नई दिल्ली. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच में घिरे रॉबर्ट वाड्रा को कोर्ट से राहत मिली है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को उनकी अंतरिम जमानत 2 मार्च तक बढ़ा दी। ईडी ने कोर्ट से वाड्रा को अग्रिम जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे और उनसे अभी कई सवाल पूछे जाने हैं। हालांकि, वाड्रा ने कहा कि ईडी जब भी उन्हें बुलाती है वो पूछताछ के लिए पेश होते हैं।
इससे पहले 2 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें 16 फरवरी तक की अंतरिम जमानत दी थी। अदालत ने शर्त रखी थी कि वाड्रा को ईडी की जांच में सहयोग करना होगा।
लंदन में संपत्ति खरीद से जुड़ा मामला
ईडी के मुताबिक, आयकर विभाग फरार हथियार कारोबारी संजय भंडारी के खिलाफ कालाधन कानून और कर कानून के तहत दर्ज मामलों की जांच कर रहा था। इस दौरान आयकर विभाग को किसी मामले में अरोड़ा की भूमिका पर भी संदेह हुआ। इसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। ईडी का आरोप है कि लंदन में भंडारी ने 19 लाख पाउंड में संपत्ति खरीदी थी। उसकी मरम्मत पर 65900 पाउंड खर्च करने के बाद 2010 में उतनी ही रकम में वाड्रा काे बेच दी थी। इससे साफ हो गया कि भंडारी इस संपत्ति का वास्तविक मालिक नहीं था, बल्कि उसने वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सौदा किया था।
आरोप यह भी है कि वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के कर्मचारी अरोड़ा की इस सौदे में अहम भूमिका थी। उसे वाड्रा की विदेशी अघोषित संपत्ति की भी जानकारी थी और पैसों की व्यवस्था करने में भी उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
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