ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी 8 महीने या इससे अधिक समय तक रह सकती है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक लंबे वक्त तक सुरक्षा के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत मार्च से हो सकती है। कोरोना पर नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य गुलेरिया ने सोशल मीडिया पर कई सवालों के जवाब भी दिए।
14 दिनों बाद एंटीबॉडी विकसित होगी
उन्होंने कहा कि दूसरे शॉट् के लगभग 14 दिनों बाद एंटीबॉडी विकसित होगी। यह स्पष्ट नहीं है कि इससे मिली सुरक्षा कितने दिनों तक रहेगी, लेकिन यह माना जाता है कि यह कम से कम 8 महीने या उससे अधिक समय तक प्रभावी होगा। 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद से भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सिन की 75 लाख से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं।
पशु चिकित्सकों को प्राथमिकता नहीं
गुलेरिया ने कहा कि 50 वर्ष से ऊपर की आबादी को मार्च 2021 से टीका मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें 20 से 50 साल के बीच की पहले से बीमार आबादी भी शामिल होगी। पशु चिकित्सकों को उच्च जोखिम वाले वर्कर्स की सूची में शामिल नहीं किए जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वे कोरोना के मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं।
गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को भी वैक्सीन मिलेगी
गुलेरिया ने कहा कि उम्र आधार पर अधिक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को वैक्सीन मिलेगी। सरकार अन्य देशों को वैक्सीन सप्लाई कर के अपनों को उससे क्यों वंचित कर रही है? इस सवाल पर गुलेरिया ने कहा कि चूंकि लोग यात्रा करते हैं और वायरस के वाहक बनते हैं, इसलिए प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी को विश्व स्तर पर टीका लगाया जाना चाहिए। इसलिए, सभी देशों को टीकों का अपना हिस्सा प्राप्त करने की आवश्यकता है।
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