कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को 3 नामांकन हुए। पहला नामांकन शशि थरूर, दूसरा नामांकन झारखंड के कांग्रेस लीडर केएन त्रिपाठी और तीसरा नॉमिनेशन मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। इसके साथ ही तय हो गया है कि अगला अध्यक्ष गैर-गांधी ही होगा।
थरूर और त्रिपाठी के प्रस्तावकों में इक्का-दुक्का लीडर्स थे, लेकिन गांधी फैमिली की चॉइस बताए जा रहे मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावकों की लिस्ट में 30 बड़े नेताओं के नाम हैं। इनमें जी-23 के बड़े चेहरे आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी शामिल हैं। खड़गे के साथ नेताओं के हुजूम की तस्वीर यह साफ कर रही है कि नॉमिनेशन ही नतीजे हैं।
हाईकमान और टॉप लीडर्स के सपोर्ट से खड़गे का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो खड़गे बाबू जगजीवन राम के बाद दूसरे दलित अध्यक्ष बनेंगे। जगजीवन राम 1970-71 में कांग्रेस के अध्यक्ष थे। खड़गे का कांग्रेस में कद और उनके करियर के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें...
सबसे पहले खड़गे के 30 और थरूर के 9 प्रस्तावकों को जान लीजिए
मल्लिकार्जुन खड़गे: एके एंटनी, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, अभिषेक मनु सिंघवी, अजय माकन, भूपिंदर हुड्डा, दिग्विजय सिंह, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, अखिलेश प्रसाद सिंह, दीपेंदर हुड्डा, नारायण सामी, वी वथिलिंगम, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, अविनाश पांडे, राजीव शुक्ला, नासिर हुसैन, मनीष तिवारी, रघुवीर सिंह मीणा, धीरज प्रसाद साहू, ताराचंद, पृथ्वीराज चाव्हाण, कमलेश्वर पटेल, मूलचंद मीणा, डॉ. गुंजन, संजय कपूर और विनीत पुनिया।
शशि थरूर: कार्ति चिदंबरम, सलमान सोज, प्रवीण डाबर, संदीप दीक्षित, प्रद्युत बरदलोई, मोहम्मद जावेद, सैफुद्दीन सोज, जीके झिमोमी, और लोवितो झिमोमी।
अब चुनावी तस्वीर को साफ करते 3 सबसे बड़े बयान
1. दिग्विजय सिंह: मैं खड़गे का प्रस्तावक
"मैं कल खड़गे जी के घर गया और पूछा कि अगर आप नॉमिनेशन कर रहे हो तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। आज जानकारी मिली कि वे कैंडिडेट हैं। मैं आज फिर उनके घर गया और कहा कि आप वरिष्ठ नेता हैं, मैं आपके खिलाफ चुनाव लड़ने की बात सोच भी नहीं सकता। अब उनका इरादा चुनाव लड़ने का है तो मैं उनका प्रस्तावक बनना स्वीकार करता हूं।"
2. अशोक गहलोत: चुनाव अब फ्रैंडली मैच
"खड़गे अनुभवी नेता हैं। उनका चुनाव लड़ने का फैसला सही है। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अब फ्रैंडली मैच है। हम सभी लोग एकजुट हैं। सभी वरिष्ठ नेताओं ने खड़गे को चुनाव में उतारने का फैसला किया है। शशि थरूर ने भी कहा है कि यह एक फ्रैंडली मैच है और कांग्रेस इसमें जीतेगी।"
3. मल्लिकार्जुन खड़गे: उम्मीद है मैं जीतूंगा
"जिन्होंने आज मेरा समर्थन किया, मुझे प्रोत्साहित किया उन सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं, मंत्रियों का धन्यवाद। 17 अक्टूबर को देखते हैं, क्या नतीजा आता है। उम्मीद है मैं जीतूंगा। मैं कांग्रेस की आइडियोलॉजी से बचपन से जुड़ा हूं। 8वीं-9वीं से ही नेहरू-गांधी की विचारधारा के लिए कैंपेनिंग की है।"
कांग्रेस में बदलाव की मांग करने वाला G-23 एक्टिव
शुक्रवार को नॉमिनेशन से एक दिन पहले गुरुवार को G-23 एक्टिव हो गया। यह वही ग्रुप है, जिसने पार्टी लीडरशिप में बदलाव का मुद्दा उठाया था। गुरुवार देर रात तक मीटिंग चली और इसके बाद मनीष तिवारी, गहलोत के नामों की भी चर्चा होने लगी। कहा जाने लगा कि ये भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन शुक्रवार को जो तस्वीर सामने आई, उसमें खड़गे के नॉमिनेशन में इस ग्रुप के सबसे मजबूत नेता यानी आनंद शर्मा और मनीष तिवारी प्रस्तावक के तौर पर मौजूद रहे।
2 सबसे अहम तस्वीरें देखिए...
1. कांग्रेस मुख्यालय में चुनावी माहौल पर गूंज राजस्थान विवाद की
2. राजघाट में राजीव मेमोरियल पर पहुंचे थरूर, रिजल्ट पर बात की
4 घंटे में कैसे बदल गई कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की पूरी तस्वीर
सुबह 9 बजे से 10 बजे: यह वो समय था, जब कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 2 ही नाम चल रहे थे। पहला दिग्विजिय सिंह और दूसरा शशि थरूर। इस वक्त तक खड़गे की कोई चर्चा नहीं थी। कहा जा रहा था कि दिग्विजय नामांकन भरेंगे। थरूर खुद ही नॉमिनेशन भरने का ऐलान कर चुके थे।
सुबह 10 से 11 बजे: नॉमिनेशन की चर्चा के बीच दिग्विजय अचानक मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचे। मुलाकात चल ही रही थी कि कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि दिग्विजय चुनाव से बाहर हो गए हैं, लेकिन करीब आधे घंटे तक दिग्गी के चुनाव लड़ने या न लड़ने पर सस्पेंस ही रहा। ये तब खत्म हुआ, जब खुद दिग्विजय सामने आए और चुनाव से बाहर होने की बात कही।
सुबह 11 से दोपहर 1 बजे: नॉमिनेशन की शुरुआत हुई और शशि थरूर सबसे पहले पहुंचे। साथ में 9 प्रस्तावक थे। इसके बाद झारखंड के लीडर केएन त्रिपाठी ने नॉमिनेशन भरा। इसी समय खड़गे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान वहां पायलट के समर्थन में नारेबाजी हो रही थी।
दोपहर 1 से दोपहर 2 बजे: मल्लिकार्जुन खड़गे ने नॉमिनेशन फाइल किया। उनके साथ 30 प्रस्तावकों का हुजूम था। इसके अलावा बड़ी संख्या में समर्थक कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद थे।
समान विचारधारा वाले दो लोगों की लड़ाई अब देखने को नहीं मिलेगी...
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल सोनिया गांधी से मिलने जाते वक्त अपने साथ सचिन पायलट के खिलाफ गंभीर आरोपों के दस्तावेज लेकर गए थे। सोनिया गांधी के बंगले पर जाते वक्त गहलोत के हाथ जो कागज कैमरों में कैद हुआ, उस कागज में पायलट कैंप पर गुंडागर्दी करने, BJP से मिलीभगत करने से लेकर पार्टी छोड़ने तक का जिक्र है। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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कांग्रेस में पॉलिटिकल ड्रामा अभी बाकी है। ये भी रहस्य, रोमांच और एंटरटेनमेंट से भरपूर होगा। रोमांचक इसलिए क्योंकि गहलोत की प्रेस ब्रीफिंग के साथ ही पॉलिटिकल पंडितों ने अटकलें लगानी शुरू कर दी हैं। अशोक गहलोत अध्यक्ष नहीं बनेंगे और जिस तरह से उनके मंत्री बयान दे रहे हैं, इससे साफ है कि गहलोत इतनी आसानी से CM पद भी नहीं छोड़ेंगे। अगर छोड़ भी दिया तो आसानी से सचिन पायलट को तो कम से कम CM नहीं बनने देंगे। पूरा एनालिसिस पढ़ें
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गुरुवार रात करीब 8 बजे सचिन पायलट सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। वेणुगोपाल भी वहां मौजूद रहे। करीब एक घंटे चली बैठक के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा- राजस्थान को लेकर आलाकमान से विस्तार से चर्चा हुई। हमारा मकसद है कि हम अगली बार भी राजस्थान में सरकार बनाएं। सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...
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