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15 साल बाद MCD से भाजपा आउट:BJP को 104, AAP को 134 सीटें; केजरीवाल बोले- मोदी के आशीर्वाद से विकास करेंगे

नई दिल्ली6 महीने पहले
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MCD चुनाव में जीत के बाद आप ऑफिस में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। - Dainik Bhaskar
MCD चुनाव में जीत के बाद आप ऑफिस में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।

दिल्ली नगर निगम (MCD) में पिछले 15 साल से काबिज भाजपा का पत्ता साफ हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां बहुमत से जीत दर्ज की है। स्टेट इलेक्शन कमीशन के मुताबिक 250 सीटों वाले MCD में AAP को 134 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से 8 ज्यादा हैं। वहीं भाजपा के 104 और कांग्रेस के 9 उम्मीदवार जीते हैं। 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई है।

MCD में AAP की जीत पर CM अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को बधाई दी। पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- दिल्ली की जनता ने अपने बेटे और भाई को दिल्ली की सफाई और भ्रष्टाचार खत्म करने की जिम्मेदारी दी है। हमें केंद्र सरकार का भी सहयोग चाहिए। प्रधानमंत्री जी का भी आशीर्वाद चाहिए।

दिल्ली में आप-का 15 का आंकड़ा
यह भी संयोग ही है कि 2013 में दिल्ली में केजरीवाल ने कांग्रेस के 15 साल के शासन को ब्रेक कर सत्ता हासिल की थी। अब 2022 में MCD में भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर सत्ता हासिल की है।

अब एक नजर नतीजों पर डाल लेते हैं...

कांग्रेस के 188, भाजपा के 10 कैंडिडेट की जमानत जब्त
MCD चुनाव में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में बेहद खराब रहा। पार्टी के इस बार 9 प्रत्याशी ही जीत दर्ज कर पाए, जबकि 188 कैंडिडेट्स अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएं। पिछले चुनाव में कांग्रेस 30 वार्डों में जीती थी। इसी तरह भाजपा के 10 और AAP के 3 उम्मीदवार इस बार अपनी जमानत नहीं बचा पाए। 370 निर्दलीय उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। इसी तरह बहुजन समाज पार्टी के 128, NCP के 25, ओवैसी की पार्टी AIMIM के 13 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए।

जीत के बाद AAP कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।
जीत के बाद AAP कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।

जीत का सबसे बड़ा और कम अंतर
मटिया महल विधानसभा के चांदनी महल वार्ड से AAP के आले मुहम्मद इकबाल ने 17,134 वोटों के अंतर से चुनाव जीता। यह इस बार जीत का सबसे बड़ा अंतर है। इकबाल को 19 हजार 199 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मोहम्मद हामिद को 2065 मत मिले।

इसी तरह ग्रेटर कैलाश के चितरंजन पार्क वार्ड से AAP के आशु ठाकुर ने केवल 44 वोट से चुनाव जीता। आशु ठाकुर को 10 हजार 443 मत मिले जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी की कंचन चौधरी को 10 हजार 399 वोट मिले। यह इस बार सबसे कम अंतर की जीत रही।

यह फोटो AAP ऑफिस के बाहर का है। रुझानों में जीत मिलते ही पार्टी कार्यकर्ता जमा हो गए।
यह फोटो AAP ऑफिस के बाहर का है। रुझानों में जीत मिलते ही पार्टी कार्यकर्ता जमा हो गए।

भाजपा का वोट 0.6% बढ़ा, AAP का करीब 17%
इस चुनाव में चौंकाने वाली बात ये रही कि भाजपा का वोट पिछले चुनाव के मुकाबले 0.6% बढ़ा, लेकिन 77 सीटें कम हो गईं। पार्टी का वोट शेयर इस बार 39.09% रहा, जबकि पिछले चुनाव में उसे 39.03% लोगों ने वोट दिया था।

इसी तरह AAP के वोट शेयर में पिछले साल के मुकाबले करीब 17% की बढ़ोतरी हुई। AAP को इस बार 42.05% वोट मिले, जबकि पिछले चुनाव में उसे 25.08% मतदाताओं ने वोट दिए थे।

कांग्रेस को पिछली बार 21.02% वोट मिले थे, जो इस बार घटकर 11.68% पर पहुंच गया। अन्य ने पिछली बार 14.99% वोट शेयर के साथ 11 सीटें जीती थीं, हालांकि इस बार 7.18% वोट शेयर के साथ वे 3 सीट ही जीत पाए। वहीं कुल 57 हजार 545 लोगों ने NOTA का इस्तेमाल किया यानि 0.78%।

AAP ऑफिस में बुधवार सुबह नया बैनर लगाया गया।
AAP ऑफिस में बुधवार सुबह नया बैनर लगाया गया।

दिग्गजों के क्षेत्र में AAP पिछड़ी
मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में 4 सीटें हैं। भाजपा ने 3 पर जीत दर्ज की। AAP के खाते में एक ही सीट आई। उधर, जेल में बंद सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्र में 3 वार्ड हैं। पार्टी तीनों पर भाजपा से हार गई। केजरीवाल के वार्ड नंबर 74 चांदनी चौक से पार्टी के उम्मीदवार पुनर्दीप सिंह ने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराया। उधर, AAP विधायक अमानतुल्लाह के वार्ड नंबर 189 जाकिर नगर से कांग्रेस विजयी हुई।

AAP के दफ्तर में पहले मायूसी फिर जश्न
एग्जिट पोल में AAP की जीत के बाद बुधवार सुबह से ही पार्टी के कार्यालय में गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। ऑफिस को पीले और नीले गुब्बारों से सजाया गया। पिछली बार इन्हें सफेद और नीले कलर के गुब्बारों से सजाया गया था, पर जैसे ही रुझान आते रहे AAP के दफ्तर में पहले जश्न, मायूसी फिर जश्न का माहौल दिखा।

सुल्तानपुरी A वार्ड 43 से AAP की ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी जीती हैं।
सुल्तानपुरी A वार्ड 43 से AAP की ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी जीती हैं।

शुरुआत में कभी भाजपा, कभी AAP आगे रही
सुबह 8 बजे जैसे ही शुरुआती रुझान आए, भाजपा और AAP में कड़ी टक्कर देखने को मिली। शुरुआती दो घंटे में दोनों दलों की सीटों में 10 से 20 सीटों का अंतर रहा। कभी भाजपा आगे तो कभी AAP आगे दिखी। फिर सुबह 10.30 बजे के बाद हालात बदले और AAP ने भाजपा पर बढ़त बना ली।

कांग्रेस का दफ्तर सूना, भाजपा ऑफिस भी खाली
कांग्रेस का दफ्तर सुबह से ही सूना रहा। दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिखा। भाजपा कार्यालय में सुबह कोई बड़ा नेता नहीं दिखा। कार्यकर्ता बहुत कम दिखे। एक कार्यकर्ता ने कहा कि एग्जिट पोल में AAP की बड़ी जीत दिख रही थी। शायद यह इसका ही असर है, लेकिन हमें विश्वास है कि हम 100 से ज्यादा सीटें लेकर आएंगे। हालांकि जैसे-जैसे नतीजे आते दिखे ऑफिस में हलचल बढ़ गई।भाजपा ऑफिस के बाहर भीड़ जमा है।

संजय सिंह बोले- लोगों ने कट्‌टर ईमानदार को जिताया
पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर हमला बोला है। सिंह ने कहा- अरविंद केजरीवाल कट्‌टर ईमानदार हैं, लोगों ने ईमानदार को जिताया है। भाजपा के किले को ध्वस्त करने का काम केजरीवाल ने किया। भाजपा अभी भी कह रही है मेयर हमारा होगा, जबकि उनकी 20-25 सीटें कम हैं। भाजपा खोखा पार्टी है। दिल्ली का मेयर भी हमारा होगा। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी वालों 17 केंद्रीय मंत्री और 8 मुख्यमंत्री दिल्ली में लगाए, फिर भी जनता ने केजरीवाल को जिताया है। यह बहुत बड़ी जीत है।

एग्जिट पोल के नतीजे बराबर रहे...

MCD क्या काम करती है?

  • जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है।
  • प्राइमरी स्कूलों का संचालन और सड़क, ओवर ब्रिज, सार्वजनिक शौचालय जैसे पब्लिक प्लेस का निर्माण-रखरखाव।
  • वाटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम।
  • पार्क, लाइब्रेरी, स्ट्रीट लाइट्स और पार्किंग क्षेत्रों का रखरखाव। कई पार्किंग के ठेके भी MCD देती है।
  • MCD के जरूरी कामों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल है, जिसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर घर से और कलेक्शन पॉइंट्स से कचरा इकट्ठा किया जाए।
  • MCD का काम यह सुनिश्चित करना है कि इमारतों का निर्माण उसके द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार हो।
  • MCD श्मशान घाट चलाने और जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार है।

दिल्ली की राजनीति में MCD इतनी अहम क्यों?
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि MCD उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि MCD भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।

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AAP ने दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया है। अरविंद केजरीवाल के तीन बार दिल्ली का CM बनने के बाद ये पहला मौका है जब MCD पर भी AAP का कब्जा हो गया है। MCD की कुल 250 सीटों में से अब तक AAP ने 134 और BJP ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस के लिए ये चुनाव भी बेहद बुरा रहा। पढ़ें पूरी खबर...