NEET-PG 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली में बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। सोमवार रात हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के बीच झड़प हुई। डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें कई डॉक्टर घायल हुए हैं। वहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में एक मरीज ने बताया कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं हैं। बड़ी संख्या में मरीज इलाज का इंतजार कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन की वजह से ओपीडी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित है। वहीं, AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी सोमवार रात के मार्च के दौरान डॉक्टरों पर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया।
हेल्थ मिनिस्टर से मिलेंगे रेजिडेंट डॉक्टर
सफदरजंग अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने बताया, ‘आज सभी रेजिडेंट डॉक्टर हेल्थ मिनिस्टर से मिलने जाएंगे। इसके अलावा हम एडिशनल DCP रोहित मीना को ससपेंड करने की मांग कर रहे हैं।’ डॉक्टर ने कहा कि रोहित मीना ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर लाठीचार्ज करवाई।
डॉक्टरों के संगठनों ने हड़ताल का ऐलान किया
FORDA ने एक बयान जारी कर मार्च के दौरान पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया। सोमवार रात को जारी बयान में कहा गया, "आज से सभी मेडिकल संस्थानों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। हम इस क्रूरता की कड़ी निंदा करते हैं और FORDA प्रतिनिधियों और रेजिडेंट डॉक्टरों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।"
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के महासचिव डॉ. कुल सौरभ कौशिक ने कहा, ‘हमने अपनी मांगें पूरी होने तक सफदरजंग अस्पताल से अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है। वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में 29 दिसंबर की सुबह 8 बजे से देश भर में सभी स्वास्थ्य सेवाओं को बंद रखने का ऐलान किया है।
डॉक्टरों पर FIR दर्ज
एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ रात के मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस ने कई रेजिडेंट डॉक्टरों को हिरासत में लिया। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बताया कि डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 7 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने ड्यूटी में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में डॉक्टरों पर धारा 188 सहित कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की है।
पुलिस ने लाठीचार्ज के आरोपों को नकारा
लाठीचार्ज के आरोपों को लेकर दिल्ली पुलिस की एडिशनल कमिश्नर सुमन गोयल ने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर फोर्स का इस्तेमाल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कल सुबह करीब 9:30-10 बजे कुछ डॉक्टरों ने प्रदर्शन करते हुए ITO जंक्शन जाम कर दिया, वो अपनी मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ मार्च करना चाह रहे थे। उन्हें रोका गया तो वो ITO जंक्शन पर बहादुरशाह जफर रोड पर बैठ गए।
दिनभर जंक्शन जाम रहा। वो लोग फिर सुप्रीम कोर्ट की तरफ मार्च करना चाहते थे, इस दौरान प्रिवेंटिव तौर पर कुछ डॉक्टर को हिरासत में लिया गया। इनका आरोप है कि इनके साथ मिस हैंडलिंग हुई और फोर्स का इस्तेमाल हुआ, किसी तरह की फोर्स का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
अस्पतालों में भटक रहे मरीज
आंदोलन की वजह से सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है। अपनी मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर जाने से सफदरजंग अस्पताल में मरीज परेशानियों का सामना कर रहे हैं। मंगलवार को एक महिला ने बताया, 'मेरे बच्चे का इलाज इसी अस्पताल में हो रहा था लेकिन आज डॉक्टर ने यहां से दूसरी अस्पताल में रेफर कर दिया है।'
क्यों हो रहा प्रदर्शन ?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने NEET-PG काउंसलिंग को लेकर PM मोदी को लेटर लिखा था। इसमें कहा गया था कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सामना करने के लिए हमारे पास डॉक्टरों की कमी है।NEET-PG परीक्षा जनवरी 2021 में होने वाली थी, लेकिन कोविड की पहली और दूसरी लहर को देखते हुए स्थगित कर दी गई।
यह परीक्षा 12 सितंबर 2021 को कराई गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी बाधाओं के कारण काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई है। काउंसलिंग न होने की वजह से फ्रंटलाइन पर करीब 45 हजार डॉक्टरों की कमी है।
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