बड़ी चतुराई से गंगा पार हो गए मोदी। राजनीति की ही बात करें तो एक कुशल, चतुर राजनेता की पहचान यही होती है। अडानी पर कई दिन तक संसद ठप रही। मंगलवार को जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस ने कई आरोप लगाए, लेकिन इन सब की चर्चा तक नहीं की और अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, लोगों के भरोसे और श्रीनगर के लाल चौक की चर्चा के बहाने ऐसे तंज कसे कि विपक्ष टकटकी लगाए सुनता रहा।
आरोपों के बारे में उन्होंने मुफ़्त राशन की अपनी योजना की याद दिलाई। कहा देश के अस्सी करोड़ लोग जिन्हें मुफ़्त राशन मिल रहा है, वे विपक्ष के झूठे आरोपों पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? देश के ग्यारह करोड़ किसान जिनके खातों में सीधा पैसा जा रहा है वे विपक्ष के झूठे आरोपों पर कैसे भरोसा करेंगे? कुल मिलाकर वे यह कह रहे थे कि सरकार ने जो कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं, उनके कारण आम जनता उन पर यानी मोदी पर भरोसा करती है। यही भरोसा उनका सुरक्षा कवच है। इस कवच को कोई मिथ्या आरोप भेद नहीं सकता।
कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया था कि मोदी सरकार ने ऑस्ट्रेलिया में अडानी को खदानों का ठेका दिलवाया है। मोदी ने किसी का नाम लिए बग़ैर कहा- पहले विपक्ष कहता था कि विश्व के सामने भारत कमजोर हो रहा है। अब वही विपक्ष आरोप लगा रहा है कि भारत सरकार विदेशों से अपने पक्ष में फ़ैसला करवा रही है। यह विरोधाभास आख़िर क्यों? पहले तय तो कर लीजिए कि भारत कमजोर हुआ है या ताकतवर? मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कवि दुष्यंत कुमार का शेर पढ़ा-
तुम्हारे पाँव के नीचे ज़मीन नहीं है,
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं है।
मोदी का कहना था कि नौ साल हो गए लेकिन अब तक विपक्ष की गलतफहमी दूर नहीं हुई। अनाप- शनाप कीचड़ उछालकर ही वे मोदी को बदनाम करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष को याद रखना चाहिए कि मोदी तप कर यहाँ तक पहुँचा है। अख़बारों और टीवी पर चेहरा दिखा- दिखाकर ये ओहदा नहीं पाया है।
कांग्रेस पर तो वे इतने बरसे जिसका कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने कहा कांग्रेस के पतन पर केवल हॉर्वर्ड ही नहीं, विश्व के तमाम विश्वविद्यालय रिसर्च करने वाले हैं। यही नहीं मैं तो कहता हूँ - कांग्रेस को डुबोने वाले लोगों पर भी रिसर्च होनी चाहिए।
कुल मिलाकर अपनी आकर्षक भाषण शैली के ज़रिए प्रधानमंत्री ने अडानी को लेकर उनकी सरकार पर लगे तमाम आरोपों को फीका करने की कोशिश की और बहुत हद तक अपने इस प्रयास में मोदी सफल भी हुए।
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