उम्मीदें खूंटे से बंधी मवेशी जैसी होती हैं। चारा पूरा खाती हैं, लेकिन जरूरी नहीं दूध भी उतना ही देती जाएं। स्टूडेंट्स की उम्मीदों के साथ बजट में कुछ ऐसा ही हुआ है। बजट की सात प्राथमिकताओं को सप्त ऋषि बजट कहा गया, इसमें एजुकेशन पर फोकस नहीं है, हालांकि यूथ पावर जरूर शामिल है।
देखिए बजट में आपके लिए कुल जमा 12 बातें कही गई हैं…
सुपर 30 वाले आनंद कुमार से जानिए इसका मतलब…
बजट पर आनंद कुमार का पूरा रिव्यू देखने के लिए क्लिक करें।
आप कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे हों या अपने-अपने क्लास की पढ़ाई में जुटे हों। एग्जाम्स के लिहाज से बजट को पढ़ना और समझना जरूरी होता है। प्रश्न यहां से भी आ सकते हैं।
बजट 2023-24 से जुड़ी बातें जो परीक्षा में आएंगी काम
पूरे बजट से स्टूडेंट्स के काम के जनरल नॉलेज को सवाल-जवाब 7 सवाल और उनके जवाब में जानिए। ये आपको प्रतियोगी परीक्षा में जीत दिला सकते हैं। LINK क्लिक करें
23 पॉइंट्स में 23 का बजट
इस बजट को वित्त मंत्री ने 1 घंटे 25 मिनट में पढ़ा। काफी लंबा है, तो 23 पॉइंट्स में 23 का बजट समझने के लिए LINK को क्लिक करिए।
रोजगार के अवसर पर असर समझना मुश्किल
इस बजट से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे या घटेंगे, कहना मुश्किल है। हालांकि भास्कर ने इस मामले के एक्सपर्ट अवध ओझा से बात की है। सीधे शब्दों में कहें तो उनका कहना है कि देश का यूथ फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण से जॉब्स को बूस्टर डोज देने की उम्मीद कर रहा था, ताकि फ्यूचर ब्राइट हो जाए। उनका भी और देश का भी, लेकिन पिछली बार की तरह फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया। पूरी बात यहां LINK क्लिक करके समझ सकते हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन सस्ते; सिगरेट, चांदी और किचन चिमनी महंगी
आने वाले दिनों में मोबाइल फोन खरीदना सस्ता हो सकता है, वहीं चांदी खरीदना महंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है और चांदी पर ड्यूटी में इजाफा किया है। ऐसे में आम आदमी की जेब पर किन चीजों का बोझ बढ़ने जा रहा है और किससे उसे राहत मिलेगी। क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा... ये जानने के लिए इस LINK पर जाएं।
अब पिछला हिसाब
पिछले बजट में शिक्षा और रोजगार से जुड़ी 6 बड़ी घोषणाएं और उनका हाल
घोषणा 1- ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी।
जो हुआ: पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री समेत 50 केंद्रीय मंत्रियों ने अलग-अलग लोकेशन पर 75 हजार युवाओं को अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे। जबकि रक्षा मंत्रालय में 2.5 लाख, रेलवे में 2.91 लाख और गृह मंत्रालय में 1.21 लाख पद खाली हैं।
घोषणा 2- ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 5 साल में 60 लाख नौकरियां आएंगी।
जो हुआ: भारत सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, यानी PIB की 9 सितंबर 2022 की प्रेस रिलीज के मुताबिक, PLI स्कीम से 28,636 रोजगार जनरेट हुए। पांच साल में 60 लाख नौकरियों के हिसाब से एक साल में 12 लाख जॉब जनरेट होने चाहिए थे, लेकिन हुए सिर्फ 28,636।
घोषणा 3- पहली से लेकर 12वीं तक क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई की सुविधा होगी।
जो हुआ: सरकार की ओर से अब तक कोई अपडेट नहीं है।
घोषणा 4- व्यवसायिक शिक्षा के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनेगी।
जो हुआ: डिजिटल यूनिवर्सिटी शुरू नहीं हो पाई है। दावा है कि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी 2023-24 सेशन से शुरू हो जाएगी। इसका कंटेंट 'स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स', यानी SWAYAM प्लेटफॉर्म पर होस्ट होगा। यूनिवर्सिटी को 'हब एंड स्पोक' मॉडल पर बनाया गया है। इसमें अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कोर्स उपलब्ध रहेंगे। यहां से स्टूडेंट्स को डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
घोषणा 5- पांच संस्थानों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा और 25 हजार करोड़ का फंड देंगे।
जो हुआ: किसी भी संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा नहीं दिया गया है। हालांकि यूनिवर्सिटी लेवल पर सर्वे टीम बनाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद नेशनल असेसमेंट एक्सेशन काउंसिल, यानी NAAC इसका वैल्यूएशन करेगा। उसके बाद कमेटी बनाई जाएगी, जो ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा देगी।
घोषणा 6- D2H प्लेटफॉर्म पर ‘प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना’ के तहत ‘एक चैनल, एक क्लास’ योजना में चैनल 12 से बढ़कर 200 होंगे।
जो हुआ: साल बीत गए, अब भी 12 चैनल ही हैं।
एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर में टॉप-5 इकोनॉमी वाले देशों में भारत आगे
भारत ने पिछले साल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी। हम दुनिया की टॉप-5 इकोनॉमी वाले देशों में शामिल हुए। अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद पांचवें नंबर पर हम हैं। इन पांचों देशों में स्कूल-कॉलेजों की संख्या देखें तो आंकड़ों में भारत का एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से अच्छा है। बस जरूरत है, व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की और स्कूलों को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने की। इन्फोग्राफिक्स से समझिए भारत का एजुकेशन स्ट्रेक्चर...
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