पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
जैफ्री गैटलमैन. कोरोनावायरस वैक्सीन के निर्माण को लेकर भारतीय बिजनेसमैन अदार पूनावाला बड़ा दांव लगा चुके हैं। पुणे स्थित दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता सेरम इंस्टीट्यूट कोरोना वैक्सीन के लाखों डोज बनाने जा रही है। हालांकि, जिस वैक्सीन को सेरम इंस्टीट्यूट तैयार करने वाला है, वो अभी भी ट्रायल फेज में है। अगर यह वैक्सीन काम कर गई तो कंपनी के सीईओ पूनावाला दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन जाएंगे।
ऑक्सफोर्ड के साथ काम कर रही है सेरम इंस्टीट्यूट
पूनावाला की कंपनी सेरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है। कंपनी ने अप्रैल में ही क्लीनिकल ट्रायल्स खत्म होने से पहले ही बड़े स्तर पर वैक्सीन बनाने की घोषणा कर दी थी। मई की शुरुआत में यहां एक सील्ड स्टील बॉक्स में ऑक्सफोर्ड से दुनिया की सबसे भरोसेमंद वैक्सीन का सेल्युलर मटेरियल आया था।
हर मिनट तैयार होंगे 500 डोज
पूनावाला की कंपनी हर मिनट वैक्सीन के 500 डोज बनाने के लिए तैयार है। पूनावाला के पास आजकल दुनियाभर के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रधानमंत्रियों और तमाम प्रमुखों के फोन आ रहे हैं, जिनसे उनकी कभी बात नहीं हुई थी। पूनावाला कहते हैं कि 'सभी मुझसे वैक्सीन के पहले बैच के लिए रिक्वेस्ट कर रहे। मैंने सभी को समझाया कि देखो मैं आपको आधी-अधूरी वैक्सीन नहीं दे सकता।"
दुनिया के आधे बच्चों को लग चुका है सेरम की बनी वैक्सीन
कोरोनावायरस ने दुनियाभर में उथल-पुथल मचा रखी है। सारी उम्मीदें वैक्सीन पर ही टिकी हैं। ऐसे में सेरम इंस्टीट्यूट खुद को बहुत ही कॉम्पीटिटिव और धुंधले प्रयासों के बीच पाता है। वैक्सीन को जल्द से जल्द बाहर लाने के लिए डेवलपर्स का कहना है कि उन्हें सेरम के बड़े वैक्सीन असेंबली लाइन की जरूरत है। सेरम हर साल दूसरी वैक्सीन के 150 करोड़ डोज बनाती है, जो अधिकांश गरीब देशों तक जाती है। यह आंकड़ा किसी भी दूसरी कंपनी से ज्यादा है। दुनिया के आधे बच्चों को सेरम में बने टीके लगे हैं। कंपनी का पैमाना ही खासियत है।
भारत और बाकी दुनिया में बांटेंगे 50-50 वैक्सीन
जब तक ट्रायल खत्म होंगे, वैक्सीन तैयार हो जाएगी
ऑक्सफोर्ड की यह वैक्सीन भरोसेमंद विकल्पों में से एक है। दुनियाभर के अलग-अलग कारखानों में इसका प्रभाव साबित होने से पहले ही बड़े स्तर पर निर्माण शुरू हो जाएगा। वैक्सीन को तैयार होने में वक्त लगता है। लाइव कल्चर्स को बायोरिएक्टर्स के अंदर बढ़ने में हफ्तों लगते हैं। उदाहरण के लिए हर वायल को ठीक तरह से साफ करना, भरना, सील और पैक करना जरूरी है।
दो प्रक्रियाओं को एकसाथ करने का कारण है कि जब वैक्सीन ट्रायल्स में है और जब तक ट्रायल्स खत्म होंगे, वैक्सीन तैयार हो जाएगी। अमेरिकी और यूरोपीय सरकारें इस प्रयास के लिए करोड़ों डॉलर खर्च करने का वादा कर चुकी हैं। इसके साथ ही जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर, सैनोफी और एस्ट्राजैनेका जैसे बड़े फार्म्स्यूटिकल नामों के साथ उत्पादन के लिए डील कर चुकी हैं।
दूसरी कंपनियों से अलग है सेरम इंस्टीट्यूट
कंपनी का इतिहास
पूनावाला कहते हैं कि वे 70 से 80 प्रतिशत सुनिश्चित थे कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन काम करेगी, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि हम ज्यादा गहराई में नहीं जाएंगे।
शेयर होल्डर्स को हटा दिया जाए तो सेरम इंस्टीट्यूट केवल दो लोग चलाते हैं, अदार पूनावाला और उनके पिता सायरस पूनावाला। सायरस एक हॉर्स ब्रीडर थे जो अरबपति बने। करीब 50 साल पहले सेरम इंस्टीट्यूट परिवार के घोड़ों के फार्म में एक शेड के रूप में शुरू हुई थी। बाद में सायरस को यह अहसास हुआ कि वैक्सीन लैब के लिए घोड़ों को दान करने के बजाए वे खुद भी सीरम को प्रोसेस कर सकते हैं और वैक्सीन बना सकते हैं।
टिटनस के टीके से कंपनी की शुरुआत की थी
वैज्ञानिक बायो रिएक्टर्स के वायटल संकेत को मॉनिटर कर रहे हैं
फैसिलिटी के अंदर कोरोनावायरस वैक्सीन कैंडिडेट और सफेद हुड पहने साइंटिस्ट बड़े स्टेनलेस स्टील वैट्स देख रहे हैं, जहां वैक्सीन के सेल्युलर मटेरियल को बनाया जा रहा है। साथ ही वे बायो रिएक्टर्स के वायटल संकेत को मॉनिटर कर रहे हैं। सेरम के साइंटिस्ट संतोष नरवड़े कहते हैं "यह सेल्स बेहद नाजुक हैं। हमें ऑक्सीजन स्तर और स्पीड मिक्सिंग से इनका ध्यान रखना होता है नहीं तो यह सेल्स टूट जाएंगे। हम सभी को ऐसा महसूस हो रहा है जैसे हम देश और दुनिया को समाधान दे रहे हैं।"
नवंबर तक 30 करोड़ डोज बनाने की तैयारी
ऑक्सफोर्ड की तैयार की हुई वैक्सीन ने दिखाया कि यह ठीक हो रहे कोविड 19 के मरीजों की तरह ही एंटीबॉडीज को एक्टिव करती है। सेरम पहले भी रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए इस वैक्सीन के लाखों डोज तैयार कर चुका है। संभावित तौर पर नवंबर तक जब ट्रायल्स पूरे होंगे, तब तक सेरम कमर्शियल उपयोग के लिए 30 करोड़ डोज का भंडार तैयार करने की तैयारी में है।
वैक्सीन असफल हो गई तो क्या?
अगर यह वैक्सीन असफल होती है तो भी सेरम इंस्टीट्यूट मददगार होगा। सेरम ने डेवलपमेंट के शुरुआती दौर में चार अन्य वैक्सीनों को निर्माण के लिए दूसरे वैक्सीन डिजाइनर के साथ हाथ मिलाया है। हालांकि अभी इनका उत्पादन नहीं किया जा रहा है। अगर यह सभी असफल होते हैं तो पूनावाला का कहना है कि वे जल्द ही अपनी असेंबली लाइन्स को दूसरी कारगर वैक्सीन के उत्पादन में लगा देंगे। बहुत की कम लोग इस कीमत, इस पैमाने और इतनी तेजी से वैक्सीन का उत्पादन कर सकते हैं।
पहली बार वे प्राइवेट इक्विटी फंड की मदद लेने के बारे में सोच रहे हैं पूनावाला
अदार के सीईओ बनने के बाद बढ़ा है कंपनी का रेवेन्यू
जब से अदार पूनावाला ने सेरम के सीईओ का पद संभाला है, तब से कंपनी नए बाजारों में फैली है। इससे कंपनी का रेवेन्यू 5900 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। अदार कहते हैं कि 'उनके परिवार को जीवन बचाने की वैक्सीन बनाने के बजाए फैंसी कार या जेट में घूमने के लिए जाना जाता है। भारत में कई लोगों को यह नहीं पता कि मैं क्या करता हूं। उन्हें लगता है कि अरे तुम घोड़ों के साथ कुछ करते हो और जरूर पैसे बना रहे हो।'
पॉजिटिव- आज ऊर्जा तथा आत्मविश्वास से भरपूर दिन व्यतीत होगा। आप किसी मुश्किल काम को अपने परिश्रम द्वारा हल करने में सक्षम रहेंगे। अगर गाड़ी वगैरह खरीदने का विचार है, तो इस कार्य के लिए प्रबल योग बने हुए...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.