जिसका डर था आखिर वही हुआ। भारत में भी कोरोना के नए और ज्यादा संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री हो गई है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित दो मरीज कर्नाटक में मिले हैं। इनमें एक विदेशी है, जो नवंबर में भारत आया था।
इसके साथ ही सरकार ने चेतावनी दी है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से 5 गुना ज्यादा खतरनाक है। इसलिए सभी को जागरूक रहने की जरूरत है। हालांकि डरने की कोई बात नहीं है। बस अपनी जिम्मेदारी निभानी है और मास्क पहनना है। कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय अपनाने हैं।
हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. लव अग्रवाल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और ICMR के जनरल डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने गुरुवार को इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
उन्होंने बताया कि भारत में मिले दोनों मरीजों में अब तक कोई गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं। दुनिया भर में भी ऐसे मरीजों में हल्के लक्षण ही दिखाई दे रहे हैं। WHO नए वैरिएंट की खासियत और असर पर स्टडी कर रहा है।
देश के 55% केस केरल और महाराष्ट्र में
लव अग्रवाल ने बताया- एक महीने से देश में कोरोना के केस लगातार घट रहे हैं। चिंता की बात यह है कि 15 जिलों में अब भी पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है। 18 जिलों में यह रेट 5 से 10% बनी हुई है। केरल और महाराष्ट्र ही दो राज्य हैं जहां 10 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं। देश के 55% से ज्यादा केस यहीं हैं। उन्होंने बताया कि 49% आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लगे। घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू हो चुका है। देश में अभी कोरोना के 99,763 एक्टिव केस हैं। पिछले 24 घंटे में 9,765 नए मामले सामने आए हैं।
दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिला था ओमिक्रॉन
ओमिक्रॉन वैरिएंट पहली बार 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिला था। इससे संक्रमित व्यक्ति का 9 नवंबर को सैंपल लिया गया था। 25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका ने इसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बताया था। 26 नवंबर को WHO ने नए वैरिएंट B.1.1.529 को ओमिक्रॉन नाम दिया। इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कैटेगरी में रखा गया है। इसके सामने आने के बाद कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर रोक लगा दी थी।
WHO ने कहा- निगरानी के साथ सतर्क रहने की जरूरत
WHO साउथ ईस्ट एशिया की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम अग्रवाल ने बताया कि भारत में ओमिक्रॉन के दो नए मामलों की पुष्टि हुई है। ये अप्रत्याशित मामला नहीं है। लगातार आ रहे केसेस को देखते हुए सभी देशों को निगरानी बढ़ाने, सतर्क रहने और वारस के प्रसार को रोकने उपाय पर जोर देने की जरूरत है।
ओमिक्रॉन अन्य वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा बार म्यूटेंट हो रहा है। दुनियाभर के साइंटिस्ट ओमिक्रॉन के बिहेवियर की स्टडी कर रहे हैं। इस वैरिएंट से बचने के उपाय पर भी रिसर्च किया जा रहा है। WHO उन देशों की सराहना करता है जो नए वैरिएंट के मामलों को जल्द से जल्द पहचानने में सक्षम हैं। इससे आगे की स्टडी में बेहतर परिणाम मिलेंगे।
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