बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक ऑर्डर में कहा कि अगर पहली शादी का खुलासा किए बगैर दूसरी शादी करके सेक्स की सहमति ली जाए तो यह पहली नजर में रेप की तरह ही होगा। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही एक पति को रेप के आरोप से मुक्त करने की याचिका खारिज कर दी। साथ ही कहा कि उसके खिलाफ केस चलाने का पर्याप्त आधार है।
जस्टिस एनजे जमादार की सिंगल बेंच आरोपी सिद्धार्थ बंथिया की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें एडिशनल सेशन जज के फैसले को चुनौती दी गई थी। एडिशनल सेशन जज ने भी आरोपी की याचिका खारिज कर दी थी।
हाईकोर्ट ने कहा, 'जहां वह आदमी जानता है कि वह फरियादी का पति नहीं है, लेकिन फरियादी इस वजह से सहमति देती है कि वह उसकी पत्नी है।'
अखबार में पति के दूसरी पत्नी के साथ छपी थी फोटो
फरियादी पेशे से मराठी एक्ट्रेस है। अखबार में बंथिया और उनकी शादी की सालगिरह के जश्न की तस्वीरें आने के बाद मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद एक्ट्रेस का उसकी पहली पत्नी से आमना-सामना हुआ।
एक्ट्रेस के मुताबिक वह 2008 में बंथिया से मिली और 2010 में उन्होंने शादी कर ली। सितंबर 2013 में एक महिला ने दावा किया कि वह बंथिया की पत्नी है और उनके दो बच्चे भी हैं। बाद में एक्ट्रेस ने पति से सवाल किए तो उसने तलाक के जाली दस्तावेज दिखा दिए। करीब एक साल बाद एक्ट्रेस को सच्चाई पता चली तो उसने पति के खिलाफ रेप और धोखाधड़ी समेत आईपीसी की 10 धाराओं में केस दर्ज कराया था।
आरोपी का दावा- फोटो फिल्म की शूटिंग की थीं।
आरोपी का दावा था कि उनके बीच संबंध सहमति से बने थे और उनकी आपस में शादी नहीं हुई थी, बल्कि शादी की तस्वीरें एक फिल्म की शूटिंग की थीं। इसके खिलाफ सेशन कोर्ट में याचिका लगाई थी और कहा था कि उस पर आरोप विरोधाभासी (कंट्राडिक्टरी) हैं और स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे में उसे आरोपों से मुक्त किया जाए।
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