कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच एक अच्छी खबर है। देश की फार्मास्युटिकल प्राइसिंग रेगुलेटर (NPPA) ने पल्स ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, नेब्युलाइजर्स, डिजिटल थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर जैसे जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट्स को ट्रेड मार्जिन रेशनलाइजेशन के तहत लाने का फैसला किया है। इसके लिए इन सभी पर डिस्ट्रीब्यूटर के मार्जिन को 70% तक सीमित रखा गया है।
NPPA ने अपने एक ट्वीट में कहा कि इन सभी उपकरणों की संशोधित कीमत 20 जुलाई, 2021 से प्रभावी होंगी जो 31 जनवरी, 2022 तक जारी रहेंगी। वर्तमान में इन सभी पांचों उपकरणों पर मार्जिन की सीमा 3% से लेकर 709% तक है।
दूसरी लहर में बेसिक टेस्ट इक्विपमेंट्स की हुई थी भारी किल्लत
दरअसल, महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी और बेसिक टेस्टिंग इक्विपमेंट्स की मांग अचानक से बढ़ गई थी। मेडिकल स्टोर में ये काफी महंगी बिके। उस दौरान अस्पतालों में मरीजों की भीड़ और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण साधारण जांच के लिए भी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। ऑक्सीजन से लेकर बेसिक टेस्टिंग इक्विपमेंट्स की देश में कमी होने लगी थी। इसी कारण इनके दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई थी।
कई जरूरी दवाओं पर टैक्स कम हुआ
पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने कोरोना के इलाज से जुड़े 18 प्रोडक्ट की ड्यूटी में कमी की थी। इसमें हैंड सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, टेस्ट किट, एम्बुलेंस और थर्मामीटर आदि शामिल हैं। ये रियायती दरें 30 सितंबर, 2021 तक लागू रहेंगी। इसके अलावा, कोरोना के इलाज में उपयोगी टोसिलिजुमैब और ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन बी पर जीएसटी दर 5% से 0% कर दिया गया। साथ ही रेमडेसिविर पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
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