छावला गैंगरेप में बरी आरोपी पर अब मर्डर केस:दिल्ली में ऑटोवाले को चाकू मारा, SC ने 3 महीने पहले बरी किया था

नई दिल्ली2 महीने पहले
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यह तस्वीर 2012 में हुए छावला गैंगरेप के बाद प्रदर्शन की है।

सुप्रीम कोर्ट से बरी हुए छावला गैंगरेप के आरोपी को दिल्ली पुलिस ने एक मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया है। पवन और विनोद पर एक ऑटो ड्राइवर की हत्या का आरोप है। द्वारका के DCP एम हर्षवर्धन ने बताया कि आरोपियों में से एक विनोद छावला गैंगरेप केस का भी आरोपी था। तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने उसे रेप केस से बरी कर दिया था।

दरअसल, 2012 में हुए छावला गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को विनोद समेत 3 दोषियों को बरी कर दिया था, जबकि हाईकोर्ट और निचली अदालत ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।

लूट के लिए ऑटो ड्राइवर के गले में मारा चाकू
DCP के मुताबिक, 25-26 जनवरी की दरमियानी रात पवन और उसके साथी विनोद ने द्वारका इलाके में एक ऑटो रिक्शा को बुक किया। इसके कुछ देर बाद उन्होंने ऑटो वाले को लूटने की कोशिश की। जब ऑटो वाले ने इसका विरोध किया तो दोनों ने ऑटो वाले के गले में चाकू मारकर फरार हो गए। मौके पर पहुंचकर दिल्ली पुलिस ने ऑटो ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

ऑटो ड्राइवर का नाम अनर सिंह है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान CCTV फुटेज के आधार पर की गई। घटना की जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।

क्या है छावला गैंगरेप, 4 पॉइंट्स में पूरा केस समझें...

1. उत्तराखंड की लड़की से 14 फरवरी 2012 को हुआ रेप
दिल्ली के छावला इलाके से 9 फरवरी 2012 को उत्तराखंड की 19 साल की लड़की का अपहरण किया गया था। कई दिनों बाद 14 फरवरी को लड़की की बॉडी हरियाणा के रेवाड़ी में एक खेत में मिली थी। बॉडी को जला दिया गया था।

2. लड़की को सिगरेट से दागा, तेजाब डाला
दिल्ली के नजफगढ़ में केस दर्ज किया गया था। शिकायत में कहा गया कि आरोपी लड़की को गाड़ी में बिठाकर दिल्ली से बाहर ले गए थे। गैंगरेप के दौरान उसके शरीर को सिगरेट से दागा और चेहरे पर तेजाब डाला गया। उसके शरीर पर कार में रखे औजारों से हमला किया गया। इसके बाद हत्या कर दी। इस केस में रवि कुमार, राहुल और विनोद को आरोपी बनाया गया था।

3. गैंगरेप के 2 साल बाद आरोपियों को फांसी सुनाई गई
2014 में निचली अदालत ने रवि, राहुल और विनोद को दोषी पाया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई। इसी साल अगस्त में हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा था। अदालत ने दोषियों को सड़कों पर घूमने वाला हिंसक जानवर कहा था।

4. सुप्रीम कोर्ट में पुलिस ने भी सजा कम करने का विरोध किया
हाईकोर्ट के फैसले के बाद दोषियों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। दिल्ली पुलिस ने सजा कम किए जाने का विरोध किया था। कहा था कि यह अपराध केवल पीड़िता के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह समाज के खिलाफ अपराध है। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि यह जघन्य अपराध है। हम दोषियों को किसी भी तरह की राहत दिए जाने के खिलाफ हैं। पीड़ित लड़की के पिता ने भी कहा था कि मामले के दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।

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