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PM ने अरुणाचल में किया एयरपोर्ट का उद्घाटन:640 करोड़ में बना; मोदी बोले- हमारा काम अटकाना, लटकाना, भटकाना नहीं

ईटानगर4 महीने पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। ये अरुणाचल का पहला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है, जिसका नाम डोनी पोलो एयरपोर्ट है। इटानगर में बना ये एयरपोर्ट 640 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इसके अलावा उन्होंने ईटानगर में 600 मेगावाट का कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया।

मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा जनता जानती है कि हम एक कार्य संस्कृति लेकर आए हैं, जहां जिन परियोजनाओं का हमने शिलान्यास किया है, उनका उद्घाटन भी करते हैं। हमारा काम अटकाना, लटकाना, भटकाना नहीं है, इसका युग चला गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ईटानगर में पहले ग्रीनफील्ड डोनी पोलो एयरपोर्ट का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ईटानगर में पहले ग्रीनफील्ड डोनी पोलो एयरपोर्ट का उद्घाटन किया।

राजनीतिक टिप्पणीकारों के मुंह पर तमाचा
उन्होंने कहा, '2019 में जब मैंने इसका शिलान्यास किया, तब चुनाव होने वाले थे। कई राजनीतिक टिप्पणीकारों ने शोर मचाया कि कोई एयरपोर्ट नहीं बनने वाला है। मोदी वोट के कारण पत्थर खड़ा कर रहे हैं। आज का उद्घाटन उनके मुंह पर तमाचा है।'

अटल जी की सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास का प्रयास किया
आजादी के बाद पूर्वोत्तर एक अलग युग का गवाह बना। दशकों तक क्षेत्र उपेक्षा का शिकार रहा है, जब अटल जी की सरकार आई तो पहली बार इसे बदलने का प्रयास किया गया। यह पहली सरकार थी जिसने पूर्वोत्तर के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया।

ईटानगर में 600 मेगावाट का कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया
ईटानगर में 600 मेगावाट का कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया

इसके बाद जो सरकारें आईं, उन्होंने गति को आगे नहीं बढ़ाया। परिवर्तन का एक और युग आया जब आपने मुझे अपनी सेवा करने का अवसर दिया। पहले की सरकारें सोचती थीं कि पूर्वोत्तर बहुत दूर है। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को अंतिम गांव माना जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने उन्हें पहले देश का गांव माना ।

PM ने डोनी पोलो एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में उड़ान ब्रोशर लॉन्च किया।
PM ने डोनी पोलो एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में उड़ान ब्रोशर लॉन्च किया।

690 एकड़ में फैला है एयरपोर्ट
इस एयरपोर्ट की आधारशिला PM ने 2019 में रखी थी। डोनी पोलो एयरपोर्ट का नाम अरुणाचल प्रदेश में सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति सदियों पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है। यह एयरपोर्ट करीब 690 एकड़ में फैला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके निर्माण में 640 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 2300 मीटर रनवे के साथ यह एयरपोर्ट सभी मौसम में ऑपरेट हो सकेगा।

एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) लगाया गया है, जिसमें एक ग्लाइडपथ, एक लोकलाइजर, और दूरी मापने के डिवाइस शामिल हैं। इससे हर मौसम में एयरपोर्ट पर ऑपरेशन में मदद मिलेगी। राज्य में मौसम का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है ऐसे में इस तरह की डिवाइस की बहुत जरूरत थी।

नीचे डोनी पोलो एयरपोर्ट की फोटोज दी गई है....

ईटानगर के होलांगी में यह पहला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है। PM मोदी ने फरवरी 2019 में इसकी आधारशिला रखी थी।
ईटानगर के होलांगी में यह पहला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है। PM मोदी ने फरवरी 2019 में इसकी आधारशिला रखी थी।
यह अरुणाचल प्रदेश का तीसरा ऑपरेशनल एयरपोर्ट होगा। इसके बाद अब नॉर्थ ईस्ट में कुल हवाई अड्डों की संख्या 16 हो जाएगी।
यह अरुणाचल प्रदेश का तीसरा ऑपरेशनल एयरपोर्ट होगा। इसके बाद अब नॉर्थ ईस्ट में कुल हवाई अड्डों की संख्या 16 हो जाएगी।
पांच पूर्वोत्तर राज्यों यानी कि मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के हवाई अड्डों ने 75 साल में पहली बार उड़ानें शुरू की हैं।
पांच पूर्वोत्तर राज्यों यानी कि मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के हवाई अड्डों ने 75 साल में पहली बार उड़ानें शुरू की हैं।
इस एयरपोर्ट के निर्माण में 640 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 2300 मीटर रनवे के साथ यह एयरपोर्ट सभी मौसम में ऑपरेट हो सकेगा।
इस एयरपोर्ट के निर्माण में 640 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 2300 मीटर रनवे के साथ यह एयरपोर्ट सभी मौसम में ऑपरेट हो सकेगा।
एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) लगाया गया है। इससे हर मौसम में फ्लाइट के ऑपरेशन में मदद मिलेगी।
एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) लगाया गया है। इससे हर मौसम में फ्लाइट के ऑपरेशन में मदद मिलेगी।

PM कामेंड हाइड्रो पावर स्टेशन का उद्घाटन
PM मोदी 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन का भी उद्घाटन किया । इस परियोजना को 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाया गया है। यह पावर स्टेशन पश्चिम कामेंग जिले में 80 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैला है। इस परियोजना से राज्य को बिजली संकट से निजात मिलेगी। साथ ही राष्ट्रीय ग्रिड को भी लाभ मिलेगा।