टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का 4 सितंबर को मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। साइरस की मर्सिडीज बेंज GLC 220 कार हाईवे पर सूर्या नदी के पुल पर डिवाइडर से टकराई थी। इस हाई एंड लग्जरी कार के एक्सीडेंट के बाद कार की सेफ्टी को लेकर सवाल उठे थे। पुलिस ने भारत से लेकर जर्मनी तक मर्सिडीज कंपनी के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी।
मर्सिडीज ने पहले इंडियन एक्सपर्ट्स की टीम से कार की जांच कराई, इसके बाद मंगलवार (13 सितंबर) को हॉन्ग कॉन्ग से तीन मेंबर्स की स्पेशलाइज्ड टीम ठाणे पहुंची। हादसे का शिकार हुई कार को मर्सिडीज बेंज की ठाणे यूनिट में ही रखा गया है। हॉन्ग कॉन्ग से आई टीम में 3 एक्सपर्ट हैं, जो कार के सभी फंक्शन्स की जांच करने के बाद डेटा चिप भी रिकवर करेगी।
मर्सिडीज ने कार का डेटा रिकॉर्डर जर्मनी भेजने की बात कही थी
पुलिस ने मर्सिडीज कंपनी से पूछा था कि उनके टेस्ट और इन्वेस्टिगेशन में मर्सिडीज GLC 220 की कोलिजन इम्पैक्ट की रिपोर्ट क्या है... और क्या कार में कोई मैकेनिकल फॉल्ट था? इसके बाद कंपनी ने बताया कि कार में लगे डेटा रिकॉर्डर चिप को डिकोडिंग के लिए जर्मनी भेजा जाएगा। इसे डिकोड करने पर SUV के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। हॉन्ग कॉन्ग से आई टीम कार की डेटा चिप को जांच के लिए ले जा सकती है। कार की चिप को ब्लैक बॉक्स भी कहा जाता है। इस डिवाइस से क्या जानकारियां हासिल की जा सकती हैं, जानने के लिए यहां क्लिक करें...
खबर को आगे पढ़ने से पहले जान लीजिए कि हादसा कहां और कैसे हुआ?
अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर 4 सितंबर को हुए एक्सीडेंट में टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का निधन हो गया था। उनकी मर्सिडीज GLC 220 कार हाईवे पर सूर्या नदी के पुल पर बने डिवाइडर से टकराई थी। वे गुजरात के उदवाड़ा पारसी मंदिर से लौट रहे थे। हादसे में मिस्त्री (54) और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले (49) की जान चली गई, जबकि कार ड्राइव कर रहीं डॉ. अनायता पंडोले और उनके पति दरीयस पंडोले घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद के हालात को विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें...
हादसे के दिन यानी 4 सितंबर से 9 सितंबर तक एक्सपर्ट्स ने हादसे की तीन संभावित वजहें बताई थीं। नीचे दिए ग्राफिक में जानिए क्या कहती है शुरुआती जांच...
साइरस की मर्सिडीज के एक्सीडेंट की ऊपर दी गईं तीनों थ्योरी अलग-अलग इंस्टीट्यूशन्स से आई हैं। इनमें महाराष्ट्र की पालघर पुलिस, IIT खड़गपुर की फोरेंसिक टीम और मर्सिडीज इंडिया का इन्वेस्टिगेशन ग्रुप शामिल है। अब कार कंपनी ने हॉन्ग कॉन्ग से जो एक्सपर्ट टीम भेजी है, वह भी एक्सीडेंट को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।
मर्सिडीज 89 KMPH पर पुल से टकराई, हाईवे पर स्पीड 100 KMPH थी
अहमदाबाद-मुंबई हाईवे (NH-98) पर रविवार को डिवाइडर से टकराई साइरस की कार हादसे से ठीक पहले 100 KMPH की स्पीड से दौड़ रही थी। साइरस की कार की जांच के बाद मर्सिडीज कंपनी ने यह जानकारी दी है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कार टकराने से 5 सेकेंड पहले डॉक्टर अनायता पंडोले ने ब्रेक लगाए थे, जिससे कार की स्पीड घटकर 89 KMPH पर आ गई थी। मर्सिडीज इंडिया की टीम ने और क्या कहा, जानने के लिए यहां क्लिक करें...
साइरस की लग्जरी कार ने महज 9 मिनट में तय की 20 KM की दूरी
साइरस मिस्त्री जिस लग्जरी कार में थे, उसका नंबर MH-47-AB-6705 है। कार ने रविवार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर चरौती का चेक पोस्ट क्रॉस किया था। यहां से 20 KM दूर दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर सूर्या नदी के पुल पर कार का एक्सीडेंट हुआ। मर्सिडीज कार ने 20 KM की यह दूरी महज 9 मिनट में तय की थी। इसके मुताबिक चेक पोस्ट से सूर्या नदी के पुल के बीच मर्सिडीज की एवरेज स्पीड 134 KMPH रही होगी। मर्सिडीज के स्पीड कैलकुलेशन से जुड़ी खास खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
IIT खड़गपुर ने सूर्या नदी पर बने पुल की डिजाइन में खराबी बताई
मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूर्या नदी के पुल की फॉल्टी डिजाइन की वजह से टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार हादसे का शिकार हुई। हादसे की जांच के लिए पहुंची IIT खड़गपुर की 7 मेंबर वाली फोरेंसिक टीम ने कार की डिटेल जांच करने के बाद यह रिपोर्ट दी है। जांच टीम ने यह भी पाया कि साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज GLC 220 कार के सभी सेफ्टी फंक्शन ठीक तरह से काम कर रहे थे। IIT खड़गपुर के फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें..
सुरक्षित लग्जरी कार में होने के बाद भी क्यों गई साइरस की जान?
एक्सीडेंट के बाद साइरस की मर्सिडीज की फोरेंसिक जांच करने वाली IIT खड़गपुर की टीम ने पाया कि साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज GLC 220 कार के सभी सेफ्टी फंक्शन ठीक तरह से काम कर रहे थे। हादसे के समय एयरबैग भी खुले, लेकिन सीट बेल्ट न लगाने की वजह से टक्कर में साइरस के अंदरूनी अंगों में गंभीर चोटें आईं। यही उनकी मौत की वजह बनी।
IIT खड़गपुर की सात मेंबर्स वाली फोरेंसिक टीम में दो PhD स्कॉलर, मैकेनिकल और सिविल इंजीनियर, क्रैश इन्वेस्टिगेशन के अनुभवी प्रोफेशनल्स और सिम्युलेशन में स्पेशलाइजेशन रखने वाले एक-एक मेंबर शामिल थे। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सीट बेल्ट कैसे हादसे के समय हमारी जान बचा सकता है। साथ ही जानें, कार से सफर करते समय किन बातों का रखें ध्यान...
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