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कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की वर्चुअल मीटिंग शुक्रवार को हुई। इसमें लीडरशिप को लेकर अशोक गहलोत और आनंद शर्मा के बीच गर्मागर्म बहस हुई। बात बढ़ी तो राहुल गांधी ने दखल दिया और कहा कि दोनों नेता अपनी जगह सही हैं।
राहुल ने कहा कि संगठन चुनाव करवा कर लीडरशिप के मामले को हमेशा के लिए खत्म कर दे। इसके बाद CWC ने तय किया कि जून के अंत तक पार्टी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा।
लीडरशिप पर बहस में किसने क्या कहा?
गहलोत बोले, 'जो नेता जल्द चुनाव की मांग कर रहे हैं, वो सोचें कि हम किस एजेंडे पर चल रहे हैं? भाजपा तो हमारी तरह आंतरिक चुनाव करवाने की बात नहीं करती है? क्या जल्द चुनाव की मांग करने वालों को सोनिया गांधी की लीडरशिप पर भरोसा नहीं। संगठन के चुनावों की बजाय हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि राज्यों में होने वाले चुनावों पर ध्यान दें।'
आनंद शर्मा इस बात पर नाराज दिखे। उन्होंने कहा, 'हमने कभी सोनिया गांधी या राहुल को लेकर कुछ नहीं कहा है। हमारे लिए ऐसा कहा जाना ट्रेंड बन गया है, यह अब आम बात हो गई है।'
अंबिका सोनी तब बीच-बचाव में उतरीं जब दोनों नेताओं में बहस बढ़ गई। उन्होंने कहा कि गहलोतजी ने ये बात आपके लिए नहीं कही है।
राहुल गांधी ने जब देखा कि मामला संभल नहीं रहा है तो उन्होंने कहा कि गहलोतजी अपनी जगह ठीक हैं और आनंद शर्माजी अपनी जगह। मैं दोनों की बात का सम्मान करता हूं। संगठन को चाहिए कि चुनाव करवाकर इस मसले को हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाए ताकि देश के बाकी अहम मुद्दों पर पार्टी काम कर सके।
अध्यक्ष के चुनाव पर बंटी नजर आई कांग्रेस
लीडरशिप पर हुई इस बहस से पहले गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना चाहिए। अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, एके एंटनी, तारिक अनवर और ओमान चांडी ने ऐतराज जताया। इन्होंने कहा कि यह चुनाव 5 राज्यों के चुनावों के बाद होने चाहिए।
चिदंबरम ने दिया CWC में चुनाव का प्रपोजल, अंबिका सोनी को ऐतराज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम अध्यक्ष के चुनाव तक ही नहीं सीमित रहे। उन्होंने कार्यसमिति के अलावा पहले की तरह केंद्रीय चुनाव समिति और पार्लियामेंट्री बोर्ड का चुनाव करवाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष CWC में 11 सदस्य नॉमिनेट करता है। इसके अलावा जो 10 सदस्य है, उनका चुनाव होना चाहिए।
अंबिका सोनी ने कहा, 'चुनाव करवाने की जरूरत ही क्या है। अगले साल 2022 में 5 साल के लिए पार्टी के चुनाव होने ही हैं। दोबारा चुनाव करवाने की क्या जरूरत है। इसे सोनिया जी पर छोड़ दीजिए, वो अपने हिसाब से देखें।'
कांग्रेस के एक गुट की मांग- प्रेसिडेंट फुल टाइम हो और एक्टिव भी रहे
2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी ने बतौर कार्यकारी अध्यक्ष फिर से पार्टी की कमान संभाली थी। कांग्रेस नेताओं का एक गुट फुलटाइम और एक्टिव प्रेसिडेंट चुनने की मांग कर रहा है। गांधी परिवार से अलग अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठती रही है।
सोनिया ने पिछले महीने नाराज नेताओं से मुलाकात की थी
कांग्रेस के 23 सीनियर लीडर्स ने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई थी। इन्होंने पार्टी में बड़े फेरबदल की जरूरत बताई। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक और पृथ्वीराज चव्हाण शामिल थे। इन नेताओं के साथ सोनिया ने पिछले महीने मीटिंग कर सभी मुद्दों पर बात की थी। बैठक में राहुल और प्रियंका भी शामिल हुए थे।
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