDF) की प्रमुख सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेताओं से मुलाकात की।
इसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई कि पार्टी में थरूर अपना नया गुट खड़ा करना चाह रहे हैं। हालांकि, थरूर ने इन चर्चाओं पर विराम लगाने की कोशिश की और कहा- मुझसे किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
विपक्ष के नेता और केरल कांग्रेस के सीनियर लीडर वी डी सतीशन ने साफ शब्दों में कहा कि राज्य में किसी भी नेता को समानांतर गतिविधि की अनुमति नहीं है। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।
क्यों शुरू हुईं फूट की अटकलें?
केरल में 2016 से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर है। यहां लेफ्ट गठबंधन LDF की सरकार है। तब से केरल में कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा थरूर पर गुटबाजी का आरोप लगाता रहा है। थरूर भी केरल के तिरुअनंतपुरम से सांसद हैं। मुस्लिम लीग के नेताओं से थरूर के अच्छे संबंध हैं। इसके बाद कांग्रेस का एक वर्ग राज्य में पार्टी के भीतर ‘थरूर गुट' को बनाने को हवा दे रहा है।
बता दे कि केरल विधानसभा की कुल 140 सीटों में से सत्ताधारी LDF के पास 99 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस की UDF गठबंधन के पास 41 विधायक हैं। इनमें अकेले कांग्रेस के पास 21 और IUML के पास 15 सीट हैं।
थरूर बोले- मैं किसी से नहीं डरता
शशि थरूर से मीडिया ने सवाल किया। उनसे पूछा गया कि आपके केरल दौरे से आखिर किसे डर है? जवाब में थरूर ने कहा- मैं किसी से नहीं डरता और किसी को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी राज्य कांग्रेस के भीतर गुट बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। पनक्कड़ में सादिक अली शिहाब थंगल के आवास पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेताओं से उनकी मुलाकात सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी।
कांग्रेस नेता बोले- गुटबाजी बर्दाश्त नहीं
केरल विधानसभा में विपक्षी नेता वी डी सतीशन ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी या बदलाव बर्दाशत नहीं किया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी की इस तरह की कदम पर गंभीरता से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई विधानसभा चुनाव में दो बार लगातार हार के बाद राज्य की सत्ता में वापसी के रास्ते पर है। ऐसे में किसी की भी समांतर गतिविधियों की अनुमति नहीं है।
मीडिया से बातचीत में सतीशन ने कहा कि कई तरह की झूठी खबरें उनके जैसे नेताओं को नष्ट नहीं कर सकतीं क्योंकि वे फुलाए हुए गुब्बारे नहीं हैं, जिन्हें एक पिन की चुभन से फोड़ा जा सके। हालांकि मीडियाकर्मियों ने उनकी इस टिप्पणी को लेकर बार-बार पूछा कि क्या ये बात उन्होंने थरूर के लिए कही है, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
पार्टी में हर नेता की जगह, पर पार्टी के नियम सर्वोपरि
थरूर के मालाबार दौरे के सवाल पर सतीशन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में हर नेता की अपनी एक जगह है। कोई भी इसके खिलाफ नहीं है, लेकिन पार्टी के अपने नियम और व्यवस्था होती है। उन्होंने किसी का जिक्र न करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में दो बार हार के बाद पार्टी राज्य में वापसी करने की दिशा में है। सभी पार्टी सदस्य इस समय टीम की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे में अगर कोई गुटबाजी की कोशिश करेगा तो उसे मंजूर नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने के एजेंडे को स्वीकार नहीं कर सकते। भले ही यह किसी मीडिया या सोशल मीडिया के जरिए किया जा रहा हो। अगर पार्टी का कोई सदस्य भी ऐसा करता है, तो उसके साथ गंभीरता से निपटा जाएगा।
थरूर ने अध्यक्ष चुनाव में लगाया था पक्षपात का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के दौरान शशि थरूर ने पार्टी के बड़े नेताओं पर पक्षपात का आरोप लगया था। उन्होंने तब राज्यों में अपने प्रचार-प्रसार के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष समेत बड़े नेताओं के गायब रहने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे के कैंपेन के दौरान यही नेता उनके साथ बैठते हैं।
थरूर ने चुनाव से जुड़े जरूरी कागजात देने में भी नेताओं पर भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मुझे चुनाव में मतदान करने वाले कांग्रेस प्रतिनिधियों की अधूरी सूची दी गई थी। इसके अलावा लोगों के नंबर देने में भी भेदभव किया गया था।
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